क्‍या ज्‍वाइंट टैक्‍सेशन से कम भरना पड़ेगा इनकम टैक्‍स, क्‍यों हो रही इसकी मांग

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Last Updated:January 13, 2025, 10:11 ISTIncome Tax- ज्‍वाइंट टैक्‍सेशन यानी संयुक्त कराधान में पति-पत्‍नी एक ही आयकर रिटर्न में अपनी आय और कटौतियों की जानकारी दे सकते हैं. यानी उन्‍हें अलग-अलग आयकर रिटर्न दाखिल करने की आवश्‍यकता नहीं होती.
नई दिल्ली. भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट संस्थान (ICAI) ने अपने प्री-बजट ज्ञापन में केंद्र सरकार को सुझाव दिया है कि विवाहित जोड़ों को संयुक्त रूप से आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने (ज्‍वाइंट टैक्‍सेशन) की अनुमति दी जाए. आईसीएआई का कहना है कि इससे जहां परिवारों पर टैक्‍स का बोझ कम होगा, वहीं कर चोरी भी रुकेगी. यह कदम विशेष रूप से उन परिवारों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है, जहां केवल एक व्यक्ति ही कमाने वाला है. वहीं, अगर पति और पत्‍नी दोनों भी कमाते हैं, तो भी ज्‍वाइंट टैक्‍सेशन कर देयता कम कर देता है. ज्‍वाइंट टैक्‍सेशन प्रणाली अमेरिका और इंग्‍लैंड सहित कई देशों में लागू है.

ज्‍वाइंट टैक्‍सेशन यानी संयुक्त कराधान में पति-पत्‍नी एक ही आयकर रिटर्न में अपनी आय और कटौतियों की जानकारी दे सकते हैं. यानी उन्‍हें अलग-अलग आयकर रिटर्न दाखिल करने की आवश्‍यकता नहीं होती. संयुक्त कराधान का लाभ विशेष रूप से उन दंपत्तियों को होता है, जहां एक जीवनसाथी की आय दूसरे की तुलना में काफी अधिक होती है. अपनी आय को मिलाकर दाखिल करने से उनकी कर देयता कम हो जाती है. कर देयता दोनों की औसत आय के आधार पर तय की जाती है, जिससे अलग-अलग रिटर्न दाखिल करने की तुलना में कुल कर भार कम हो सकता है.

ICAI के सुझावभारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट संस्थान (ICAI) ने पति-पत्‍नी को ज्‍वाइंट टैक्‍सेशन का विकल्‍प देने का सुझाव देते हुए यह भी बताया कि दंपत्ति के लिए आयकर की दरें भी क्‍या होनी चाहिए. आईसीएआई के अनुसार ₹6 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं लगा चाहिए. ₹6-14 लाख तक आय होने पर टैक्‍स रेट 5%, ₹14-20 लाख तक 10%, ₹20-24 लाख 15%, ₹24-30 लाख तक 20% और ₹30 लाख से अधिक 30% होनी चाहिए. यदि दोनों पार्टनर वेतनभोगी हैं,स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन का लाभ दोनों को मिलना चाहिए. साथ ही ICAI ने अधिभार सीमा को ₹50 लाख से बढ़ाकर ₹1 करोड़ करने की सिफारिश की है.

संयुक्त कराधान का लाभबिजनेस स्‍टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, कर विशेषज्ञ डॉ. सुरेश सुराना का कहना है कि संयुक्त कराधान प्रणाली से न केवल परिवारों पर कर का बोझ कम होगा, बल्कि यह कर अनुपालन और पारदर्शिता को भी बढ़ावा देगा. इससे विशेष रूप से उन परिवारों को राहत मिलेगी, जहां एक ही व्यक्ति घर का मुख्य कमाने वाला है. संयुक्त कराधान प्रणाली पहले से ही अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों में लागू है. अमेरिका में दंपत्ति संयुक्त रूप से कर दाखिल करने का विकल्प चुन सकते हैं, जिससे उन्हें उच्च छूट सीमा और व्यापक कर स्लैब का लाभ मिलता है. इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए वर्तमान आयकर ढांचे में बड़े बदलाव की आवश्यकता होगी. इसमें कटौती, छूट, और अधिभार के प्रावधानों को विवाहित जोड़ों के लिए संशोधित करना होगा.

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