Last Updated:May 09, 2025, 18:26 ISTWorld Bank vs Pakistan : भारत और पाकिस्तान में जारी तनाव के बीच विश्व बैंक ने एक और बड़ा झटका पड़ोसी देश को दिया है. विश्व बैंक के अध्यक्ष का कहना है कि उसकी भूमिका सिर्फ दोनों देशों के बीच मध्यस्थता को ल…और पढ़ेंविश्व बैंक के अध्यक्ष ने सिंधु जल समझौते से अपना पल्ला झाड़ लिया है. हाइलाइट्सविश्व बैंक ने सिंधु जल समझौते पर अपनी भूमिका स्पष्ट की.विश्व बैंक की भूमिका केवल सुविधा-प्रदाता की है.भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है.नई दिल्ली. भारत और पाकिस्तान में युद्ध जैसे हालात के बीच पड़ोसी देश के लिए एक और बुरी खबर आई है. पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से सिंधु जल समझौता रद्द किए जाने पर पाकिस्तान की उम्मीदें विश्व बैंक की ओर टिकी थी. उसे लग रहा था कि विश्व बैंक इस समझौते को तोड़ने को लेकर भारत पर दबाव डालेगा, क्योंकि साल 1960 में संधि किए जाने के मौके पर विश्व बैंक ने ही बिचौलिए की भूमिका निभाई थी. लेकिन, अब विश्व बैंक ने पूरे मामले को लेकर अपनी स्थिति साफ कर दी है.
विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने कहा है कि बहुपक्षीय एजेंसी की भारत और पाकिस्तान के बीच हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि में सुविधा प्रदान करने के अतिरिक्त कोई भूमिका नहीं है. सिंधु, झेलम और चिनाब के जल बंटवारे के लिए 1960 में दोनों देशों ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे. भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में 26 भारतीयों की हत्या के बाद इस दशकों पुरानी सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है.
क्या बोला विश्व बैंक नेपत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा के हवाले से सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘हमारी भूमिका केवल एक सुविधा-प्रदाता की है. मीडिया में इस बारे में बहुत अटकलें लगाई जा रही हैं कि विश्व बैंक किस तरह से इस समस्या को हल करेगा, लेकिन यह सब बेबुनियाद है. विश्व बैंक की भूमिका केवल एक सुविधा-प्रदाता की है. हम इस मामले में कुछ भी करने की स्थिति में नहीं हैं.’
क्या था सिंधु जल समझौताविश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई सिंधु जल संधि के तहत साल 1960 से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी के बंटवारे एवं इस्तेमाल को नियंत्रित किया गया है. सिंधु नदी प्रणाली में मुख्य नदी सिंधु और उसकी सहायक नदियां शामिल हैं. रावी, ब्यास, सतलुज, झेलम और चिनाब इसकी सहायक नदिया हैं. वहीं, काबुल नदी भारतीय क्षेत्र से होकर नहीं बहती है. रावी, ब्यास और सतलुज को पूर्वी नदियां जबकि सिंधु, झेलम तथा चिनाब को पश्चिमी नदियां कहा जाता है. इस नदी प्रणाली का पानी भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए महत्वपूर्ण है. स्वतंत्रता के समय भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा सिंधु बेसिन से होकर गुजरती थी, जिससे भारत ऊपरी तटवर्ती देश और पाकिस्तान निचला तटवर्ती देश बन गया.
समझौते में विश्व बैंक की भूमिकासिंधु जल समझौते में विश्व बैंक ने मध्यस्थता की भूमिका निभाई थी. विश्व बैंक के तत्कालीन प्रतिनिधि ने दोनों देशों के साथ मिलकर इस समझौते की शर्तें तय करने में भूमिका निभाई थी और इसका दोनों पक्षों पर पड़ने वाले असर का आकलन भी किया था. हालांकि, संधि को लेकर विश्व बैंक सिर्फ दोनों पक्षों को समझाने तक ही सीमित है. उसके पास कोई अधिकार नहीं हैं. विश्व बैंक किसी भी पक्ष पर इस संधि को मानने या इसकी शर्तों में बदलाव करने का दबाव नहीं डाल सकता है.
Pramod Kumar Tiwariप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ेंप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessविश्व बैंक ने भी दिया पाकिस्तान को झटका! सिंधु जल समझौते पर कह दी बड़ी बात
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