Last Updated:April 06, 2025, 15:03 ISTपीयूष गोयल के भारतीय स्टार्टअप्स पर इनोवेशन की कमी के आरोप पर यशोवर्धन अग्रवाल ने मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसीज की खामियों को उजागर किया. उन्होंने बताया कि सरकारी सिस्टम और अस्थिर नीतियों ने उनकी ऑप्टिकल फाइबर कंपनी …और पढ़ेंपीयूष गोयल के बयान पर भड़के थे यशोवर्धन.हाइलाइट्सपीयूष गोयल ने भारतीय स्टार्टअप्स पर इनोवेशन की कमी का आरोप लगाया.यशोवर्धन अग्रवाल ने मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसीज़ की असलियत बताई.उन्होंने सिस्टम की खामियों को उजागर किया और सुधार के सुझाव दिए.नई दिल्ली. हाल ही में हुए ‘स्टार्टअप महाकुंभ’ के मंच से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय स्टार्टअप्स पर सवाल उठाते हुए कहा कि वो इनोवेशन की गहराई में नहीं जा रहे, सिर्फ डिलीवरी और सर्विस सेक्टर पर फोकस कर रहे हैं. इस बयान के बाद टेक प्रोफेशनल यशोवर्धन अग्रवाल ने एक के बाद एक पोस्ट करके सरकार की मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसीज़ और सिस्टम की असलियत सामने रख दी. उन्होंने लिखा, “इंडिया के सर्विस सेक्टर की तुलना चीन की मैन्युफैक्चरिंग से करना न सिर्फ गलत है, बल्कि जमीनी हकीकत से आंखें मूंद लेने जैसा है. हम सर्विस सेक्टर में इसलिए हैं क्योंकि मैन्युफैक्चरिंग आज भी बेहद रिस्की और अनरीवॉर्डिंग है.” यशोवर्धन ने बताया कि उनका परिवार एक वक्त में भारत की टॉप ऑप्टिकल फाइबर एक्सेसरीज़ बनाने वाली कंपनी चलाता था. लेकिन 2G स्कैम और पॉलिसी के अस्थिर माहौल ने बिज़नेस को खत्म कर दिया. “BSNL से ऑर्डर रातों-रात रुक गए, प्राइवेट कंपनियों ने प्रेशर डालकर हमें प्रोडक्ट 1% रेट पर बेचने को मजबूर किया.”
बकौल यशोवर्धन, “हम वर्कर्स को हटाना भी चाहें तो नहीं हटा सकते थे, यूनियंस और डिपार्टमेंट्स ने पूरा ऑपरेशन रोक दिया. तनाव के चलते दादाजी की जान चली गई और पेरेंट्स ने 10 साल कोर्ट में बर्बाद कर दिए.” वो लिखते हैं कि आज भी अगर कोई छोटी फैक्ट्री शुरू करना चाहे तो उसे हर कदम पर लोकल अफसरों को घूस देनी पड़ती है. उन्होंने कहा, “लेबर इंस्पेक्टर हो या सेफ्टी ऑफिसर, हर कोई कुछ न कुछ मांगता है. ये सिस्टम खुद ही बिज़नेस को खत्म कर रहा है.”
टेक टैलेंट बाहर क्यों जाता है?सरकार की यह राय कि स्टार्टअप्स को मैन्युफैक्चरिंग और डीप टेक की ओर बढ़ना चाहिए, यशोवर्धन को नाकाफी लगती है. उन्होंने कहा, “हम टेक प्रोफेशनल्स सर्विस सेक्टर में इसलिए हैं क्योंकि यहां मैन्युफैक्चरिंग में कोई फ्यूचर नहीं दिखता. इनोवेशन करना है तो लोग विदेश की कंपनियों में काम करते हैं या इंडिया छोड़ देते हैं.”
I’m deeply saddened by Piyush Goyal’s comments at Startup Mahakumbh 2023.
Comparing India’s service industry to China’s manufacturing sector is not just unfair, it’s ignorant of the reality on the ground.
My family’s story holds a painful truth about why this disparity exists.
— Yashovardhan Agrawal (@yashovardhan) April 5, 2025
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