Last Updated:February 19, 2025, 11:01 ISTTax planning 2025 : वर्तमान वित्त वर्ष की डेडलाइन 31 मार्च है. इससे पहले आप कई प्रयास करके आप अपनी बचत को अधिकतम कर सकते हैं. आपको सही टैक्स प्लानिंग करने की जरूरत होगी. टैक्स की सही प्लानिंग कैसे होगी, चलिए बत…और पढ़ेंहाइलाइट्स31 मार्च से पहले टैक्स प्लानिंग करें.सही टैक्स रिजीम का चुनाव करें.निवेश और छूट के विकल्पों का लाभ उठाएं.Tax planning 2025 : जीवन में केवल दो चीजें कोई टाल नहीं सकता- एक तो मृत्यु और दूसरा टैक्स. टैक्स आपकी इनकम पर एक छिपा हुआ खर्च है, जिसके लिए सावधानीपूर्वक योजना बनाने की आवश्यकता होती है. जैसे-जैसे वित्तीय वर्ष 2024-25 का अंत नजदीक आ रहा है, टैक्स प्लानिंग पर ध्यान देना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है. यह न केवल आपके पैसे बचाने में मदद करता है, बल्कि आपकी ओवरऑल फाइनेंशियल कंडीशन को भी मजबूत बनाता है. तो चलिए जानते हैं कि कैसे आप 31 मार्च की डेडलाइन से पहले टैक्स प्लानिंग के जरिए अपनी बचत को मैक्सिमाइज कर सकते हैं.
सबसे पहले आपको टैक्स रिजीम का सही चुनाव करना जरूरी है. आपकी इनकम और निवेश के आधार पर पुराने और नए टैक्स रिजीम में से सही विकल्प चुनना आपकी टैक्स बचत को प्रभावित करता है. सैलरी पाने वाले व्यक्ति हर साल टैक्स रिजीम बदल सकते हैं, और यह फैसला आप इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय भी ले सकते हैं. पुराने टैक्स रिजीम में आप लाइफ इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस, प्रोविडेंट फंड (PF), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) जैसे निवेशों पर छूट का दावा कर सकते हैं, लेकिन इसमें टैक्स दर अधिक होती है. वहीं, नए टैक्स रिजीम में छूट के ऑप्शन लिमिटेड हैं, लेकिन टैक्स दर कम हो सकती है. इसलिए, अपने वित्तीय लक्ष्यों और मौजूदा निवेशों को समझकर ही टैक्स रिजीम का चुनाव करें.
पुराने टैक्स रिजीम में इनकम टैक्स स्लैब कुछ इस प्रकार हैं-2.5 लाख रुपये तक: कोई टैक्स नहीं2.5 लाख से 5 लाख रुपये: 5%5 लाख से 10 लाख रुपये: 20%10 लाख रुपये से अधिक: 30%
नए टैक्स रिजीम में स्लैब-3 लाख रुपये तक: कोई टैक्स नहीं3 लाख से 6 लाख रुपये: 5%6 लाख से 9 लाख रुपये: 10%9 लाख से 12 लाख रुपये: 15%12 लाख से 15 लाख रुपये: 20%15 लाख रुपये से अधिक: 30%
इस बजट में 12.75 लाख रुपये तक की इनकम पर जीरो टैक्स इस बार से लागू नहीं होगा. वह अगले वित्त से लागू है, इसलिए आपको ऊपर दी गई टेबल के लिहाज से ही अपनी टैक्स प्लानिंग करनी है. ऐसे में, यदि आपके पास छूट के लिए निवेश और खर्चे अधिक हैं, तो पुराना रिजीम फायदेमंद हो सकता है. इसके उलट, अगर छूट के विकल्प सीमित हैं, तो नया रिजीम बेहतर हो सकता है.
पुराने टैक्स रिजीम में कैसे बचेगा पैसा?आयकर अधिनियम के तहत ओल्ड टैक्स रिजीम में आप कई सेक्शनों के अंतर्गत छूट का दावा कर सकते हैं. सेक्शन 80C के तहत आप 1.5 लाख रुपये तक की छूट प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए आपको पीपीएफ, ELSS, NPS, जीवन बीमा प्रीमियम, टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे निवेश करने होंगे.
NPS में अतिरिक्त 50,000 रुपये की छूट सेक्शन 80CCD(1B) के तहत मिलती है. हालांकि, इन निवेशों में लॉक-इन पीरियड होता है, जैसे पीपीएफ में 15 साल, ELSS में 3 साल, और टैक्स-सेविंग एफडी में 5 साल. इसलिए, निवेश से पहले अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम क्षमता को समझें.
इसके अलावा, सेक्शन 80D (हेल्थ इंश्योरेंस), सेक्शन 80E (एजुकेशन लोन पर इंटरेस्ट), और सेक्शन 80G (डोनेशन) जैसे अन्य छूट के विकल्प भी उपलब्ध हैं. सैलरी पाने वाले व्यक्ति LTA (लीव ट्रैवल अलाउंस) का भी दावा कर सकते हैं. एलटीए के लिए चार कैलेंडर वर्षों में दो यात्राओं पर छूट ली जा सकती है.
घर खरीदा है तो भी मिलेगी छूटअगर आपने घर खरीदा है, तो सेक्शन 24 के तहत आप होम लोन पर 2 लाख रुपये तक की छूट प्राप्त कर सकते हैं. वहीं, अगर आप किराए पर रह रहे हैं, तो HRA (हाउस रेंट अलाउंस) का लाभ उठा सकते हैं.
निवेश को लंबी अवधि तक रखने से भी आप टैक्स बचा सकते हैं. 2024-25 से, लिस्टेड सिक्योरिटीज को 12 महीने से अधिक समय तक रखने पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (LTCG) लागू होगा, जो कम दर पर है. इसके अलावा, टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग (Tax Loss Harvesting) के जरिए भी आप अपने टैक्सेबल इनकम को कम कर सकते हैं.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :February 19, 2025, 11:01 ISThomebusinessजान लो टैक्स बचाने का ये जुगाड़, अभी सवा महीना बाकी, बच जाएगा अच्छा-खासा पैसा
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