Last Updated:January 25, 2025, 22:15 ISTNPS में निवेश से टैक्स बचत और रिटर्न दोनों मिलते हैं. पुरानी व्यवस्था में ₹2 लाख तक की छूट और नई में 80CCD(2) के तहत छूट मिलती है. NPS को EEE श्रेणी में रखा गया है.नेशनल पेंशन सिस्टम टैक्स बचत के लिए एक बेहतरीन विकल्प.नई दिल्ली. चालू वित्त वर्ष (2024-25) में टैक्स बचाने के लिए निवेश का समय अब कम बचा है. अगर आप अपनी आय पर अधिकतम टैक्स बचाना चाहते हैं तो सही टैक्स सेविंग विकल्प चुनकर जल्द इनवेस्टमेंट करें. देहर होने पर आपको इस वित्त वर्ष में अधिक टैक्स चुकाना पड़ सकता है. आखिरी वक्त में टैक्स सेविंग के लिए कई ऑप्शन है. टैक्स बचाने के लिहाज से नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक उत्कृष्ट विकल्प है. एनपीएस में किए गए निवेश से न केवल टैक्स बचता है, बल्कि शानदार रिटर्न भी मिलता है और बुढापे के लिए पेंशन का जुगाड़ भी हो जाता है.
यह सरकारी पेंशन स्कीम न केवल रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा देती है, बल्कि इसमें निवेश पर दोनों टैक्स व्यवस्थाओं (पुरानी और नई) के तहत टैक्स बेनिफिट भी मिलता है. साथ ही, इसमें इक्विटी में निवेश की सुविधा भी है, जिससे बेहतर रिटर्न की संभावना रहती है.
पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old Tax Regime) के तहत टैक्स लाभटियर-I अकाउंट में निवेश पर सेक्शन 80CCD(1) के तहत नौकरीपेशा लोग अधिकतम ₹1.5 लाख या बेसिक सैलरी + डीए के 10% तक के योगदान पर टैक्स छूट पा सकते हैं. सेल्फ-एम्प्लॉयड व्यक्ति टियर-I अकाउंट में ₹1.5 लाख या कुल आय के 20% तक के योगदान पर टैक्स छूट ले सकता है. मान लें कि यदि आपकी बेसिक सैलरी ₹20 लाख है और आप ₹2 लाख NPS में निवेश करते हैं, तो आपको ₹1.5 लाख तक के योगदान पर ही छूट मिलेगी.
सेक्शन 80CCD(1b) के तहत ₹50,000 के अतिरिक्त योगदान पर अलग से टैक्स छूट मिलती है. कुल मिलाकर, NPS में ₹2 लाख तक के निवेश पर टैक्स छूट प्राप्त की जा सकती है. सेक्शन 80CCD(2) के तहत एम्प्लॉयर द्वारा किए गए योगदान पर भी टैक्स छूट मिलती है. प्राइवेट कर्मचारियों के लिए बेसिक सैलरी के 10% और सरकारी कर्मचारियों के लिए 14% तक के योगदान पर छूट है. एपीएस के टियर-II अकाउंट में निवेश पर केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए टियर-II अकाउंट में ₹1.5 लाख तक के निवेश पर 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. यह छूट पाने के लिए निवेश का लॉक-इन पीरियड 3 साल होना चाहिए.
नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) के तहत टैक्स लाभनई व्यवस्था में केवल 80CCD(2) के तहत टैक्स छूट मिलती है. एम्प्लॉयर द्वारा बेसिक सैलरी के 14% तक के योगदान पर छूट उपलब्ध है. प्राइवेट कर्मचारियों के लिए यह छूट बेसिक सैलरी के 10% तक सीमित है.
NPS पर टैक्स ट्रीटमेंटNPS को EEE (Exempt-Exempt-Exempt) श्रेणी में रखा गया है. हालांकि, कुल मैच्योरिटी राशि का 40% अनिवार्य रूप से एन्युटी/पेंशन प्लान में निवेश करना होता है.
जमा: NPS में जमा राशि पर टैक्स छूट मिलती है.
निकासी: मैच्योरिटी पर 60% तक की राशि टैक्स-फ्री है.
ब्याज: जमा राशि पर मिलने वाला ब्याज भी टैक्स-फ्री है.
एन्युटी पर टैक्सएन्युटी में निवेश की गई राशि टैक्स-फ्री होती है. लेकिन एन्युटी से मिलने वाली पेंशन को आपकी सालाना आय में जोड़ा जाता है और उस पर टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होता है.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :January 25, 2025, 22:15 ISThomebusinessदोनों टैक्स रिजीम में डिडक्शन का लाभ, रिटर्न भी दमदार, ये स्कीम है जानदार
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