Last Updated:June 26, 2025, 14:55 ISTUPS vs NPS : सरकार ने पुराने कर्मचारियों को तो यूपीएस और एनपीएस में से किसी एक का चुनाव करने का मौका दिया है, लेकिन नए कर्मचारियों के लिए पेंशन की क्या व्यवस्था है. अगर कोई 1 अप्रैल, 2025 को नौकरी ज्वाइन कर…और पढ़ेंनई नौकरी ज्वाइन करने वालों को भी पेंशन चुनने का विकल्प मिलता है. हाइलाइट्स1 अप्रैल 2025 के बाद नौकरी ज्वाइन करने पर NPS या UPS चुनने का विकल्प.नए कर्मचारियों को नियुक्ति के 30 दिन के भीतर पेंशन योजना चुननी होगी.NPS चुनने पर बाद में UPS में स्विच किया जा सकता है, लेकिन UPS से बाहर नहीं.नई दिल्ली. साल 2005 से नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) लागू होने के बाद से ही देशभर के सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन को दोबारा लागू करने की मांग कर रहे हैं. सरकार ने इस पर अमल करते हुए गारंटी वाली पेंशन स्कीम यूपीएस पेश की, जो 1 अप्रैल, 2025 से लागू हो चुकी है. इसके साथ ही सरकार ने पहले एनपीएस के तहत अंशदान करने वाले कर्मचारियों को भी यूपीएस में स्विच करने का मौका दिया. लेकिन, सवाल ये उठता है कि जो लोग 1 अप्रैल 2025 के बाद सरकारी नौकरी ज्वाइन करते हैं, उन्हें बाई डिफॉल्ट किस स्कीम में रखा जाएगा.फिलहाल सरकार ने 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को एनपीएस अथवा यूपीएस में से किसी एक का चुनाव करने का मौका दिया है. पहले इसकी डेडलाइन 30 जून थी, जिसे 3 महीने बढ़ाकर अब 30 सितंबर कर दिया गया है. हालांकि, यह विकल्प तो पहले से नौकरी करने वाले कर्मचारियों को दिया गया है जिसमें से ज्यादातर अभी इसी असमंजस में हैं कि दोनों में से किसका चुनाव किया जाए. लेकिन, सवाल ये है कि जो लोग 1 अप्रैल, 2025 के बाद नौकरी ज्वाइन कर रहे हैं, उन्हें दोनों में से किस पेंशन स्कीम में रखा जाएगा.
नए कर्मचारियों के लिए ये है व्यवस्था
सरकार ने जिस तरह इनकम टैक्स को लेकर 2 रिजीम पेश की है और लोगों को इन दोनों का चुनाव करने का विकल्प दिया है. कमोबेश उसी तर्ज पर पेंशन को लेकर भी दो स्कीम पेश की जा रही है. 1 अप्रैल, 2025 के बाद नौकरी ज्वाइन करने वाले कर्मचारियों को भी एनपीएस और यूपीएस में से किसी एक का चुनाव करने का मौका दिया जाएगा. इसका मतलब है कि नई नौकरी ज्वाइन करने वाले कर्मचारियों को नियुक्ति के 30 दिन के भीतर दोनों में से किसी एक स्कीम का चुनाव करना पड़ेगा.
क्या है स्कीम चुनने की प्रक्रियासरकार ने नई नौकरी ज्वाइन करने वाले कर्मचारियों को 30 दिन में एनपीएस अथवा यूपीएस में से किसी एक को चुनने का विकल्प दिया है. अगर कोई कर्मचारी एनपीएस का चुनाव करता है तो वह आगे कभी भी यूपीएस में खुद को ट्रांसफर कर सकता है, लेकिन अगर एक बार यूपीएस का चुनाव कर लिया गया तो फिर दोबारा इससे बाहर निकलने का विकल्प नहीं दिया जाएगा और कर्मचारी को हमेशा के लिए यूपीएस के तहत ही अपना अंशदान करना होगा.
क्यों बना हुआ है असमंजससरकार ने भले ही यह दावा किया है कि यूपीएस में रिटायरमेंट के बाद आखिरी 12 महीने की बेसिक सैलरी का आधा यानी 50 फीसदी पैसा पेंशन के रूप में दिया जाएगा. इसके बाद आगे भी डीए बढ़ोतरी का भी फायदा मिलेगा. बावजूद इसके ज्यादातर कर्मचारी इसे लेकर असमंजस में इसलिए हैं, क्योंकि रिटायरमेंट पर एकमुश्त मिलने वाली राशि का ज्यादातर हिस्सा सरकार के पास रहेगा. एनपीएस में रिटायरमेंट पर मोटा पैसा तो एकमुश्त मिल जाएगा, लेकिन पेंशन की रकम हमेशा के लिए वही रह जाएगी जो शुरू होगी. इसमें डीए का कोई फायदा नहीं दिया जाएगा.Pramod Kumar Tiwariप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ेंप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessनई नौकरी ज्वाइन करने वालों को एनपीएस मिलेगा या यूपीएस, दूर करें कंफ्यूजन
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