UPS: सबको नहीं मिलेगी 50 परसेंट पेंशन, सिर्फ ये लोग ही होंगे हकदार, पढ़ें डिटेल्स

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Last Updated:March 22, 2025, 16:31 ISTकेंद्र सरकार 1 अप्रैल से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू कर रही है, जो NPS का हाइब्रिड मॉडल है. UPS में 25 साल सेवा वाले कर्मचारियों को बेसिक सैलरी का 50% पेंशन मिलेगी. 10-25 साल सेवा वालों को ₹10,000 मासिक पें…और पढ़ेंकेवल इन लोगों को मिलेगी 50 फीसदी पेंशन.हाइलाइट्स1 अप्रैल से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू होगी.UPS में 25 साल सेवा वाले कर्मचारियों को 50% पेंशन मिलेगी.UPS, NPS का हाइब्रिड मॉडल है, जो फिक्स्ड पेंशन की गारंटी देता है.नई दिल्ली. नई पेंशन योजना (NPS) को लेकर लंबे समय से सरकारी कर्मचारियों की चिंता बनी हुई थी, लेकिन अब केंद्र सरकार एक नया समाधान लेकर आ रही है. 1 अप्रैल से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू होने जा रही है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों को तयशुदा पेंशन की गारंटी मिलेगी. यह योजना खासतौर पर उन कर्मचारियों के लिए फायदेमंद होगी, जो सेवानिवृत्ति के बाद स्थिर आय की चाहत रखते हैं. यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मौजूदा नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के ढांचे में तैयार किया गया है, लेकिन इसमें गैर-भरोसेमंद बाजार आधारित निवेश के बजाय फिक्स्ड पेंशन की सुविधा दी जाएगी.

इस योजना के तहत, जो कर्मचारी पहले से NPS में हैं, वे चाहें तो UPS में शिफ्ट हो सकते हैं. सेवा के अंतिम 12 महीनों के औसत बेसिक वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा. हालांकि, बेसिक सैलरी का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर हर कर्मचारी को नहीं मिलेगा. शर्त यह है कि कर्मचारी ने कम से कम 25 साल की सेवा पूरी की हो. वहीं, जिनकी सर्विस 10 साल से ज्यादा है, लेकिन 25 साल से कम है, उन्हें न्यूनतम ₹10,000 मासिक पेंशन की गारंटी दी जाएगी. पेंशनधारक की मृत्यु के बाद परिवार को उस पेंशन का 60% दिया जाएगा जो अभी पेंशनधारक को मिल रही थी.

OPS और NPS के बीच UPS कैसे अलग है?ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) पूरी तरह सरकार द्वारा वित्तपोषित थी और अंतिम वेतन के आधार पर पेंशन मिलती थी. इसमें महंगाई भत्ता (DA) भी जुड़ता था. NPS में कर्मचारी और सरकार का योगदान तय होता है, लेकिन इसका रिटर्न बाजार पर निर्भर करता है, जिससे भविष्य की आय निश्चित नहीं होती. UPS एक हाइब्रिड मॉडल है, जो OPS की गारंटी और NPS की कंट्रीब्यूशन व्यवस्था का मिश्रण है.

सरकार का बड़ा कदमयूपीएस को लाने के पीछे सरकार की कोशिश एक संतुलित पेंशन सिस्टम तैयार करने की है, जिससे कर्मचारियों को भविष्य में निश्चित आय की सुरक्षा मिल सके. NPS की तुलना में यह मॉडल जोखिम-रहित और अधिक आकर्षक होगा, जिससे बड़ी संख्या में कर्मचारी इसमें शिफ्ट करने पर विचार कर सकते हैं. केंद्र सरकार के इस फैसले का असर राज्य सरकारों पर भी पड़ सकता है. अगर UPS सफल रहा, तो कई राज्य भी इसे अपनाने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं. सरकारी कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही पेंशन सुरक्षा की मांग को UPS आंशिक रूप से पूरा करता नजर आ रहा है.

क्या UPS बनेगा नया स्टैंडर्ड?यूपीएस को ऐसे वक्त में लाया जा रहा है जब पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को बहाल करने की मांग कई राज्यों में उठ रही है. हालांकि, OPS सरकार के लिए भारी वित्तीय बोझ बन सकती थी, इसलिए केंद्र ने एक मिडल ग्राउंड तलाशते हुए UPS का विकल्प तैयार किया है. अब देखना होगा कि कितने कर्मचारी NPS छोड़कर UPS अपनाते हैं और यह योजना कितनी प्रभावी साबित होती है. आने वाले समय में यह मॉडल पेंशन रिफॉर्म्स के लिए एक नया स्टैंडर्ड बन सकता है.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :March 22, 2025, 16:31 ISThomebusinessUPS: सबको नहीं मिलेगी 50 परसेंट पेंशन, सिर्फ ये लोग ही होंगे हकदार

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