नई दिल्ली. गौतम अडानी और सात अन्य लोगों पर अमेरिका में रिश्वत और धोखाधड़ी का अभियोग लगाया गया है. अडानी पर अमेरिका में अपनी एक कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दिलाने के लिए 25 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने और इस मामले को छिपाने का आरोप है. इस पूरे घटनाक्रम पर ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ न्यूयॉर्क के अटॉर्नी ब्रियोन पीस ने कहा है कि उनका कार्यालय अंतरराष्ट्रीय बाज़ार से भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि निवेशकों को ऐसे लोगों से बचाने को हम काम कर रहे हैं, जो हमारे वित्तीय बाजारों की विश्वसनीयता की क़ीमत पर ख़ुद को अमीर बनाना चाहते हैं. पीस ने जोर देकर कहा कि आपराधिक विभाग उन सभी भ्रष्ट, भ्रामक और बाधा डालने वाले आचरणों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करना जारी रखेगा, जो अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन करते हैं, चाहे वे दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न हो.
अमेरिका के न्याय विभाग के सख्त रवैये के बाद गौतम अडानी और अडानी समूह की मुश्किलें बढ़ना लाजिमी है. अटॉर्नी ब्रियोन पीस का स्टेटमेंट इशारा कर रहा है, अडानी का पीछा वे आसानी से नहीं छोड़ने वाले. अमेरिका में मुकद्दमा होने की खबर आते ही अडानी समूह के शेयरों में 20 फीसदी तक की गिरावट आ गई. यही नहीं हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में आई भारी गिरावट के बावजूद अडानी समूह में पैसा लगाने वाली अमेरिकी फर्म जीक्यूजी पार्टनर्स ने भी अब अडानी ग्रुप में अपने निवेश की समीक्षा करने की बात कही है.
गंभीर हैं आरोप इस मामले में गौतम अडानी के अलावा उनके भतीजे सागर अडानी, विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल पर रिश्वत के आरोप लगाए गए हैं. न्यूयॉर्क के ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट के आदेश में कहा गया, “2020 से 2024 के बीच, एक भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने, जो एक भारतीय समूह की पोर्टफोलियो कंपनी थी और अमेरिकी एक्सचेंज पर सूचीबद्ध थी, कनाडा के एक संस्थागत निवेशक के साथ मिलकर भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की साजिश रची. इस साजिश का उद्देश्य भारतीय सरकारी संस्थाओं के साथ लाभदायक सौर ऊर्जा आपूर्ति अनुबंधों को सुनिश्चित करना था.”
न्यूयॉर्क के ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट के अटॉर्नी ब्रेऑन पीस, न्याय विभाग की आपराधिक डिवीजन की उप सहायक अटॉर्नी जनरल लिसा एच मिलर और एफबीआई के सहायक निदेशक जेम्स ई डेनेही ने आरोपों की घोषणा की. पीस ने कहा, “आरोपियों ने भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की जटिल साजिश रची ताकि अरबों डॉलर के अनुबंध हासिल किए जा सकें. गौतम अडानी, सागर अडानी और विनीता जैन ने अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से पूंजी जुटाने के दौरान रिश्वतखोरी की योजना को छिपाने का प्रयास किया.” इसके अलावा अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) ने गौतम अडानी, सागर अडानी और कबेनेस पर धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में अलग से सिविल केस भी दर्ज किया है. एसईसी ने कहा कि अडानी ग्रीन एनर्जी ने निवेशकों को गलत जानकारी दी कि कंपनी में मजबूत एंटी-करप्शन पॉलिसी है और मैनेजमेंट घूसखोरी में शामिल नहीं है.
इन अमेरिकी कानूनों का किया उल्लंघनअमेरिकी अभियोजनकों का कहना है कि गौतम अडानी और अन्य लोगों ने विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) और विदेशी जबरन वसूली रोकथाम अधिनियम (FEPA) का उल्लंघन किया है. अभियोजकों ने पांच आरोप लगाए हैं-
FCPA का उल्लंघन करने की साजिश: आरोप है कि 2020-2024 के दौरान आरोपियों ने भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए शेल कंपनियों और बिचौलियों का इस्तेमाल किया. यह सीधा-सीधा
सिक्योरिटी धोखाधड़ी की साजिश: गौतम अडानी और अन्य ने झूठे वित्तीय दस्तावेजों के आधार पर निवेशकों को गुमराह किया.
वायर धोखाधड़ी की साजिश: झूठे वादों और गलत बयानों का इस्तेमाल निवेश प्राप्त करने के लिए किया गया.
बॉन्ड इश्यू से जुड़ी धोखाधड़ी: आरोप है कि निवेशकों को गुमराह करने के लिए वित्तीय विवरण छुपाए गए और बॉन्ड जारी करने में धोखाधड़ी की गई.
जांच में बाधा डालने की साजिश: अभियोजकों का आरोप है कि आरोपियों ने रिकॉर्ड नष्ट करने और जांचकर्ताओं को गुमराह करने का प्रयास किया है.
Tags: Adani Group, Business news, Gautam AdaniFIRST PUBLISHED : November 21, 2024, 15:40 IST
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