Last Updated:June 28, 2025, 21:32 ISTमॉर्गेज यानी ‘लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी’ अब भारत में आर्थिक संकट से उबरने का अहम जरिया बन चुका है. पर्सनल लोन की तुलना में सस्ते ब्याज दरों और बड़ी रकम के चलते लोग मेडिकल, एजुकेशन और बिजनेस जैसी जरूरतों के लिए इसे …और पढ़ेंआप पैसों की जरूरत पड़ने पर मॉर्गेज ले सकते हैं. हाइलाइट्समॉर्गेज लोन पर्सनल लोन की तुलना में सस्ता, लचीला और बड़ी रकम वाला विकल्प.संपत्ति मालिकाना हक बना रहता है, EMI समय पर न चुकाने पर नीलामी का खतरा.2024 में LAP की मांग में 15% की वृद्धि, खासकर मेट्रो शहरों में.नई दिल्ली. अपने घर को सिर्फ एक आशियाना मानना अब पुरानी सोच बन चुकी है. आज के दौर में वही घर मुश्किल वक्त में आपकी सबसे बड़ी ताकत बन सकता है. मॉर्गेज या ‘लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी’ (LAP) अब लाखों भारतीयों के लिए आर्थिक संकट से बाहर निकलने का एक भरोसेमंद जरिया बन चुका है. चाहे मेडिकल इमरजेंसी हो, बच्चों की पढ़ाई का खर्च हो या बिजनेस में घाटा, लोग अपने घर या जमीन को गिरवी रखकर बड़ी रकम हासिल कर रहे हैं.मॉर्गेज एक सिक्योर्ड लोन होता है, जिसमें आप अपनी संपत्ति बैंक के पास गिरवी रखकर जरूरत के अनुसार लोन लेते हैं. सबसे अहम बात यह है कि यह पर्सनल लोन की तुलना में सस्ता भी होता है और इसकी रकम अधिक होती है. दिल्ली के फाइनेंशियल प्लानर अनिल शर्मा कहते हैं, “मॉर्गेज लोन कठिन समय में घर को नकदी में बदलने का एक सुरक्षित विकल्प है. यह लचीला भी होता है और इसकी EMI अक्सर किफायती होती है.”
कई लोग इस विकल्प का फायदा उठाकर अपनी वित्तीय स्थिति सुधार चुके हैं. जैसे दिल्ली के एक व्यापारी राकेश गुप्ता ने बिजनेस में नुकसान होने के बाद अपने घर पर 50 लाख रुपये का मॉर्गेज लोन लिया, जिससे उन्होंने न केवल अपने पुराने कर्ज चुकाए, बल्कि बिजनेस को दोबारा पटरी पर ला दिया. मुंबई की एक शिक्षिका प्रिया मेहता ने अपनी बेटी की मेडिकल पढ़ाई के लिए अपने फ्लैट को मॉर्गेज पर रख 30 लाख रुपये जुटाए. उन्हें पर्सनल लोन में इतनी राशि मिल पाना मुश्किल था.
मॉर्गेज लोन की ब्याज दरें आमतौर पर 8.5% से 12% के बीच होती हैं, जबकि पर्सनल लोन में यह 10% से 24% तक हो सकती है. यह लोन लंबी अवधि के लिए लिया जा सकता है, जिससे EMI पर बोझ कम पड़ता है. खास बात यह है कि लोन की अवधि में आप अपनी संपत्ति में रह सकते हैं, क्योंकि दस्तावेज ही बैंक के पास रहते हैं, न कि घर की मालिकाना हक.
हालांकि, मॉर्गेज के साथ जोखिम भी जुड़ा होता है. फाइनेंशियल एक्सपर्ट स्वाति जैन कहती हैं कि यदि आप समय पर EMI नहीं चुका पाए तो बैंक आपकी संपत्ति नीलाम कर सकता है. इसलिए अपनी चुकाने की क्षमता का आकलन जरूर करें और जरूरत से ज्यादा लोन न लें. साथ ही, ब्याज दरें (फिक्स्ड या फ्लोटिंग), प्रोसेसिंग फीस और सभी शुल्कों को अच्छे से समझें. दस्तावेज जैसे प्रॉपर्टी पेपर्स, इनकम प्रूफ और KYC पहले से तैयार रखें ताकि लोन प्रोसेस में देरी न हो.
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में भारत में मॉर्गेज लोन की मांग में 15% का इजाफा देखा गया, खासकर दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे मेट्रो शहरों में. एसबीआई के अधिकारी राजेश सिंह कहते हैं कि कोविड के बाद लोगों में मॉर्गेज को लेकर भरोसा बढ़ा है, और मेडिकल, एजुकेशन तथा बिजनेस की ज़रूरतों के लिए लोग अब इसे एक बेहतर विकल्प मान रहे हैं.Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessआपका घर ही सोने का अंडा देने वाली मुर्गी! जब जरूरत पड़े कर लें इस्तेमाल
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