Last Updated:July 17, 2025, 13:32 ISTITR Refund False Claim- इनकम टैक्स विभाग के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों से ‘गारंटीड रिफंड’ का झांसा देकर कई एजेंट्स टैक्सपेयर्स से फर्जी डिक्लेयरेशन करवा रहे है. ये एजेंट्स एचआरए दान और मेडिकल या एजुकेशन लोन …और पढ़ेंफर्जी क्लेम को एआई तुरंत पकड रहा है और टैक्सपेयर को नोटिस भेजे जा रहे हैं. हाइलाइट्सफर्जी ITR डिक्लेयरेशन पर 7 साल की जेल हो सकती है.AI और डेटा एनालिटिक्स से फर्जीवाड़ा पकड़ा जा रहा है.ITR-U फॉर्म से फर्जी डिक्लेयरेशन सुधारें.नई दिल्ली. इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त ‘ज्यादा होशियार’ बनने की कोशिश आपको जेल पहुंचा सकती है. रिफंड पाने के लिए झूठे दावे करने वाले टैक्सपेयर को इस बार इन्कम टैक्स विभाग धड़ाधड़ पकड़ रहा है. टैक्सपेयर्स के खिलाफ सख्त रवैया अपनाते हुए विभाग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डेटा एनालिटिक्स का सहारा लेना शुरू कर दिया है. नतीजा ये है कि अब तक 40,000 से ज्यादा ऐसे टैक्सपेयर्स की पहचान की लगई है जिन्होंने फर्जी कटौतियों का दावा किया था. बढ़ती जांच के बीच टैक्सपेयर्स अब आईटीआर-यू(Income Tax Return – Updated) फॉर्म का तेजी से इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि फर्जी डिक्लेयरेशन को सुधार कर जुर्माने से बच सकें. इन्कम टैक्स एक्ट के तहत झूठे डिक्लेयरेशन पर टैक्स का 200% तक जुर्माना और सालाना 24% तक ब्याज देना पड़ सकता है. गंभीर मामलों में धारा 276C के तहत 7 साल तक की जेल भी हो सकती है.
इनकम टैक्स विभाग के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों से ‘गारंटीड रिफंड’ का झांसा देकर कई एजेंट्स टैक्सपेयर्स से फर्जी डिक्लेयरेशन करवा रहे थे. ये एजेंट्स एचआरए (सेक्शन 10(13A)), दान (सेक्शन 80G) और मेडिकल या एजुकेशन लोन की ब्याज दरों (80 सीरीज की धारा) का गलत इस्तेमाल कर रहे थे. अब AI सिस्टम इन सभी डिक्लेयरेशन को टीडीएस डेटा, बैंक रिकॉर्ड और तीसरे पक्ष के दस्तावेजों से क्रॉस वेरिफाई कर रहा है. इस वजह से छोटे से छोटा गलत दावा भी पकड़ में आ रहा है.
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AIS और 26AS से तुरंत पकड़ में आ रहा फर्जीवाड़ा
टैक्स सलाहकार प्लेटफॉर्म, TaxBuddy के अनुसार, अब AI की मदद से आईटीआर और एआईएस (Annual Information Statement) व Form 26AS के डेटा का मिलान हो रहा है. अगर थोड़ी सी भी असंगति होती है, तो तुरंत अलर्ट मिल जाता है. पहले छोटी विसंगतियों को पकड़ना मुश्किल होता था, लेकिन अब एआई की वजह से ये मुमकिन हो गया है. इस बार के असेसमेंट ईयर के लिए संशोधित ITR फॉर्म में और भी ज्यादा डिटेल्स मांगी जा रही हैं. यानी अब सिर्फ फॉर्म भर देना काफी नहीं, आपको हर दावे के लिए मजबूत दस्तावेज भी देने होंगे.
समय रहते सुधार लें गलती
TaxBuddy का कहना है कि अब अगर ₹1 का भी गड़बड़ डेटा है, तो ऑटोमेटेड नोटिस आ सकता है. इसलिए जिन टैक्सपेयर्स ने अब तक फर्जी डिक्लेयरेशन किया है, वे तुरंत ITR-U फॉर्म भरकर गलती सुधार लें. टैक्सबडी का कहना है कि गलती सुधारने का सुनहरा मौका है. अभी सुधार कर लीजिए, वरना विभाग का नोटिस कभी भी आ सकता है.Location :New Delhi,New Delhi,DelhihomebusinessITR भरते वक्त की ये गलती तो सीधे 7 साल की जेल, AI पकड़ रहा है हर फ्रॉड
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