Last Updated:July 17, 2025, 21:07 ISTआज के डिजिटल युग में बैंकिंग को आसान बनाने के लिए कुछ खास कोड्स का समझना जरूरी है. ऐसा ही एक खास कोड है सीआईएफ नंबरभारत में आखिरी बार 2014 में नए बैंकिंग लाइसेंस जारी किए गए थे. नई दिल्ली. आज के डिजिटल बैंकिंग के दौर में सिर्फ खाता नंबर जानना ही काफी नहीं है. बैंक से जुड़ी आपकी पूरी पहचान और जानकारी सीआईएफ नंबर (CIF Number) में छिपी होती है. CIF यानी Customer Information File नंबर एक यूनिक नंबर होता है, जो हर ग्राहक को बैंक की तरफ से दिया जाता है.
यह नंबर सिर्फ आपके एक अकाउंट से नहीं, बल्कि आपके पूरे बैंकिंग प्रोफाइल से जुड़ा होता है यानी आपके सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट, लोन, फिक्स्ड डिपॉजिट, क्रेडिट कार्ड – सब कुछ इस नंबर के तहत आता है.
CIF नंबर में क्या-क्या जानकारी होती है?
आपका नाम, मोबाइल नंबर, पता जैसे पर्सनल डिटेल्स.
आपके बैंक खाते की ओपनिंग डेट, खाता प्रकार
आधार, पैन, पासपोर्ट जैसे KYC डॉक्युमेंट्स
लोन की राशि, ईएमआई, रिपेमेंट ड्यूरेशन
क्रेडिट कार्ड, FD, RD की डिटेल्स
आपके सभी लेन-देन का रिकार्ड और बैंकिंग एक्टिविटी
CIF नंबर क्यों है जरूरी?
एक ही नंबर से पूरे बैंकिंग प्रोडक्ट्स का एक्सेस मिलता है.
नई सर्विस लेने पर जल्दी अप्रूवल होता है.
फ्रॉड डिटेक्शन और सिक्योरिटी में मदद करता है.
मोबाइल और नेट बैंकिंग में आसान एक्सपीरियंस देता है.
बैंक से पर्सनलाइज्ड कस्टमर सपोर्ट मिलता है
CIF बनाम IFSCCIF नंबर ग्राहक की पहचान बताता है, जबकि IFSC कोड बैंक ब्रांच की पहचान के लिए होता है. सीआईएफ नंबर खाता अपडेट करने, लोन लेने या खातों को जोड़ने में तेजी और सुविधा देता है. दोनों अलग-अलग काम करते हैं, लेकिन बैंकिंग में दोनों की अपनी अहमियत है.Location :New Delhi,DelhihomebusinessCIF Number: क्या है सीआईएफ नंबर? जो खोलता है आपकी बैंकिंग पहचान का हर दरवाजा
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