आम आदमी की बात छोड़िए, अमीरों को भी घर खरीदने में छूट रहे पसीने

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Last Updated:June 24, 2025, 12:26 ISTNHB के अनुसार, देश की 21 राजधानियों में से 10 में औसत आकार का घर खरीदने के लिए 30 साल तक बचत करना जरूरी गया है. खास बात यह है कि हरियाणा और पंजाब की संयुक्‍त राजधानी चंडीगढ़ कैपिटल सिटीज में सबसे सस्ता है.आम आदमी के लिए महानगर में घर खरीदना एक सपना बन गया है. हाइलाइट्सदेश में प्रॉपर्टी के रेट में भारी उछाल आया है.मेट्रो शहरों में अमीरों के लिए भी घर लेना मुश्किल हो रहा है.मुंबई में घर की कीमत सबसे महंगी है.नई दिल्ली. देश में प्रॉपर्टी की कीमतों में खूब उछाल आया है. बड़े शहरों में तो आम आदमी तो छोडिए अमीरों को भी घर खरीदने में पसीने छूट रहे हैं. नेशनल हाउसिंग बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्‍ट्र के शहरों में रहने वाले 5 फीसदी सबसे अमीर परिवारों को मुंबई में एक औसत आकार का घर खरीदने के लिए 100 साल से ज्‍यादा समय तक बचत करनी होगी. हरियाणा के अमीरों को गुरुग्राम में और ओडिशा के टॉप 5% शहरी अमीरों को भुवनेश्‍वर में मकान खरीदने को 50 से 60 साल तक बचत करनी होगी.यह आकलन राज्यों की राजधानियों में 110 वर्ग मीटर यानी 1,184 वर्ग फीट के एक औसत आकार के घर की कीमत की तुलना में किया गया है. यह घरों के मध्यम आकार की श्रेणी में आता है, जिनकी कीमत का डेटा NHB रजिस्ट्रेशन और वैल्यूएशन स्रोतों से जुटाता है. इस भारत में 2022-23 के दौरान ग्रॉस सेविंग रेट जीडीपी के मुकाबले 30.2% रही. इसी को आधार बनाकर शीर्ष 5% आय वर्ग वाले परिवारों की बचत का अनुमान लगाया गया. राज्‍यवार तुलना की गई तो यह तथ्‍य सामने आया कि देश के कई बड़े शहरों में अमीरों के लिए भी घर खरीदना आसान काम नहीं है.

सालाना 3.2 लाख रुपये बचत

महाराष्ट्र में शहरी क्षेत्रों के टॉप 5% परिवारों की औसत प्रति व्यक्ति मासिक खपत ₹22,352 बैठती है. चार सदस्यों के परिवार की कुल मासिक आय ₹89,408 आंकी गई है जो, यानी सालाना ₹10.7 लाख. इस आय पर 30.2% की बचत दर के हिसाब से एक परिवार हर साल ₹3.2 लाख रुपये बचा सकता है. मार्च 2025 में मुंबई में 1,184 वर्ग फीट वाले घर की औसत कीमत ₹3.54 करोड़ थी. ऐसे में यह घर खरीदने के लिए एक परिवार को 109 साल तक सेविंग करनी होगी.

कहां कितने साल करनी होगी बचत

हरियाणा के गुरुग्राम में शीर्ष 5% शहरी अमीर परिवारों को अपने घर का सपना पूरा करने के लिए 63 साल तक बचत करनी होगी. वहीं, ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में यह अवधि 50 साल से अधिक होगी. इन आंकड़ों से साफ है कि संपन्न राज्यों की राजधानियों या बड़े शहरों में घर खरीदना अब अमीर माने जाने वाले परिवारों के लिए भी टेढी खीर हो गया है.

चंडीगढ सबसे सस्‍ती राजधानी

NHB के अनुसार, देश की 21 राजधानियों में से 10 में औसत आकार का घर खरीदने के लिए 30 साल तक बचत करना जरूरी गया है. खास बात यह है कि हरियाणा और पंजाब की संयुक्‍त राजधानी चंडीगढ़ कैपिटल सिटीज में सबसे सस्ता है. यहां एक परिवार 15 साल की बचत से 1,184 वर्ग फीट का घर खरीद सकता है. राजस्थान की राजधानी जयपुर ही एकमात्र अन्य शहर है जहां 20 साल से कम समय की बचत में घर खरीदा जा सकता है.Location :New Delhi,New Delhi,Delhihomebusinessआम आदमी की बात छोड़िए, अमीरों को भी घर खरीदने में छूट रहे पसीने

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