हाइलाइट्ससरकार ने सभी कैपिटल गेन पर इंडेक्सेशन खत्म कर दिया. लांग टर्म कैपिटल गेन की टैक्स दर भी घटा दी गई है. रेट घटाने के बाद भी टैक्स की मात्रा ज्यादा बढ़ गई है. नई दिल्ली. इनकम टैक्स का यह सामान्य नियम है कि इसे हमेशा आगे की योजनाओं पर लागू किया जाता है. आपने कोई निवेश पहले किया है तो उस पर लागू नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन 23 जुलाई को पेश किए गए बजट 2024 में सरकार ने सभी तरह के कैपिटल गेन पर डंडेक्सेशन यानी महंगाई के सापेक्ष मिलने वाली छूट को समाप्त कर दिया. बजट के बाद ज्यादा विपक्ष ने भी इस पर हो-हल्ला मचाया, लेकिन ज्यादातर बातें प्रॉपर्टी के इर्द-गिर्द ही होती रहीं. लेकिन, क्या आपको पता है कि इस नए नियम से आपकी बुढ़ापे की लाठी भी कमजोर हो जाएगी. क्यों और कैसे, चलिए आपको बहुत ही साधारण भाषा और कैलकुलेशन के साथ समझाते हैं.
लाइव मिंट के अनुसार, पहले आपको याद दिला दें कि सरकार ने कैपिटल गेन पर बदला क्या है. इसके लिए एक साल पीछे ले चलते हैं. साल 2023 में सरकार ने रिटायरमेंट के लिए सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली म्यूचुअल फंड कैटेगरी पर इंडेक्सेशन का लाभ खत्म किया था. हम बात कर रहे हैं डेट म्यूचुअल फंड की, जिस पर आपको मुश्किल से 7 से 8 या बहुत हो गया तो 9 फीसदी तक रिटर्न मिलता है. इसका मतलब है कि इस फंड पर आपको 10 फीसदी का सालाना रिटर्न शायद ही मिले. बावजूद इसके कम्पाउंडिंग की ताकत के भरोसे यह फंड लांग टर्म में अच्छा खास कॉपर्स तैयार करने की क्षमता रखता है. यही कारण है कि ज्यादातर लोग अपना रिटायरमेंट फंड तैयार करने के लिए डेट म्यूचुअल फंड को पसंद करते थे.
क्या हुआ था बदलावडेट म्यूचुअल फंड को पसंद का सिलसिला साल 2023 तक था, लेकिन पिछले साल के बजट में सरकार ने इस कैटेगरी पर इंडेक्सेशन का लाभ खत्म कर दिया. इसका मतलब हुआ कि लोगों के रिटायरमेंट बचत पर सीधे चोट लगी. इससे पहले तक इस कैटेगरी के म्यूचुअल फंड पर लांग टर्म में मिले रिटर्न पर 20 फीसदी टैक्स लगता था, लेकिन महंगाई के सापेक्ष रिटर्न पर छूट भी मिलती थी. जिससे प्रभावी टैक्स काफी कम रह जाती थी. सरकार ने कहा था कि साल 2023 के बाद इस कैटेगरी में निवेश किया तो इंडेक्सेशन का लाभ नहीं मिलेगा. इसका मतलब सीधे तौर पर 20 फीसदी लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होगा. चलो, यहां तक तो ठीक था कि भाई अब हम आगे इसमें पैसे ही नहीं लगाएंगे. लेकिन, असली समस्या अब शुरू हुई.
2024 में क्या कियाबीते एक साल में लोगों ने मन बना लिया कि चलो भाई यहां पैसे ही नहीं लगाते हैं. लेकिन, 2024 वाले बजट में सरकार ने सभी तरह के कैपिटल गेन वाले निवेश पर इंडेक्सेशन खत्म कर लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 20 फीसदी से घटाकर 12.5 फीसदी कर दिया. इसका असर 1 अप्रैल, 2023 से पहले इस फंड में लगाए पैसों पर भी पड़ेगा. देखने में तो आपको लग रहा है कि सरकार ने टैक्स की दर घटा दी है, लेकिन जब आप इंडेक्सेशन के साथ इसे देखेंगे तो होश उड़ जाएगा. कैसे, बस यह कैलकुलेशन देख लीजिए.
होश उड़ा देगा कैलकुलेशनमान लेते हैं आपने 31 मार्च, 2023 को डेट म्यूचुअल फंड में 10 लाख रुपये का निवेश किया कि इससे रिटायरमेंट तक मोटा कॉपर्स तैयार कर लेंगे. हम आपको रिटायरमेंट तक ले जाने के बजाए सिर्फ 3 साल आगे यानी साल 2026 तक ले चलते हैं. इस दौरान आपको सिर्फ 7 फीसदी का भी रिटर्न मिला तो कंपाउंड के साथ आपकी रकम बढ़कर 12,25,043 रुपये हो जाएगी. इसका मतलब आपने 2,25,043 रुपये का कैपिटल गेन यानी रिटर्न कमाया. इस दौरान महंगाई 4 फीसदी की दर से बढ़ी तो इंडेक्सेशन के साथ आपके पास वास्तव में टैक्स चुकाने लायक रिटर्न सिर्फ 1,00,179 रुपये होगा. इस पर आप 20 फीसदी सीधा लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स यानी 20,035.80 रुपये का टैक्स चुका दीजिए.
लेकिन, बजट 2024 में इंडेक्सेशन खत्म किए जाने के बाद आपको 12.5 फीसदी टैक्स पूरे कैपिटल गेन पर चुकाना होगा. इसका मतलब हुआ कि 2,25,043 रुपये 12.5 फीसदी टैक्स जो होगा 28,130 रुपये. आपके ऊपर जो बढ़ा हुआ टैक्स आया, उसकी रकम होगी 8,095 रुपये. अब इसे फीसदी में बदलकर देखें तो टैक्स का बोझ सीधे 40 फीसदी बढ़ गया है. यह गणित सिर्फ 3 साल निवेश के बाद है, जरा अंदाजा लगाइये कि आपने 30 साल का रिटायरमेंट फंड तैयार किया तो क्या होगा. हो गई न बुढ़ाने की लाठी कमजोर!
Tags: Budget session, Business news, Income tax, Mutual fundFIRST PUBLISHED : August 2, 2024, 14:11 IST
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