नई दिल्ली. दुनिया के सबसे सफल निवेशकों में शुमार वॉरेन बफेट हमेशा Real Estate Investment Trusts (REITs) से दूरी बनाकर चलते हैं. उनकी कंपनी बर्कशायर हैथवे के पोर्टफोलियो में REITs की हिस्सेदारी न के बराबर है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि REITs आपके लिए भी बेकार हैं. असल में, आज के माहौल में REITs आपके पोर्टफोलियो के लिए एक समझदारी भरा विकल्प हो सकते हैं—खासतौर पर अगर आप भारत में निवेश कर रहे हैं.बफेट और उनके पार्टनर चार्ली मंगर ने हमेशा ऐसे बिजनेस में निवेश किया है जहां उन्हें “कॉम्पिटिटिव एडवांटेज” यानी प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त दिखे. रियल एस्टेट मार्केट में, उनके अनुसार, ऐसी कोई बढ़त नहीं मिलती क्योंकि यह सेक्टर पहले से ही काफी कंपीटिटिव और एफिशिएंट है. इसके अलावा, बर्कशायर हैथवे एक C-कॉर्पोरेशन है, जिस पर रियल एस्टेट या REIT इनकम पर डबल टैक्स लगता है — पहले कंपनी स्तर पर और फिर शेयरहोल्डर के स्तर पर. इससे टैक्स एफिशिएंसी खत्म हो जाती है, जो REITs की सबसे बड़ी खासियत मानी जाती है.
भारत में कहानी अलग है
भारत में REITs एक नए लेकिन मजबूत विकल्प के रूप में उभरे हैं. यहां ये सेबी (SEBI) द्वारा रेगुलेटेड होते हैं, और निवेशकों को किराया, डिविडेंड और पूंजी लाभ (Capital Gains) के जरिए पैसिव इनकम का एक आसान और टैक्स-फ्रेंडली जरिया देते हैं.
डिविडेंड टैक्स फ्री: अगर REIT की underlying कंपनी (SPV) ने पहले ही कॉर्पोरेट टैक्स भर दिया है, तो निवेशकों को मिलने वाला डिविडेंड टैक्स-फ्री होता है.
कैपिटल गेंस में छूट: अगर आपने REIT यूनिट्स 1 साल से ज़्यादा रखी हैं, तो ₹1 लाख से ऊपर के मुनाफे पर सिर्फ 10% टैक्स लगता है. इससे कम समय के लिए रखने पर 15% टैक्स है.
90% डिस्ट्रीब्यूशन अनिवार्य: SEBI के नियम REITs को उनके नेट डिस्ट्रिब्यूटेबल इनकम का कम-से-कम 90% निवेशकों को बांटने के लिए बाध्य करते हैं, जिससे रेगुलर इनकम की गारंटी मिलती है.
Buffett के लिए जो ‘बेकार’, वो आपके लिए ‘फायदेमंद’
बफेट जैसे बड़े संस्थागत निवेशक के लिए REITs भले ही अपर्याप्त रिटर्न और टैक्स समस्याओं की वजह से अनाकर्षक हों, लेकिन एक भारतीय रिटेल निवेशक के लिए ये कम जोखिम, अच्छी इनकम, और बेहतर लिक्विडिटी का कॉम्बिनेशन पेश करते हैं. REIT यूनिट्स को स्टॉक एक्सचेंज पर किसी सामान्य शेयर की तरह खरीदा-बेचा जा सकता है. साथ ही GST का कोई सीधा प्रभाव इनकम पर नहीं पड़ता और TDS भी सीमित स्तर पर लागू होता है.
REITs भारत में अब धीरे-धीरे निवेशकों की पसंद बन रहे हैं. ज्यादा पारदर्शिता, टैक्स में राहत, और स्थिर नकदी प्रवाह के कारण ये उन लोगों के लिए बढ़िया विकल्प हैं जो फिज़िकल प्रॉपर्टी की झंझटों से बचते हुए प्रॉपर्टी से कमाई करना चाहते हैं.
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