नई दिल्ली. बच्चों की भविष्य की जरूरतों के लिए हर मां-बाप पैसा जोड़ना चाहता है. इस काम में उन लोगों को दिक्कत आती है, जिनकी कमाई कम होती है. बहुत से लोग तो यह सोचकर ही किसी योजना में निवेश नहीं करते कि छोटी रकम से बड़ा फंड तैयार नहीं होगा. लेकिन, उनका ऐसा सोचना गलत है. आप एनपीएस वात्सल्य स्कीम में बच्चे के नाम पर सालाना सिर्फ ₹10,000 यानी हर महीने केवल 834 रुपये जमा कराकर भी अपनी रिटायरमेंट तक करीब ₹11 करोड़ तक का फंड बना सकते हैं. सरकार की यह स्कीम उन माता-पिता के लिए शानदार विकल्प है, जो कम निवेश से बच्चों के भविष्य के लिए बड़ा फंड बनाना चाहते हैं. बाजार में रिटर्न की संभावनाओं को देखते हुए लंबी अवधि में NPS वात्सल्य स्कीम से बड़ा फंड तैयार किया जा सकता है.
एनपीएस वात्सल्य स्कीम में जमा किया गया पैसा सरकारी बॉन्ड, डेट फंड और शेयर बाजार में लगाया जाता है, जिससे लंबे समय में बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना होती है. इस स्कीम में कोई भी भारतीय नागरिक, जिसके बच्चे की उम्र 18 साल से कम है, निवेश कर सकता है. इसके लिए बच्चे के पास पैन कार्ड और आधार कार्ड का होना जरूरी है.
क्या है NPS वात्सल्य स्कीम?
एनपीएस वात्सल्य स्कीम केंद्र सरकार की पेंशन योजना, नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत एक नया विकल्प है. इसे सितंबर 2024 में लॉन्च किया गया था. इस स्कीम के तहत माता-पिता अपने 18 साल से कम उम्र के बच्चे के नाम पर निवेश कर सकते हैं. इसमें सालाना कम से कम ₹1,000 का निवेश अनिवार्य है, जबकि अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है. जैसे ही बच्चे की उम्र 18 साल पूरी होगी, यह खाता रेगुलर NPS Tier-1 खाते में बदल जाएगा. स्कीम की खास बात यह है कि माता-पिता यह तय कर सकते हैं कि उनके निवेश का कितना हिस्सा इक्विटी, डेट फंड और सरकारी बॉन्ड में लगाया जाए.
कैसे बनेगा ₹11 करोड़ का फंड?
अगर कोई निवेशक बच्चे के नाम पर हर साल ₹10,000 यानी महीने के सिर्फ ₹834 का निवेश करता है और इस निवेश को 60 साल की उम्र तक जारी रखता है, तो कंपाउंडिंग के जरिए यह फंड करीब ₹11 करोड़ तक पहुंच सकता है. हालांकि, यह गणना स्कीम के एग्रेसिव विकल्प के तहत अनुमानित रिटर्न पर आधारित है. यह तभी होगा जब औसतन रिटर्न 12.86 फीसदी मिले. अगर रिटर्न 10 फीसदी मिलेगा तो 2.75 करोड रुपये का फंड बनेगा और रिटर्न 11.59 फीसदी मिलने पर 5.97 करोड का फंड आपके रिटायर होने तक तैयार हो जाएगा. यह अनुमानित रिटर्न है. असली रिटर्न बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है.
निवेश के तीन विकल्प
इस स्कीम में निवेशकों को तीन तरह के विकल्प मिलते हैं:
एग्रेसिव विकल्प: 75% पैसा इक्विटी में निवेश होता है. इसमें जोखिम और रिटर्न दोनों ज्यादा होते हैं.
मॉडरेट विकल्प: 50% पैसा इक्विटी में निवेश होता है. इसमें जोखिम और रिटर्न मध्यम रहते हैं.
कंजर्वेटिव विकल्प: 25% पैसा इक्विटी में निवेश होता है. इसमें सबसे कम जोखिम होता है और रिटर्न भी अपेक्षाकृत स्थिर रहता है.
इसके अलावा, निवेशक चाहें तो एक्टिव चॉइस का चयन कर अपने हिसाब से इक्विटी में निवेश का अनुपात तय कर सकते हैं.
3 साल बाद निकाल सकते हैं पैसा
निवेश के 3 साल बाद जरूरत पड़ने पर पढ़ाई, बीमारी या विकलांगता के लिए 25% तक पैसा निकाला जा सकता है. यह सुविधा अधिकतम तीन बार उपलब्ध है. 18 साल की उम्र पर अगर फंड ₹2.5 लाख से ज्यादा है, तो 80% पैसा एन्युटी (पेंशन) में निवेश करना अनिवार्य है, जबकि शेष 20% पैसा एकमुश्त निकाला जा सकता है. अगर फंड ₹2.5 लाख या कम है, तो पूरा पैसा एकमुश्त निकाला जा सकता है. बच्चे के असामयिक निधन की स्थिति में पूरा पैसा अभिभावक को मिलेगा.
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