यशस्वी यादव/नई दिल्ली. महीनेभर ऑफिस में काम करने के बाद आपके हाथ में एक महीने की सैलरी आती है. फिर उस सैलरी को जब आप खर्च करना शुरू करते हैं तो महीने के अंत तक कुछ ही पैसे आपके अकाउंट में बच पाते हैं. फिर आपके दिमाग में आता होगा काश! कुछ सेविंग कर ली होती.. या फिर आपके मन में ख्याल आता होगा कि अब अगले महीने से इंवेस्ट करना शुरू करेंगे..ये सोचते-सोचते कितने महीने निकल जाते हैं। इस परेशानी को दूर करने के लिए एक जाने-माने चार्टर्ड अकाउंटेंट ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर फाइनेंशियली अनुशासन और लॉन्ग-टर्म वेल्थ क्रिएशन को लेकर ऐसा अनोखी पोस्ट शेयर की है, जिसने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है.
CA नितिन कौशिक, जोकि पर्सनल फाइनेंस के फील्ड में अपने अनुभव और गहरी समझ के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में लोगों को याद दिलाया कि “खर्च के बाद जो बचता है, उसे सेव मत करो बल्कि सेव करने के बाद जो बचता है, उसे खर्च करो.” उन्होंने इस सोच को वॉरेन बफे की निवेश फिलॉसफी से जोड़ा और बताया कि असली दौलत सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी जिंदगी बनाने का तरीका है जिसमें आजादी और सुरक्षा हो. इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर काफी लोग शेयर कर रहे हैं क्योंकि यह सिर्फ पैसे की बात नहीं है, बल्कि एक नई सोच और लाइफस्टाइल की बात है. जहां पैसों पर हमारा कंट्रोल हो, न कि खर्च हमारी जिंदगी को कंट्रोल करे.
CA ने सोशल मीडिया पर शेयर की पोस्ट
“हर रुपया जो आप निवेश करते हैं, वो एक ऐसा कर्मचारी बन जाता है जो बिना थके, बिना छुट्टी लिए, दिन-रात आपके लिए काम करता है.” यही सोच CA नितिन कौशिक ने, जब उन्होंने पैसे की असली ताकत और फाइनेंशियल फ्रीडम के पीछे छिपे विज्ञान को सोशल मीडिया पर बेहद आसान भाषा में समझाया. उनका कहना था कि जब पैसा स्टैटजी के साथ लगाया जाता है, तो वो एक बड़ी ताकत बन जाता है, जो लगातार बढ़ता रहता है और धीरे-धीरे आर्थिक आजादी की नींव बनाता है.
समय और कंपाउंडिंग की ताकत को समझें
कौशिक ने एक बेहद साधारण लेकिन असरदार उदाहरण से कंपाउंडिंग की ताकत को समझाया. अगर कोई व्यक्ति हर महीने ₹10,000 निवेश करता है और उसे सालाना 8% का रिटर्न मिलता है, तो 10 साल में वो रकम ₹18.29 लाख, 20 साल में ₹59.31 लाख, और 30 साल बाद वही राशि बढ़कर ₹1.5 करोड़ हो जाती है. उन्होंने बताया कि ये किसी हाई रिटर्न की दौड़ का नतीजा नहीं, बल्कि समय और अनुशासन के बल पर होता है. असली कुंजी है नियमित निवेश और धैर्य. यही दो चीजें मिलकर किसी भी निवेशक को एक नया भविष्य दे सकती हैं.
ऐसे करें निवेश की शुरुआत
CA नितिन कौशिक ने बताया कि इस जर्नी में सबसे पहला और अहम कदम है तुरंत शुरुआत करें, चाहे रकम छोटी ही क्यों न हो. कौशिक ने कहा कि ₹1,000 महीने से भी शुरुआत हो, तो वक्त के साथ ये एक बड़ा फंड बन सकता है. जल्दी शुरू करना ही कंपाउंडिंग की असली ताकत है. इसके बाद उन्होंने बताया कि पैसा वहां लगाना चाहिए जहां उसकी कीमत बढ़े और आय भी बने.
जैसे शेयर बाजार (Equities) में पूंजी बढ़ाने के लिए निवेश करें, रियल एस्टेट में किराए जैसी पैसिव इनकम के लिए और म्यूचुअल फंड्स में रिस्क को फैलाकर स्थिर ग्रोथ पाने के लिए निवेश करें. इसके अलावा बिजनेस या स्टार्टअप्स में मुनाफा फिर से निवेश करने से कंपाउंडिंग का जादू चलता है. एक और जरूरी आदत जो कौशिक ने सुझाई वो है रिटर्न्स को खर्च करने की बजाय दोबारा निवेश करें. इससे कंपाउंडिंग की रफ्तार बढ़ती है और धीरे-धीरे छोटी बचत भी मोटा फंड बनाता है. अगर आप छोटे से शुरू करते हैं, सही जगह निवेश करते हैं और लगातार रिटर्न को वापस लगाते हैं तो वक्त के साथ आप आर्थिक रूप से स्वतंत्र और सुरक्षित जीवन बना सकते हैं.
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