दुनिया ने माना भारत का लोहा! 2025 में चीन-यूरोप भरेंगे पानी, नहीं थमेगी भारत की स्‍पीड

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Last Updated:January 19, 2025, 23:48 ISTIndian Economic Growth : भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की विकास दर 2025 में भी दुनिया में सबसे तेज बनी रहेगी. डब्ल्‍यूईएफ ने अनुमान लगाया है कि अमेरिका में भी वृद्धि रहेगी, लेकिन चीन जैसी बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था में गिरावट जारी रहेगी. इसके उलट भारत की विकास दर में…और पढ़ेंडब्‍ल्‍यूईएफ ने कहा है कि 2025 में भारत की विकास दर सबसे तेज रहेगी. नई दिल्ली. साल 2025 में जहां दुनियाभर की बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाएं पानी भरती नजर आएंगी, वहीं भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की अपनी रफ्तार में आगे बढ़ती रहेगी. विश्‍व आर्थिक मंच (WEF) सहित दुनिया के तमाम दिग्‍गज अर्थशास्त्रियों का यही कहना है कि अमेरिका, यूरोप और चीन, जापान जैसी बड़ी और विकसित अर्थव्‍यवस्‍थाएं जहां 2025 में मुश्किलों का सामना करते नजर आएंगे, वहीं भारत के लिए अपनी विकास दर को बनाए रखना मुश्किल नहीं होगा. भारत की विकास दर पहले की तरह ही तेजी से आगे बढ़ती जाएगी.

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने अपनी ताजा चीफ इकनॉमिस्ट्स आउटलुक में कहा कि साल 2025 में वैश्विक अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जिसमें सर्वेक्षण किए गए 56 प्रतिशत मुख्य अर्थशास्त्रियों ने स्थिति के कमजोर होने की उम्मीद जताई है. दुनियाभर के अधिकांश मुख्य अर्थशास्त्रियों का मानना है कि 2025 में वैश्विक आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है, लेकिन भारत के मजबूत वृद्धि बनाए रखने की संभावना है, भले ही कुछ गति खोने के संकेत मिल रहे हों. जैसा कि दूसरी तिमाही में दिखा जहां भारत की विकास दर 6.4 फीसदी रही.

17 फीसदी लोगों को ही उम्‍मीदडब्‍ल्‍यूईएफ की रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ 17 प्रतिशत लोग ही सुधार की उम्मीद कर रहे हैं. उन्‍हें प्रमुख क्षेत्रों में बढ़ती अनिश्चितता और वैश्विक स्तर पर संतुलित नीतिगत प्रतिक्रियाओं की जरूरत महसूस हुई. अमेरिकी अर्थव्यवस्था से 2025 में मजबूत वृद्धि की उम्मीद है और दक्षिण एशिया खासकर भारत से भी मजबूत वृद्धि बनाए रखने की उम्मीद है. यूरोप के लिए दृष्टिकोण निराशाजनक बना हुआ है और इस साल 74 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कमजोर या बहुत कमजोर वृद्धि की भविष्यवाणी की है.

चीन को भी होगी मुश्किलसाल 2025 में चीन के लिए भी दृष्टिकोण कमजोर बना हुआ है और आने वाले वर्षों में वृद्धि धीरे-धीरे और धीमी होने का अनुमान है. यह बात WEF ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के प्रमुख मुख्य अर्थशास्त्रियों के साथ परामर्श और सर्वेक्षण के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट में कही है. इसमें बताया गया कि दक्षिण एशिया में स्थिति बेहतर है, जहां 61 प्रतिशत मुख्य अर्थशास्त्री 2025 में मजबूत या बहुत मजबूत वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं. बावजूद इसके चीन जैसी बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था की गति स्‍लो रहने का ही अनुमान है.

भारत के लिए कैसा रहेगा सालरिपोर्ट में कहा गया कि भारत की मजबूत वृद्धि ने प्रेरित किया है, जो दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है. अभी भले ही विकास दर में कुछ सुस्‍ती आई है, लेकिन भारत के लिए नवीनतम राष्ट्रीय खातों के आंकड़े 2024 की तीसरी तिमाही में साल-दर-साल जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि 5.4 प्रतिशत की ओर इशारा करते हैं, जो लगभग दो वर्षों में सबसे धीमी दर है, जिससे दिसंबर में केंद्रीय बैंक के वार्षिक वृद्धि पूर्वानुमान में कमी आई है.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :January 19, 2025, 23:48 ISThomebusinessदुनिया ने माना लोहा! 2025 में चीन-यूरोप भरेंगे पानी, नहीं थमेगी भारत की स्‍पीड

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