दुनिया के लिए मिसाल बन सकता है भारत, मुख्‍य आर्थिक सलाहकार ने क्‍यों कही ये बात

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Last Updated:February 27, 2025, 12:50 ISTIndia vs World : भारत के मुख्‍य आर्थिक सलाहकार ने हाल में कहा है कि देश के विकास के अनुभव दुनिया के अन्‍य देशों के लिए मददगार साबित हो सकते हैं. दूसरे विश्‍व युद्ध के बाद पहली बार देशों को एक-दूसरे की इतनी जरूर…और पढ़ेंभारत की विकास दर अभी दुनिया में सबसे तेज चल रही है. हाइलाइट्सभारत के विकास अनुभव अन्य देशों के लिए उपयोगी हो सकते हैं.भारत अगले 25 वर्षों में 13 लाख करोड़ की जीडीपी बन जाएगा.दूसरे विश्व युद्ध के बाद देशों को एक-दूसरे पर निर्भरता बढ़ी.नई दिल्‍ली. देश के मुख्‍य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी अनंत नागेश्‍वरन ने दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में जो कुछ भी कहा वह हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा कर सकता है. नागेश्वरन ने कहा कि भारत के विकास संबंधी अनुभव अन्य देशों के लिए मिसाल बन सकते हैं. सीईए नागेश्‍वरन भारत के प्रमुख प्रवासी व्यापारिक नेताओं और भारतीय उच्चायोग जोहानिसबर्ग स्थित महावाणिज्य दूतावास और सीआईआई इंडिया व्यापार मंच द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित संगोष्‍ठी में मुख्य वक्ता थे.

सीआईआई इंडिया व्यापार मंच दक्षिण अफ्रीका में निवेश करने वाली 150 से अधिक भारतीय कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है. उसके कार्यक्रम में नागेश्वरन ने कहा कि भारत सबसे अधिक आबादी वाला देश है, जो लोकतांत्रिक राजनीति के संदर्भ में और संघीय शासन संरचना के संदर्भ में खुद को एक विकसित राष्ट्र में बदलने की कोशिश कर रहा है. लिहाजा भारत के ये विकास के अनुभव दक्षिण अफ्रीका सहित कई देशों के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकते हैं.

25 साल में 13 लाख करोड़ होगी जीडीपीसीईए ने विकसित भारत योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत सदैव उत्साह व अवसरों की भूमि रहेगा, जहां अन्य देशों के लिए सीखने के अनेक अवसर आते रहेंगे. उन्‍होंने दावा किया कि हम अगले 25 वर्षों में 3 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था से बढ़कर 13 लाख करोड़ की जीडीपी बन जाएंगे. नागेश्वरन ने यह भी सुझाव दिया कि नए वैश्विक परिवेश में साझेदारी के प्रति बदले हुए दृष्टिकोण की आवश्यकता है.

80 साल में पहली बार इतनी निर्भरतानागेश्‍वरन ने कहा कि पिछले विश्व युद्ध के बाद से किसी भी समय देशों को एक-दूसरे पर इतना निर्भर होने की आवश्यकता नहीं पड़ी, जितनी कि अब है. लिहाजा हमें खुले विचारों वाला होना चाहिए. अब हम साझेदारी बनाने में चुनाव नहीं कर सकते. इसके बजाय अब हम अवसरवादी बनें, क्योंकि दुनिया अभी उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है. हमें खुद को किसी स्थिति में बांधकर नहीं रखना चाहिए.

भारत को खनिज की जरूरतकार्यक्रम में एक अन्य वक्ता गौतेंग ग्रोथ एंड डेवलपमेंट एजेंसी के साकी जामक्साका ने कहा कि भारत के साथ साझेदारी के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में खनिज संसाधन भी शामिल है. जैसा कि हम अपने खनिज संवर्धन का निर्माण कर रहे हैं, जो कि अवसर का एक हिस्सा है. हमारे पास ऐसे खनिज हैं जो भारत के विकास के लिए आवश्यक होंगे, जिन्हें हम निर्यात कर सकते हैं. आईबीएफ के अध्यक्ष निहार पटनायक ने कहा कि हम भारत के हर कोने से स्टार्टअप और युवा अरबपतियों को उभरते हुए देख रहे हैं. भारत वर्तमान में चीन और अमेरिका के बाद दक्षिण अफ्रीका का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 27, 2025, 12:50 ISThomebusinessदुनिया के लिए मिसाल बन सकता है भारत, मुख्‍य आर्थिक सलाहकार ने क्‍यों कहा ऐसा

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