Last Updated:April 29, 2025, 18:54 ISTEPS Pension : प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए पेंशन को लेकर बड़ी खबर है. सरकार के शीर्ष अधिकारी की मानें तो जल्द ही पेंशन की राशि 3 गुना तक बढ़ाई जा सकती है. इसका फायदा पीफ कटवाने वाले कर्मचारियों को मि…और पढ़ेंईपीएस के तहत सरकार 3000 रुपये पेंशन देने की योजना बना रही है. हाइलाइट्ससरकार EPS पेंशन को 3 गुना बढ़ाने की तैयारी में है.निजी सेक्टर के कर्मचारियों को मिलेगा फायदा.न्यूनतम पेंशन 1,000 से बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति माह की जाएगी.नई दिल्ली. सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन को लेकर माथापच्ची कर रही सरकार ने अब प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए भी बड़ी तैयारी शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि निजी सेक्टर के कर्मचारियों की पेंशन को भी तीन गुना तक बढ़ाया जा सकता है. निजी सेक्टर के लिए पेंशन की देखरेख कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) करता है, जिसमें कर्मचारी की सैलरी से हर महीने अंशदान दिया जाता है और इसका एक हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है, जो रिटायरमेंट पर पेंशन के रूप में मिलता है.
मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत न्यूनतम पेंशन को वर्तमान में 1,000 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति माह करने की तैयारी में है. न्यूनतम पेंशन में यह वृद्धि अगले कुछ महीनों में प्रभावी हो सकती है. EPS भारत में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा संचालित एक सेवानिवृत्ति योजना है. यह संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन प्रदान करती है. EPS को नियोक्ता के योगदान के एक हिस्से से ही वित्तपोषित किया जाता है.
ईपीएस में कितना योगदानवर्तमान में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में नियोक्ता के 12% योगदान में से 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है, जबकि शेष 3.67% EPF में जाता है. वहीं, कर्मचारी की सैलरी से कटने वाले 12 फीसदी हिस्से की कुल रकम ईपीएफ में जमा हो जाती है. अधिकारी का कहना है कि हम न्यूनतम पेंशन राशि को 3,000 रुपये प्रति माह करने की संभावना पर विचार कर रहे हैं. यह लंबे समय से लंबित है. साल 2020 में श्रम मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को EPS के तहत न्यूनतम पेंशन को 2,000 रुपये प्रति माह करने का प्रस्ताव भेजा था, जिसके लिए अलग से बजट चाहिए था लेकिन इसे मंजूरी नहीं मिल सकी.
7.5 हजार रुपये की है डिमांड2025 के बजट से पहले की बातचीत के दौरान, ईपीएस सेवानिवृत्त कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी. उन्होंने न्यूनतम ईपीएस पेंशन को बढ़ाकर 7,500 रुपये प्रति माह करने की मांग रखी, लेकिन उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिला. ईपीएस का कुल कोष 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक है और इस योजना के तहत कुल पेंशनभोगियों की संख्या लगभग 78.5 लाख है. इनमें से 36.6 लाख से अधिक लोग न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये प्रति माह प्राप्त करते हैं.
अभी पेंशन पर कितना खर्चश्रम मंत्रालय ने फिलहाल 3,000 रुपये पेंशन देने पर काम करने की बात कही है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में, मंत्रालय ने ईपीएस के तहत पेंशनधारकों को न्यूनतम पेंशन प्रदान करने में 1,223 करोड़ रुपये खर्च किए, जो वित्तीय वर्ष 2022-23 में खर्च किए गए 970 करोड़ रुपये से 26% अधिक है. जाहिर है कि पेंशन की राशि 3 गुना बढ़ाए जाने से सरकार पर आवंटन का खर्चा भी 3 गुना से अधिक बढ़ सकता है. बीते 11 साल में खुदरा महंगाई की दर 72 फीसदी बढ़ चुकी है. ऐसे में पेंशन की राशि को बढ़ाना भी अब जरूरी हो गया है.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :April 29, 2025, 18:54 ISThomebusinessआप भी कटवा रहे पीएफ में पैसा, 3 गुना बढ़ने वाली है पेंशन, फिर कितनी मिलेगी
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