प्रॉपर्टी की रजिस्‍ट्री करवाने को दिखाना पड़ सकता है ये कागज

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Last Updated:June 18, 2025, 08:13 ISTदिल्ली में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए पानी का बिल अनिवार्य हो सकता है. सरकार राजस्‍व बढाने और पानी की बर्बादी रोकने को हर घर में पानी का वैध कनेक्‍शन लगाना चाहती है. प्रॉपर्टी रजिस्‍ट्रेशन के लिए वाटर बिल जरूरी हो सकता है. हाइलाइट्सदिल्ली में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए पानी का बिल अनिवार्य होगा.सरकार सीवरेज सिस्टम सुधारने और राजस्व बढ़ाने की योजना बना रही है.जल दरों में संशोधन पर भी विचार किया जा रहा है.नई दिल्ली. राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में जल्‍द ही लोगों को घर, प्‍लॉट और दुकान की रजिस्‍ट्री कराते वक्‍त पानी का बिल दिखाना पड़ सकता है. सरकार राजस्‍व बढाने और सभी प्रॉपर्टीज को जल बोर्ड की बिलिंग व्‍यवस्‍था के तहत लाने के लिए प्रॉपर्टी रजिस्‍ट्रेशन में पानी का बिल अनिवार्य करने की योजना बना रही है.  दिल्‍ली सरकार के अधिकारियों के अनुसार, यह प्रस्ताव फिलहाल विचाराधीन है और जल्द ही इसे लागू किया जा सकता है. . वर्तमान में संपत्ति पंजीकरण के लिए स्टांप ड्यूटी, विक्रय विलेख, खरीदार और विक्रेता की पहचान, आय प्रमाण पत्र, बिजली बिल और दो गवाहों की आवश्यकता होती है.प्रॉपर्टी रजिस्‍ट्रेशन में पानी के बिल को अनिवार्य करने के पीछे सरकार का एक मकसद शहर में सीवरेज सिस्टम को सुधारना है, खासकर उन अनधिकृत कॉलोनियों में जहां ज्यादातर घरों में ना तो पानी की लाइन है और ना ही सीवर कनेक्शन. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बिना सीवरेज कनेक्शन के गंदा पानी सीधे यमुना नदी में जाकर प्रदूषण फैला रहा है. इसके अलावा दिल्ली जल बोर्ड (DJB) को भी लगातार राजस्व का नुकसान हो रहा है क्योंकि हजारों घरों में अवैध जल कनेक्शन के माध्यम से पानी की आपूर्ति हो रही है.

29 लाख वैध जल कनेक्‍शन

इंडियन एक्‍सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में लगभग 29 लाख वैध जल कनेक्शन हैं, जबकि 2011 की जनगणना के अनुसार उस समय 34 लाख घर थे. अब यह संख्या लगभग दोगुनी हो चुकी है. यानी वर्तमान में बड़ी संख्या में घर बिना पंजीकृत जल कनेक्शन के ही पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं. एक अधिकारी ने बताया कि “दिल्ली में अब स्वतंत्र फ्लोर सिस्टम का चलन बढ़ गया है. लोग एक प्लॉट पर चार मंजिलें बनाकर फ्लोर-वार बेचते हैं, लेकिन हर फ्लोर पर रहने वाले परिवार अलग-अलग जल कनेक्शन नहीं लेते और न ही पानी के बिल का भुगतान करते हैं. संपत्ति बेचते समय भी विक्रेता पानी का बिल साझा नहीं करते.” इस स्थिति को सुधारने के लिए राजस्व विभाग को पानी का बिल भी प्रॉपर्टी रजिस्‍ट्रेशन के वक्‍त अनिवार्य करने का प्रस्‍ताव भेजा गया है.

पानी की दरों में संशोधन संभव

सरकार जल दरों को भी संशोधित करने पर विचार कर रही है. अधिकारियों के अनुसार, वर्तमान बिलिंग सिस्टम में कई खामियां हैं और बड़ी संख्या में उपभोक्ता बिलों का भुगतान नहीं करते. अंतिम बार जल शुल्क फरवरी 2018 में संशोधित किया गया था. अब इसे दोबारा संशोधित करने की तैयारी चल रही है. दिल्ली जल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में 50 से 52 प्रतिशत “नॉन-रेवेन्यू वॉटर” यानी ऐसा पानी जो उत्पादन और आपूर्ति के बाद भी ग्राहकों तक नहीं पहुंचता, बर्बाद हो रहा है. यह स्थिति न केवल जल संकट को बढ़ावा दे रही है, बल्कि सरकारी खजाने पर भी असर डाल रही है.Location :New Delhi,New Delhi,Delhihomebusinessप्रॉपर्टी की रजिस्‍ट्री करवाने को दिखाना पड़ सकता है ये कागज

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