रॉकेट की स्पीड से दौड़ रहा गोल्ड! सिर्फ 1 या 2 नहीं इन 5 तरीकों से करें निवेश

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Gold Investment Options: साल 2025 की पहली छमाही में सोने में शानदार तेजी देखने को मिली है. इस दौरान इसमें करीब 26 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई, जिससे यह दुनिया की टॉप परफॉर्मिंग एसेट क्लासेज़ में शामिल हो गया. इस साल के पहले छह महीनों में सोने ने ग्लोबली 26 बार नया ऑल-टाइम हाई बनाया, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 40 बार का था.

सोने में सबसे अधिक निवेश

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के अनुसार, कमजोर अमेरिकी डॉलर, सीमित दायरे में बनी ब्याज दरें और दुनियाभर में इकोनॉमिक और जियो पॉलिटिकल टेंशन के माहौल ने निवेशकों को सोने की तरफ आकर्षित किया है. इन हालातों के चलते सोने में निवेश की मांग और ज्यादा बढ़ गई है.

WGC की रिपोर्ट कहती है कि अगर बाजार और अर्थशास्त्रियों की अनुमानित तस्वीर सही रहती है, तो साल की दूसरी छमाही में सोना स्थिर रह सकता है या फिर इसमें हल्की बढ़त हो सकती है. इस दौरान इसमें 0 से 5 फीसदी तक की और तेजी देखी जा सकती है.

इन तरीकों से कर सकते हैं सोने में निवेश

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB)

साल 2015 से अब तक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कुल 67 सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) ट्रेंच जारी किए हैं, जिनमें करीब 14.7 करोड़ यूनिट्स इश्यू की गई हैं. ये बॉन्ड BSE और NSE के कैश सेगमेंट में लिस्टेड हैं और इनका लेन-देन किया जा सकता है. रिटेल निवेशक इन्हें अपने डिमैट अकाउंट के जरिए खरीद और बेच सकते हैं.

SGB एक ऐसा ऑप्शन है जिसकी मदद से आप सोने में निवेश कर सकते है, लेकिन इस समय नए बॉन्ड इश्यू नहीं हो रहे हैं. ये बॉन्ड आठ साल की अवधि के होते हैं, जिनमें पहले पांच साल तक लॉक-इन रहता है. हालांकि, पांचवें, छठे और सातवें साल के अंत में RBI की तरफ से बायबैक का ऑप्शन दिया जाता है.

गोल्ड म्यूचुअल फंड्स (Gold Mutual Funds)

गोल्ड म्यूचुअल फंड एक ओपन-एंडेड निवेश ऑप्शन है, जो गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) में निवेश करता है. हर गोल्ड म्यूचुअल फंड के पीछे एक फंड मैनेजर होता है, जो बाजार की स्थितियों और फंड के उद्देश्य के मुताबिक निवेश से जुड़े फैसले लेता है.

गोल्ड एमएफ की यूनिट्स की कीमत ईटीएफ से अलग होती है. इनकी कीमत “नेट एसेट वैल्यू” (NAV) के रूप में तय होती है, जो हर ट्रेडिंग दिन के अंत में घोषित होती है. ये फंड एक्टिव रूप से मैनेज होते हैं, इसलिए इनमें लंबे समय में सोने की कीमत से बेहतर रिटर्न देने की संभावना होती है.

इसके अलावा, गोल्ड म्यूचुअल फंड में निवेश करना आसान होता है क्योंकि आप इसे किसी भी म्यूचुअल फंड हाउस के जरिए कर सकते हैं. हालांकि, इनमें खर्च थोड़ा ज्यादा होता है. गोल्ड एमएफ का एक्सपेंस रेशियो आमतौर पर 1 से 2 फीसदी के बीच होता है, जो कि गोल्ड ईटीएफ की तुलना में ऊंचा होता है.

फिजिकल गोल्ड 

भारत में फिजिकल गोल्ड यानी असली सोना हमेशा से लोगों की पहली पसंद रहा है. यह एक आकर्षक ऑप्शन माना जाता है, लेकिन इसमें कुछ चुनौतियां भी होती हैं. सबसे बड़ी परेशानी इसकी सुरक्षा और शुद्धता को लेकर होती है. निवेश के नजरिए से देखा जाए तो ये भी एक बढ़िया ऑप्शन है.

गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs)

गोल्ड ईटीएफ का मकसद होता है देश में सोने की असली कीमत को ट्रैक करना. ये फंड सोने की कीमत पर आधारित होते हैं और शुद्ध सोने (बुलियन) में निवेश करते हैं. आमतौर पर, एक गोल्ड ईटीएफ यूनिट एक ग्राम सोने के बराबर होती है, जो उच्च शुद्धता वाले फिजिकल गोल्ड से पूरी तरह समर्थित होती है.

यह निवेश का तरीका उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो सोने में डिजिटल और सुरक्षित तरीके से निवेश करना चाहते हैं, बिना फिजिकल सोना खरीदे.

डिजिटल गोल्ड में निवेश करें

डिजिटल गोल्ड में निवेश का ऑप्शन पेटीएम, फोनपे और गूगल पे जैसे प्लेटफॉर्म्स पर मिलता है. इसमें आप थोड़ी सी रकम से भी शुरुआत कर सकते हैं और चाहें तो बाद में असली सोना डिलीवर करवा सकते हैं.

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