Last Updated:February 15, 2025, 18:28 ISTम्यूचुअल फंड स्विचिंग निवेशकों को बाजार की स्थिति और वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार लचीलापन देती है. स्विचिंग के फायदे हैं, लेकिन एग्जिट लोड और शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स का ध्यान रखना जरूरी है. खराब प्रदर्शन या ब…और पढ़ेंवैल्यू म्यूचुअल फंड्स ने 13.21% तक दिया मुनाफाहाइलाइट्सम्यूचुअल फंड स्विचिंग से निवेश में लचीलापन मिलता है.स्विचिंग से एग्जिट लोड और टैक्स का ध्यान रखें.स्विचिंग का फैसला लंबी अवधि के लक्ष्यों पर करें.नई दिल्ली. निवेश में लचीलापन (flexibility) होना जरूरी है, ताकि बाजार की स्थिति और अपने वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार बदलाव किया जा सके. इसी वजह से कई निवेशक म्यूचुअल फंड स्विचिंग का विकल्प अपनाते हैं. लेकिन क्या फंड बदलना हर बार सही रहता है? इसका जवाब निवेश की जरूरतों और बाजार के हालात पर निर्भर करता है.
म्यूचुअल फंड स्विचिंग का मतलब है कि आप एक स्कीम से पैसा निकालकर किसी दूसरी स्कीम में निवेश कर दें. यह स्विच एक ही फंड हाउस के अंदर हो सकता है या फिर अलग-अलग फंड हाउस के बीच भी किया जा सकता है. कई निवेशक रेगुलर प्लान से डायरेक्ट प्लान में भी स्विच करते हैं ताकि एजेंट को दिए जाने वाले कमीशन से बचा जा सके और रिटर्न बेहतर मिले.
स्विचिंग के फायदेसमय के साथ बाजार में उतार-चढ़ाव आता रहता है. अगर किसी निवेशक का इक्विटी फंड बहुत ज्यादा बढ़ गया है और अब उसे सुरक्षित निवेश की जरूरत महसूस हो रही है, तो वह डेट फंड में स्विच कर सकता है. इसी तरह, अगर कोई निवेशक ज्यादा रिटर्न चाहता है, तो वह कम जोखिम वाले फंड से इक्विटी फंड में जा सकता है. इसके अलावा, खराब प्रदर्शन करने वाले फंड को छोड़कर बेहतर फंड में जाने के लिए भी स्विच किया जा सकता है.
स्विचिंग के नुकसान और लागतस्विचिंग करने से पहले यह समझना जरूरी है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से मुफ्त नहीं होती. कुछ फंड्स में एग्जिट लोड (exit load) देना पड़ सकता है, जो आमतौर पर 1% तक हो सकता है. इसके अलावा, अगर आपने अपने इक्विटी फंड को एक साल से कम समय के लिए होल्ड किया है, तो आपको 15% का शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा.
क्या आपको फंड स्विच करना चाहिए?अगर आपका फंड लगातार खराब प्रदर्शन कर रहा है, या फिर आपकी निवेश की जरूरतें बदल गई हैं, तो स्विचिंग सही हो सकती है. लेकिन अगर सिर्फ बाजार के उतार-चढ़ाव को देखकर आप जल्दी-जल्दी फंड बदलते हैं, तो यह नुकसानदायक भी हो सकता है. स्विचिंग का फैसला हमेशा लंबी अवधि के निवेश लक्ष्यों को ध्यान में रखकर ही करना चाहिए.
कब करें स्विचअगर मौजूदा फंड लगातार कमजोर प्रदर्शन कर रहा हो.अगर आपके निवेश लक्ष्य बदल गए हों.अगर कम खर्च और बेहतर रिटर्न देने वाला फंड उपलब्ध हो.अगर फंड मैनेजर बदल गया हो और उसकी रणनीति अब आपको पसंद नहीं आ रही हो.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 15, 2025, 18:24 ISThomebusinessऐसे में बदल देना चाहिए आपको अपना म्यूचुअल फंड, वरना ढोते रहेंगे घाटा
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