टैक्स बचाना है तो इस स्कीम में लगा दें पैसा, 12% रिटर्न समेत ये खास सुविधा

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Last Updated:January 21, 2025, 10:43 ISTएनपीएस और एलआईसी पॉलिसी समेत टैक्स बचाने के लिए कई स्कीम उपलब्ध हैं, लेकिन एक्सपर्ट ने इन विकल्पों में से ‘इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम’ (ELSS) को कहीं बेहतर विकल्प बताया है.नई दिल्ली. हर साल मार्च का महीना करीब आते ही लोग टैक्स बचाने वाले विभिन्न विकल्पों की तलाश में जुट जाते हैं, लेकिन इन विकल्पों के साथ यह जानना भी जरूरी है कि टैक्स सेविंग की कौन-सी योजना रिटर्न और जरूरत पड़ने पर तुरंत नकदी उपलब्ध कराने के मामले में बेहतर है. टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि आयकर कानून की धारा 80c के तहत शामिल किए गए कर बचत वाले विकल्पों में से ‘इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम’ (ELSS) कहीं बेहतर विकल्प है.

कर विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि टैक्स बोझ कम करने के लिए व्यक्ति को धारा 80c के तहत 1.5 लाख रुपये की बचत करने के अलावा 80d (हेल्थ इंश्योरेंस ) और धारा 80ccd के तहत एनपीएस का भी लाभ उठाना चाहिए. राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में 50,000 रुपये के योगदान पर अतिरिक्त कर छूट का दावा किया जा सकता है.

ELSS बेहतर विकल्प क्यों?

एनपीएस, ईएलएसएस, राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) एवं जीवन बीमा पॉलिसी (LIC) जैसी विभिन्न कर बचत योजनाओं में से बेहतर विकल्प के बारे में पूछे जाने पर आनंद राठी वेल्थ लि. के उपाध्यक्ष चिंतक शाह ने कहा, ‘‘अगर आयकर कानून की धारा 80सी के तहत कर लाभ का दावा करने की बात आती है, तो मेरी पसंद इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम है.’’

शाह ने कहा, “इसके दो प्रमुख कारण हैं…पहला, ईएलएसएस निवेश सीधे शेयर बाजारों से जुड़ा होता है और इसने ऐतिहासिक रूप से सालाना लगभग 11 से 12 प्रतिशत का दीर्घकालिक रिटर्न दिया है. दूसरा, ईएलएसएस के तहत ‘लॉक इन अवधि’ केवल तीन साल की है. यानी तीन साल बाद आप अपनी राशि निकाल सकते हैं.’’

ELSS में ऐसे करें इन्वेस्ट

उन्होंने कहा, ‘‘यह सुविधा निवेशकों को उपभोग जरूरतों के लिए अपनी निवेश राशि को निकालने या धारा 80सी के तहत लाभ उठाने के लिए एक नए ईएलएसएस में फिर से निवेश करने की अनुमति देती है. इस प्रकार, धन सृजन और कर दक्षता की क्षमता का यह मेल ईएलएसएस को एक आकर्षक विकल्प बनाता है.’’

इस बारे में परामर्श कंपनी टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी सर्विसेज एलएलपी में साझेदार विवेक जालान ने कहा, ‘‘निवेश विकल्प का चुनाव व्यक्ति के जोखिम लेने की क्षमता, जरूरत और लक्ष्य पर निर्भर करता है. जहां एनएससी, पीपीएफ जैसे उत्पादों पर ब्याज निश्चित होता है और इसकी घोषणा सरकार हर तीन महीने पर करती है, वहीं ईएलएसएस जैसे उत्पाद पर रिटर्न निश्चित नहीं है और उनका प्रदर्शन बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है.’’

उल्लेखनीय है कि 80सी के तहत आने वाले निवेश एवं बचत उत्पादों में ईएलएसएस, पीपीएफ (सार्वजनिक भविष्य निधि), सुकन्या समृद्धि योजना, एनएससी, जीवन बीमा आदि शामिल हैं. वहीं एनपीएस धारा 80सीसीडी के तहत आता है.

(भाषा से इनपुट के साथ)
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :January 21, 2025, 10:43 ISThomebusinessटैक्स बचाना है तो इस स्कीम में लगा दें पैसा, 12% रिटर्न समेत ये खास सुविधा

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