Last Updated:June 16, 2025, 12:23 ISTAmrapali Housing Project : सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद आम्रपाली प्रोजेक्ट के मकान खरीदारों को अपना घर मिलने की उम्मीद जगी थी, लेकिन इस प्रोजेक्ट का जिम्मा संभालने वाली कंपनी एनबीसीसी ने इस बार कुछ खेल कर दि…और पढ़ेंमकान खरीदारों ने एनबीसीसी पर उनका फ्लैट आवंटन रद्द करने का आरोप लगाया है. हाइलाइट्सNBCC के रवैये से आम्रपाली होम बायर्स नाराज.होम बायर्स ने सुप्रीम कोर्ट में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया.NBCC ने फ्लैट्स को कम कीमत पर निजी बिल्डर्स को बेचा.नई दिल्ली. करीब 9 साल इंतजार और लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आम्रपाली प्रोजेक्ट में मकान खरीदने वालों को अपना घर मिलने की उम्मीद जगी थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (NBCC) ने इन अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी ली थी. लेकिन, अब एनबीसीसी के रवैये से भी होम बायर्स खुश नहीं हैं और एक बार फिर उन्हें अपना पैसा व सपना डूबता नजर आ रहा है. इससे नाराज मकान खरीदारों ने नोएडा सेक्टर 62 स्थित एनबीसीसी के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन भी किया और मामले को फिर शीर्ष अदालत तक ले गए, जहां एनबीसीसी सहित बिल्डर्स के रवैये की जांच की मांग कर रहे हैं.टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, होम बायर्स का आरोप है कि उनके फ्लैट्स के आवंटन को रद्द कर दिया गया और बाद में बहुत कम कीमत पर अन्य लोगों को दे दिया गया, ताकि पैसे कमाए जा सकें. इस पूरे मामले में खरीदारों को अपनी बात रखने का मौका भी नहीं दिया गया. NBCC ने निजी डेवलपर्स को नए फ्लैट्स एकसाथ बेचने के अपने फैसले का बचाव किया है. कंपनी का कहना है कि यह तरीका रुके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए फंड जुटाने का आखिरी उपाय था. दूसरी ओर, मकान खरीदारों का कहना है कि एनबीसीसी ने देर से भुगतान के नाम पर उनके आवंटित फ्लैट्स को रद्द कर दिया है.
क्या खेल कर रही एनबीसीसी
होम बायर्स ने आरोप लगाया है कि एनबीसीसी चैनल पार्टनर्स के जरिये इन फ्लैट्स को प्राइवेट बिल्डर के हाथों बेच रही. जब NBCC ने अम्रपाली प्रोजेक्ट्स की जिम्मेदारी संभाली, तो उन्हें इसे पूरा करने की जिम्मेदारी मिली. हालांकि, सभी यूनिट्स को पूरा करने के उद्देश्य से NBCC ने अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) 2.75 से 3.5 तक खरीदा, ताकि उन्हें डेवलपर्स को बेच सके. होम बायर्स के हक के लिए आवाज उठाने वाली संस्था नोएडा एक्सटेंशन फ्लैट ओनर वेलफेयर एसोसिएशन (नेफोवा) के उपाध्यक्ष दीपांकर कुमार ने कहा कि एक तरफ NBCC फंड की कमी का दावा कर रहा है. दूसरी ओर, NBCC ने FAR मांगा और फिर इसे गौरसन्स और अन्य खिलाड़ियों को दे दिया.
कितने रुपये में बेची यूनिटकुमार ने आरोप लगाया कि NBCC ने हजारों यूनिट्स को रद्द कर दिया और बाद में उन्हें सेंटुरियन पार्क प्रोजेक्ट में गौरसन्स को 7,200 रुपये प्रति वर्गफुट पर दे दिया. अब गौरसन्स इसे अपने विज्ञापनों में अपना प्रोजेक्ट बता रहा है. हालांकि, इसे विकसित करना NBCC का काम है. गौरसन्स सिर्फ एक चैनल पार्टनर है. सूत्रों का कहना है कि गौरसन्स इन यूनिट्स को 11,000 से 12,000 रुपये प्रति वर्ग फुट पर बेच रहा है. लिहाजा अब यह पूरा मामला संदिग्ध नजर आ रहा है.
सुप्रीम कोर्ट में उठाया भ्रष्टाचार का मुद्दाकुमार ने कहा कि हमें इसमें गंभीर भ्रष्टाचार की गंध आ रही है और हम इसे सुप्रीम कोर्ट के सामने उठाएंगे. खरीदारों ने अपने मेहनत की कमाई से अपने सपनों के घर पाने के लिए निवेश किया था. सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद हमें राहत की सांस मिली थी, लेकिन हमारी उम्मीदें खत्म हो गई हैं. इसमें कुछ गड़बड़ है और हमारे लिए काम करने आगे आई एनबीसीसी ने ही इस बार बड़ा खेल करके अरमानों पर पानी फेर दिया है.Pramod Kumar Tiwariप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ेंप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessआम्रपाली के मकान खरीदारों पर नई मुसीबत! अब सरकारी कंपनी NBCC ने कर दिया खेल
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