नौकरी जाने के बाद भी क्या चालू रहती है कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी?

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नौकरी जाने के बाद भी क्या चालू रहती है कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी?

Last Updated:April 06, 2025, 19:31 ISTकर्मचारी की नौकरी जाने पर कॉरपोरेट हेल्थ इंश्योरेंस बंद हो जाता है. टॉप-अप का रिफंड इंश्योरेंस कंपनी की पॉलिसी पर निर्भर करता है. व्यक्तिगत पॉलिसी रखना बेहतर होता है ताकि बीमा कवर में ब्रेक न आए.बहुत सी इंश्‍योरेंस कंपनियां कॉर्पोरेट पॉलिसी को पर्सनल हेल्‍थ पॉलिसी में बदलने की सुविधा प्रदान करती है.हाइलाइट्सकॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस नौकरी जाने पर बंद हो जाता है.टॉप-अप रिफंड इंश्योरेंस कंपनी की पॉलिसी पर निर्भर करता है.व्यक्तिगत पॉलिसी रखना बेहतर होता है.नई दिल्ली. आजकल ज्‍यादातर कंपनियां अपने कर्मचारियों को हेल्‍थ इंश्‍योरेंस उपलब्‍ध कराती है. कॉरपोरेट हेल्थ इंश्योरेंस वह कवर होता है, जो कंपनियां अपने कर्मचारियों और कई बार उनके परिवारों को देती हैं. इसमें बेसिक मेडिकल खर्च शामिल होता है. कई बार कर्मचारी इसमें अतिरिक्त सुविधाओं के लिए टॉप-अप प्लान भी एड कर लेते हैं. हां, ऐसा करने पर जो अतिरिक्‍त खर्च होता है, वा कर्मचारी का अपनी जेब से देना पड़ता है. अब सवाल यह उठता है कि अगर किसी कर्मचारी की नौकरी चली जाती है तो क्‍या कॉरपोरेट हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसी का क्‍या होता? क्‍या वह चालू रहती है या तुरंत बंद हो जाती है?

कर्मचारी के इस्तीफा देने या कंपनी द्वारा नौकरी से निकालने की स्थिति में कॉरपोरेट हेल्थ इंश्योरेंस बंद हो जाता है. यानी कर्मचारी इसका फायदा तभी तक ले सकता है, जब तक वह नौकरी कर रहा है. नौकरी बदलने या छंटनी हो जाने पर कॉर्पोरेट हेल्‍थ इंश्‍योरेंस भी बंद हो जाता है.जहां तक बात टॉप-अप के लिए हुए खर्च के रिफंड की है तो यह पैसा तभी वापस मिलता है जब जब पॉलिसी में मिड-टर्म कैंसलेशन की शर्तें पहले से मौजूद हों. यानी कुल मिलाकर आपको टॉप-अप का पैसा वापस मिलेगा या नहीं, यह इंश्‍योरेंस कंपनी की पॉलिसी पर निर्भर करता है.

कर्मचारियों के पास क्या हैं विकल्प?बहुत सी इंश्‍योरेंस कंपनियां कॉर्पोरेट पॉलिसी को पर्सनल हेल्‍थ पॉलिसी में बदलने की सुविधा प्रदान करती है. कंपनी छोड़ने से पहले एचआर  या बीमा प्रदाता से पूछें कि क्या ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस को इंडिविजुअल पॉलिसी में बदला जा सकता है. इससे वेटिंग पीरियड जैसी शर्तें बरकरार रहती हैं. खुद का हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने से बीमा में कोई गैप नहीं आता. यह कॉरपोरेट पॉलिसी से महंगा जरूर हो सकता है, लेकिन लंबी अवधि में ज्यादा सुरक्षित रहता है.

हमेशा बेहतर होता है कि कॉरपोरेट पॉलिसी के साथ-साथ खुद की व्यक्तिगत पॉलिसी भी रखी जाए, ताकि नौकरी छूटने या बदलने की स्थिति में बीमा कवर में ब्रेक न आए. नौकरी जाने की स्थिति में कॉरपोरेट हेल्थ इंश्योरेंस भले ही बंद हो जाए, लेकिन कर्मचारी अगर पहले से सजग रहें  तो बीमा सुरक्षा में ब्रेक नहीं आता. इसलिए जरूरी है कि हर व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत पॉलिसी जरूर रखे.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :April 06, 2025, 19:31 ISThomebusinessनौकरी जाने के बाद भी क्या चालू रहती है कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी?

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