नई दिल्ली. आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि महिलाओं के लिए लोन आसानी से उपलब्ध होता है, जबकि पुरुषों के लिए उतना ही मुश्किल. मगर क्या आपको मालूम है, ऐसा क्यों है? इसके पीछे वजह है महिलाओं की शराफत. सिबिल (CIBIL) की एक रिपोर्ट कहती है कि लोन चुकाने के मामले में महिलाएं पुरुषों से अधिक अनुशासित होती हैं. इसी अनुशासन के चलते महिलाओं को बेहतर ब्याज दरें ऑफर होती हैं और उन्हें लोन मिलने की दर भी ज्यादा होती है.
सिबिल की रिपोर्ट तो बस एक चीज है, लेकिन इसके अतिरिक्त भी कई ऐसी चीजें हैं, जिनके चलते महिलाओं को आसानी से सस्ता लोन मिल जाता है. आज हम उन्हीं के बारे में बात करने जा रहे हैं.
महिलाओं को लोन देना कम रिस्कीसिबिल की रिपोर्ट यह भी कहती है कि महिलाओं को लोन देना पुरुषों के मुकाबले में कम रिस्की है. इसका मतलब यह है कि महिलाओं को दिया गया लोन वापस आने के चांस पुरुषों के मुकाबले अधिक होते हैं. यही वजह है कि लोन देने वाले बैंक या एनबीएफसी महिलाओं को आसानी से सस्ता लोन देने के लिए राजी हो जाते हैं. वित्त वर्ष 2023 के आंकड़े बताते हैं कि 1.9 फीसदी महिलाओं ने लोन डिफॉल्ट किए, जबकि 2.5 फीसदी पुरुषों ने लोन देने में आनाकानी की.
समय से पहले लोन चुकाने की आदतमहिलाओं की क्रेडिट प्रोफाइल भी बेहतर होती है. जाहिर है, जिसकी क्रेडिट प्रोफाइल अच्छी होगी, लेंडर उसे आसानी से लोन दे देते हैं. क्रेडिट प्रोफाइल अच्छी तब होती है, जब कोई अपना पहले का लिया हुआ लोन समय से पहले चुकता कर दे. इसके साथ ही यदि कोई व्यक्ति अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल एक सीमा में रहकर करता है और वक्त पर उसका भुगतान भी करता है, उसकी क्रेडिट प्रोफाइल बेहतर होती चली जाती है. यह वाला सीन पुरुषों के साथ कम और महिलाओं के साथ अधिक है. मार्च 2024 में फाइब (Fibe) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया कि समय पर किस्त चुकाने के मामले में पुरुषों के मुकाबले 10 फीसदी बेहतर हैं.
सरकारें और वित्तीय संस्थाएं महिलाओं को अधिक सशक्त बनाने के लिए कई तरह की स्कीमें लॉन्च करती हैं. कुछ स्कीमों में तो महिलाओं उद्यमियों को लोन लेने पर सब्सिडी भी मिलती है. यदि वे किसी स्कीम में आती हैं तो उन्हें लोन से इनकार नहीं किया सकता. इस वजह से भी महिलाओं को कम ब्याज दरों पर लोन हासिल करना आसान हो जाता है. ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं, आप देख सकते हैं कि महिलाओं को होम लोन पर ब्याज दरों में कुछ छूट मिलती है.
ज्यादा सुलझी होती हैं महिलाएंजिस सिबिल रिपोर्ट की ऊपर बात की गई है, उसके मुताबिक महिलाएं लोन लेने और उसे वापस करने को लेकर ज्यादा सुलझी हुई होती हैं. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि उनके फंडे क्लीयर होते हैं कि उन्हें किस कारण लोन लेना है और फिर उसे कैसे-कैसे चुकाना है. वे आमतौर पर ज्यादा भारी लोन नहीं उठाती हैं. जो लोन उठाती हैं, उसे बिना किसी बाधा के चुकाती भी हैं. इसके उलट ज्यादातर लोन डिफॉल्ट करने वाले पुरुष ही होते हैं. इसी वजह से उनकी क्रेडिट प्रोफाइल अच्छी बनती है. मिंट की एक रिपोर्ट कहती है कि 53 फीसदी महिलाओं का प्राइम क्रेडिट स्कोर 731 से 790 या उससे अधिक होता है, जबकि ऐसे पुरुषों की संख्या 47 फीसदी है.
Tags: Auto and personal loan, Bank Loan, Gold Loan, Loan offers, Personal financeFIRST PUBLISHED : December 14, 2024, 14:49 IST
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