Last Updated:March 01, 2025, 06:36 ISTSEBI ने ‘स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड’ (SIF) की घोषणा की है, जो म्यूचुअल फंड और PMS के बीच का एक नया निवेश विकल्प है. यह फंड 1 अप्रैल से लागू होगा और इक्विटी, डेट और हाइब्रिड रणनीतियों की पेशकश करेगा. निवेशकों …और पढ़ेंहाइलाइट्सSEBI ने स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड (SIF) की घोषणा की.SIF में न्यूनतम निवेश राशि 10 लाख रुपये है.SIF 1 अप्रैल से लागू होगा, तीन निवेश रणनीतियों के साथ.Specialized Investment Fund : भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक नए निवेश विकल्प, स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड (SIF) की घोषणा की है. यह फंड म्यूचुअल फंड (MF) और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (PMS) के बीच का एक नया विकल्प है, जो निवेशकों को फ्लेक्सिबिलिटी और सुरक्षा दोनों प्रदान करता है. यह नया फंड 1 अप्रैल से लागू होगा और निवेशकों को इक्विटी, डेट और हाइब्रिड जैसी विभिन्न रणनीतियों में निवेश का मौका देगा. आइए, इस नए फंड के बारे में विस्तार से जानते हैं.
SEBI ने स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड (SIF) के लिए अंतिम दिशा-निर्देश जारी किए हैं. SIF का उद्देश्य उन निवेशकों की जरूरतों को पूरा करना है, जो म्यूचुअल फंड की तुलना में अधिक फ्लेक्सिबल और PMS की तुलना में कम जोखिम भरे विकल्प चाहते हैं.
SIF की शुरुआत 1 अप्रैल से होगी, और इसके लिए SEBI ने म्यूचुअल फंड विनियम, 1996 में संशोधन किया है. एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMC) दो तरीकों से SIF स्थापित कर सकती हैं: पहला, यदि AMC तीन साल से अधिक समय से काम कर रही है, तो उसके पास पिछले तीन वर्षों में औसतन 10,000 करोड़ रुपये (₹10,000 crore) की एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) होनी चाहिए. दूसरा, AMC को एक मुख्य निवेश अधिकारी (CIO) नियुक्त करना होगा, जिसके पास कम से कम 10 साल का अनुभव और 5,000 करोड़ रुपये (₹5,000 crore) की AUM प्रबंधित करने का रिकॉर्ड हो.
तीन तरह की निवेश रणनीतियांSIF तीन प्रकार की निवेश रणनीतियों की पेशकश कर सकता है: इक्विटी-ओरिएंटेड, डेट-ओरिएंटेड और हाइब्रिड. इक्विटी-ओरिएंटेड में इक्विटी लॉन्ग-शॉर्ट फंड और सेक्टर रोटेशन फंड शामिल हैं. डेट-ओरिएंटेड रणनीतियों में डेट लॉन्ग-शॉर्ट फंड और सेक्टोरल डेट फंड शामिल हैं. हाइब्रिड में एक्टिव एसेट अलोकेटर फंड और हाइब्रिड लॉन्ग-शॉर्ट फंड शामिल हैं.
निवेशकों के लिए न्यूनतम निवेश राशि 10 लाख रुपये है. यदि निवेशक का निवेश इस राशि से नीचे चला जाता है, तो उसे पूरी राशि निकालनी होगी. SIF में डेरिवेटिव्स में निवेश की भी अनुमति है, लेकिन शॉर्ट पोजीशन 25% से अधिक नहीं हो सकती.
SIF निवेश की लिमिटSIF में निवेश की कुछ सीमाएं होती हैं. AAA रेटिंग वाले बॉन्ड में अधिकतम 20% निवेश किया जा सकता है, AA रेटिंग वाले में 16% और A रेटिंग या उससे कम में 12%. यदि ट्रस्टी अनुमति दें तो 5% की अतिरिक्त छूट मिल सकती है. किसी एक सेक्टर में निवेश की अधिकतम सीमा 25% है.
SIF डेरिवेटिव्स में बिना हेजिंग (hedge) के अधिकतम 25% तक निवेश कर सकते हैं. यह निवेश म्यूचुअल फंड के डेरिवेटिव्स नियमों के अनुसार होता है. SIF केवल उन्हीं डेरिवेटिव्स को समायोजित कर सकते हैं, जिनका एक ही स्टॉक और एक्सपायरी डेट हो.
निवेशक SIF में दैनिक, साप्ताहिक, मासिक या निश्चित समय के लिए निवेश कर सकते हैं. पैसा निकालने के लिए 15 वर्किंग डे तक की सूचना देनी पड़ सकती है. यदि SIF बंद समय (closed-ended) या अंतराल (interval) आधारित है, तो उसे स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट करना जरूरी होता है ताकि निवेशक आसानी से पैसा निकाल सकें.
SIF को अपनी रैंकिंग के लिए किसी मानक बाजार इंडेक्स जैसे Nifty 500 या BSE Sensex को अपनाना होगा. SEBI के नियमों के अनुसार, हर दो महीने में पोर्टफोलियो की जानकारी देनी होगी और विज्ञापनों में संभावित जोखिमों की चेतावनी देनी होगी. म्यूचुअल फंड की तरह, SIF को भी जोखिम स्तर दिखाने के लिए एक पैमाना अपनाना होगा.
कौन बेच सकता है SIFजो भी व्यक्ति म्यूचुअल फंड बेच सकता है, वह SIF भी बेच सकता है. इसके लिए उसे NISM (National Institute of Securities Markets) का Series-XIII परीक्षा पास करनी होगी. AMFI और AMC यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके वितरक इस नियम का पालन करें.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :March 01, 2025, 06:36 ISThomebusinessनिवेश करना है, मगर म्यूचुअल फंड में नहीं? तो आपके लिए है ये स्कीम
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