नई दिल्ली. भारत में 50 लाख रुपये से ज्यादा की एनुअल इनकम वाले लोगों की संख्या में बीते कुछ सालों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, भारत में 50 लाख रुपये से ज्यादा की एनुअल इनकम वाले टैक्सपेयर्स की संख्या 2023-24 में बढ़कर 9.39 लाख से अधिक हो गई है, जो 2013-14 में 1.85 लाख से पांच गुना ज्यादा है.
50 लाख रुपये से ज्यादा की एनुअल इनकम वाले लोगों की इनकम टैक्स लायबिलिटी भी 2014 में 2.52 लाख करोड़ रुपये से तीन गुना बढ़कर 2024 में 9.62 लाख करोड़ रुपये हो गई है. वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि 50 लाख रुपये से ज्यादा की एनुअल इनकम वाले आईटीआर फाइल करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी मोदी सरकार द्वारा टैक्स चोरी विरोधी के कड़े उपाय की वजह से दर्ज हुई. लोगों द्वारा दाखिल इनकम टैक्स रिटर्न की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, जो 2013-14 में लगभग 3.60 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 7.97 करोड़ हो गई है. यह दशक भर में 121 फीसदी की शानदार बढ़ोतरी को दर्शाती है.
मध्यम वर्ग पर टैक्स का बोझ घटाडायरेक्ट टैक्स को धन जुटाने का एक अच्छा तरीका माना जाता है क्योंकि हाई इनकम वाले लोगों को कम आय वाले लोगों की तुलना में ज्यादा टैक्स देना पड़ता है. अधिकारियों ने यह भी बताया कि पिछले 10 वर्षों के दौरान 20 लाख रुपये से कम आय वाले लोगों पर टैक्स का बोझ कम हुआ है. 10 लाख रुपये से कम आय वाले टैक्सपेयर्स से इनकम टैक्स कलेक्शन का प्रतिशत 2014 में चुकाए गए कुल टैक्स का 10.17 फीसदी से घटकर 2024 में 6.22 फीसदी रह गया है.
7 लाख रुपये तक की इनकम वाले लोगों को कोई टैक्स नहीं!2014 से पहले 2 लाख रुपये से ज्यादा आय वाले लोगों को इनकम टैक्स देना पड़ता था. हालांकि, मोदी सरकार द्वारा घोषित विभिन्न छूटों और कटौतियों के कारण, 7 लाख रुपये तक की इनकम वाले लोगों को कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है.
Tags: Income tax, Income tax return, ITR filingFIRST PUBLISHED : November 15, 2024, 22:55 IST
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