Last Updated:February 24, 2025, 15:51 ISTभारत में प्रॉपर्टी की कीमतें अमेरिका और यूरोप से भी महंगी हो गई हैं, जबकि हमारी कमाई कम है. योगेन शाह ने इसे भ्रष्टाचार और काले धन का नतीजा बताया. सोशल मीडिया पर लोगों ने नाराजगी जताई.हाइलाइट्सभारत में प्रॉपर्टी की कीमतें अमेरिका-यूरोप से महंगी हैं.योगेन शाह ने इसे भ्रष्टाचार और काले धन का नतीजा बताया.सोशल मीडिया पर लोगों ने प्रॉपर्टी की महंगाई पर नाराजगी जताई.नई दिल्ली. आखिर भारत में प्रॉपर्टी की कीमतें अमेरिका और यूरोप से भी महंगी क्यों हो गई हैं, जबकि हमारी कमाई और हमारी इकॉनमी का स्तर उनके सामने कहीं नहीं ठहरता. घरों की कीमतें सातवें आसमान को छू रही हैं, जबकि आम आदमी हैरान-परेशान है, बेबस है. ऐसा मानना है पेट्रोफैक के सप्लाई चेन डायरेक्टर योगेन शाह का. शाह ने इस हाइपर महंगाई के लिए भ्रष्टाचार से कमाए गए काले धन को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने यहां तक कहा कि मार्केट में अब पारदर्शिता जैसी कोई चीज नहीं बची है.
योगेन शाह ने अपने एक दोस्त का किस्सा सुनाया, जिसने मुंबई के एक उपनगर में 1,100 वर्ग फीट का तीन कमरों वाला फ्लैट 3.5 करोड़ रुपये में खरीदा. अब जरा सोचिए, इतनी छोटे से जगह में तीन कमरे कैसे समा सकते हैं? यह सुनकर तो दिमाग चकरा जाए! शाह ने इसे “अनियंत्रित महंगाई” का नाम दिया और इसका ठीकरा भ्रष्टाचार से कमाए गए काले धन पर फोड़ा. उनका कहना है कि इस बाजार में पारदर्शिता नाम की चीज ही नहीं है. जहां बैंक से 50,000 रुपये निकालने पर सवाल उठते हैं, वहीं रियल एस्टेट में करोड़ों रुपये बिना किसी सख्त जांच के इधर से उधर हो रहे हैं. शाह ने तंज कसते हुए पूछा, “आप अपने परिवार के उन सदस्यों के नाम पर भी प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं, जो कमाते भी नहीं. यह कैसे संभव है?”
भीड़ के हिसाब से बढ़ते हैं दामउन्होंने शेयर बाजार से इसकी तुलना की और बताया कि जहां शेयरों की कीमत किसी कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर करती है, लेकिन रियल एस्टेट में ऐसा कुछ नहीं. हवा खराब हो, पानी की किल्लत हो, ट्रैफिक का बुरा हाल हो, फिर भी कीमतें कम होने का नाम नहीं लेतीं. उल्टा, भीड़ बढ़ती है तो दाम और बढ़ते हैं! आर्थिक आंकड़ों के साथ अपनी बात को पुख्ता करते हुए शाह बताते हैं कि अमेरिका की जीडीपी 27 ट्रिलियन डॉलर है, जबकि भारत की सिर्फ 4 ट्रिलियन डॉलर. वहां प्रति व्यक्ति सालाना आय 60,000 डॉलर है, और हमारे यहां मुश्किल से 2,500 डॉलर. फिर भी भारत में घरों की कीमतें, वहां से आगे निकल रही हैं. शाह का साफ कहना है, “मैं अपना पैसा भारतीय रियल एस्टेट में नहीं लगाऊंगा, सिवाय अपने रहने के लिए एक घर के. आप क्या करेंगे?”
लोगों ने दिया ऐसा रिएक्शनइस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर तूफान मचा दिया. लोग अपनी भड़ास निकालने लगे. किसी ने कहा, “इन कीमतों पर घर खरीदने का तो सपना भी नहीं देख सकता. सड़कें टूटी, पानी प्राइवेट टैंकरों से, बिजली गुल, फिर भी दाम आसमान पर. कौन इस बाजार को नियंत्रित कर रहा है, भगवान जाने!” एक और शख्स ने लिखा कि रजिस्ट्री के दाम से दोगुने पर प्लॉट बिकते हैं, आधा पैसा नकद में लिया जाता है ताकि टैक्स बचे.
कुछ लोगों ने सुझाव भी दिए. एक यूजर ने कहा, “एक शहर में एक व्यक्ति को एक से ज्यादा प्रॉपर्टी खरीदने की इजाजत नहीं होनी चाहिए. आधार कार्ड से इसे जोड़ा जाए ताकि निवेशक बाजार को न बिगाड़ सकें.” वहीं, एक अन्य ने मांग की कि बेनामी संपत्ति पर रोक लगे और महिलाओं के नाम पर टैक्स छूट का दुरुपयोग बंद हो.
हालांकि, हर कोई नाराज नहीं था. एक यूजर ने तर्क दिया कि गुरुग्राम में 100 करोड़ रुपये के फ्लैट बिक रहे हैं और वो भी चुटकियों में बिक गए. उनके मुताबिक, शहरी सीमा में लग्जरी सुविधाओं वाले घरों की मांग बढ़ रही है. कमाई बढ़ने और लोन आसान होने से मध्यम वर्ग आज भी सबसे बड़ा खरीदार है.
मुंबई में कितनी है प्रॉपर्टी की कीमतें
मुंबई में प्रॉपर्टी की कीमतें: क्षेत्रवारक्षेत्रऔसत मूल्य (₹ प्रति वर्ग फुट)साउथ मुंबई₹1,00,000 – ₹1,50,000पश्चिमी उपनगर₹32,000 – ₹62,000ठाणे₹15,000 – ₹17,000नवी मुंबई₹10,000 – ₹30,000डोंबिवली (ईस्ट), कल्याण (ईस्ट), अंबरनाथ, टिटवाला₹4,500 तक
आंकड़े – NoBroker, Houssed, 99acres
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :February 24, 2025, 15:51 ISThomebusinessभारत में प्रॉपर्टी अमेरिका-यूरोप से भी महंगी, जबकि कमाई में हम कुछ नहीं!
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