Last Updated:February 09, 2025, 07:07 ISTProperty Market : भारत के प्रॉपर्टी बाजार में पिछले 30 साल के दौरान कई बार उतार-चढ़ाव के चक्र आए और इसका असर प्रॉपर्टी की कीमतों पर भी दिखा. एक बार फिर ऐसा ही चक्र रियल एस्टेट मार्केट में चल रहा है, जो निवेशको…और पढ़ेंदेश के प्रॉपर्टी बाजार में अभी तेज उछाल दिख रहा है. हाइलाइट्स30 साल में 4 बार बदला भारतीय रियल एस्टेट बाजार.आर्थिक सुधार और नीतिगत बदलाव से रियल एस्टेट को बढ़ावा मिला.भविष्य में निवेश के लिए रियल एस्टेट चक्र को समझना जरूरी.नई दिल्ली. भारतीय रियल एस्टेट बाजार में पिछले 30 साल के दौरान 4 बड़े बदलाव आए और इन बदलावों का एक बाकायदा चक्र चला है. प्रत्येक चक्र की शुरुआत आर्थिक सुधारों और नीतिगत बदलावों से हुई. विदेशी निवेश और बुनियादी ढांचे में सुधार ने रियल एस्टेट को बढ़ावा दिया. प्रत्येक चक्र में संपत्ति की कीमतें अपने चरम पर पहुंचीं और फिर मंदी आई. आर्थिक सुधार और नीतिगत बदलाव रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं. विदेशी निवेश और बुनियादी ढांचे में सुधार से दीर्घकालिक वृद्धि होती है. संपत्ति की कीमतों में अत्यधिक वृद्धि से बचने के लिए पारदर्शिता और विनियमन आवश्यक हैं. अगर आप इन चक्रों को समझ जाते हैं तो इनके आधार पर भविष्य में निवेश भी आसान हो जाएगा.
1994 से 99 तक पहला चक्रसाल 1991 के आर्थिक सुधारों के बाद भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र में तेजी आई. एनआरआई (NRI) और पीआईओ (PIO) को निवेश की अनुमति दी गई, जिससे बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश हुआ. पीआईओ कार्ड धारकों को भारत आने के लिए अलग से वीजा की जरूरत नहीं होती थी, जिससे निवेशकों को प्रोत्साहन मिला. साल 1995 में संपत्ति की कीमतें अपने चरम पर पहुंच गईं, लेकिन 1997-98 के एशियाई वित्तीय संकट ने विदेशी पूंजी को खत्म कर दिया, जिससे मंदी आई.
2004 से 08 तक दूसरा चक्रनई टेलीकॉम नीति, 1999 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 ने निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाया. विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) अधिनियम और जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (JNNURM) ने बुनियादी ढांचे में बड़े निवेश को प्रोत्साहित किया. साल 2005 में, रियल एस्टेट परियोजनाओं में एफडीआई को पूरी तरह से खोल दिया गया. लेहमन ब्रदर्स के पतन ने वैश्विक आर्थिक मंदी को जन्म दिया, जिससे निवेशकों के लिए अपने निवेश से बाहर निकलना मुश्किल हो गया.
2010 से 13 तक तीसरा चक्रभारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत वृद्धि और तेजी से शहरीकरण ने रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा दिया. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) और प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं ने कनेक्टिविटी में सुधार किया. सरकारी नीतियों ने रियल एस्टेट में निवेश को प्रोत्साहित किया, लेकिन संपत्ति की कीमतें उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं और सख्त मौद्रिक नियमों और आर्थिक तनाव ने मांग को कम कर दिया.
2021 से चौथा चक्र जारीलॉकडाउन के दौरान स्थगित मांग, कम ब्याज दरें और सरकारी प्रोत्साहन ने रियल एस्टेट क्षेत्र को एक बार फिर बढ़ावा दिया. वर्क-फ्रॉम-होम ट्रेंड ने बड़े घरों की मांग बढ़ाई. एनआरआई निवेश और जीवनशैली में बदलाव ने भी इस चक्र को प्रभावित किया. राजमार्ग और एक्सप्रेसवे नेटवर्क का विस्तार और नए हवाई अड्डों का निर्माण भी महत्वपूर्ण कारण रहे. लेकिन, आने वाले समय में इसमें एक बार फिर मंदी की पूरी आशंका है. लिहाजा निवेशकों को इन बातों को ध्यान में रखते हुए भविष्य की योजना बनानी चाहिए.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 09, 2025, 07:07 ISThomebusiness30 साल में 4 बार बदला रियल एस्टेट बाजार, समझ गए तो आसान होगा निवेश
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