ऐसे विकास के बाद जो संकट आएगा… 70 घंटे काम वाली बहस में कूदे वेम्बु, पूछे 2 चुभते सवाल

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नई दिल्ली. जोहो कॉरपोरेशन के सीईओ श्रीधर वेम्बु ने 70 घंटे काम करने के सप्ताह की बहस को एक नई दिशा दी है. यह बहस पहले इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के बयान से शुरू हुई थी. वेम्बु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट लिखकर न केवल इस विचार पर सवाल उठाए, बल्कि इसके प्रभाव और आवश्यकता पर भी अपनी राय दी.

वेम्बु ने कहा, “70 घंटे काम करने का तर्क ‘आर्थिक विकास के लिए आवश्यक’ बताया जाता है.” उन्होंने जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान और चीन जैसे पूर्वी एशियाई देशों का उदाहरण दिया, जहां “कठोर श्रम” के माध्यम से आर्थिक वृद्धि हुई. हालांकि, वेम्बु ने चेतावनी दी कि ये देश अब जनसंख्या संकट से जूझ रहे हैं और उनकी सरकारें लोगों के सामने गिड़गिड़ा रही हैं ताकि वे बच्चों को जन्म दें.

दो महत्वपूर्ण सवाल उठाएवेम्बु ने अपनी पोस्ट में दो अहम सवाल उठाए. उन्होंने पूछा कि क्या आर्थिक विकास के लिए इतना कठोर परिश्रम जरूरी है और दूसरा सवाल कि क्या ऐसा विकास उस अकेले बुजुर्ग जीवन के लायक है, जो बड़ी संख्या में लोगों का भविष्य बन सकता है? पहले सवाल पर वेम्बु ने कहा कि हर किसी के लिए अत्यधिक मेहनत करना आवश्यक नहीं है. उन्होंने कहा, “अगर केवल 2-5% आबादी कड़ी मेहनत करे तो काफी है. बाकी लोग एक संतुलित जीवन जी सकते हैं.”

दूसरे सवाल पर वेम्बु ने स्पष्ट रूप से कहा, “नहीं, यह इसके लायक नहीं है.” उन्होंने चीन के आर्थिक मॉडल को अपनाने से सावधान किया, जो जनसंख्या में गिरावट का कारण बन रहा है. वेम्बु ने कहा, “भारत पहले से ही जनसंख्या प्रतिस्थापन स्तर पर है, और इसे पूर्वी एशियाई स्तरों तक गिराना अच्छा नहीं होगा.” वेम्बु ने अपनी पोस्ट का अंत संतुलित विकास के दृष्टिकोण के साथ किया. उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि हम विकास कर सकते हैं, बिना खुद को जनसंख्या संकट की ओर धकेले.”

नारायण मूर्ति ने क्या कहा थाइन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने सुझाव दिया था कि भारत के युवाओं को देश की आर्थिक प्रगति को तेज करने के लिए सप्ताह में 70 घंटे काम करने का प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा था कि भारत को विकसित देशों के स्तर पर पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत है. मूर्ति के अनुसार, 70 घंटे काम करने का सुझाव युवा कार्यबल में उत्पादकता बढ़ाने और भारत को एक मजबूत आर्थिक शक्ति बनाने के उद्देश्य से दिया गया था.
Tags: Business newsFIRST PUBLISHED : December 27, 2024, 17:00 IST

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