म्यूचुअल फंड मैनेज करने में व्यस्त है युवा पीढ़ी, क्यों परेशान हैं इससे कोटक

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Last Updated:February 20, 2025, 17:58 ISTउदय कोटक ने युवाओं द्वारा म्यूचुअल फंड मैनेज करने को गलत बताया और नए कारोबार की घटती रुचि पर चिंता जताई. उन्होंने सरकार से विदेशी पूंजी निकासी रोकने और ठोस रणनीति बनाने की अपील की। कोटक ने युवाओं को बिजनेस बढ़ा…और पढ़ेंउदय कोटक ने कहा है कि युवा उद्यमियों को नए बिजनेस स्थापित करने पर ध्यान देना चाहिए.हाइलाइट्सउदय कोटक ने नए कारोबार की घटती रुचि पर चिंता जताई.युवाओं को बिजनेस बढ़ाने की अपील की.सरकार से ठोस रणनीति बनाने की मांग की.नई दिल्ली. देश के जाने-माने बैंकर उदय कोटक ने भारत में नए कारोबार शुरू करने की घटती रुचि और विदेशी पूंजी के बाहर जाने को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि युवा कारोबारी परिवार अब अपने बिजनेस को बढ़ाने की बजाय निवेश प्रबंधन (Investment Management) को प्राथमिकता दे रहे हैं. इसके अलावा, उन्होंने भारत से पूंजी निकासी (Capital Outflow) को लेकर भी चेतावनी दी और कहा कि सरकार को इस पर ठोस रणनीति बनाने की जरूरत है.

Chasing Growth 2025 इवेंट में बोलते हुए कोटक ने कहा कि भारत के युवा कारोबारी अब बिजनेस में मेहनत करने की बजाय पारिवारिक संपत्ति (Family Wealth) को संभालने में ज्यादा रुचि ले रहे हैं. उन्होंने कहा, “आज की युवा पीढ़ी आसान रास्ता चुन रही है. वे अपने परिवार की संपत्ति को मैनेज करने, शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने और म्यूचुअल फंड में निवेश को ही पूरा समय दे रहे हैं.” उन्होंने कहा कि अगर किसी ने अपना बिजनेस बेच दिया है, तो उसे नया बिजनेस शुरू करने, किसी कंपनी का अधिग्रहण करने या कोई और कारोबार बढ़ाने पर विचार करना चाहिए. बकौल कोटक, “इसके बजाय, कई युवा सिर्फ फैमिली ऑफिस चला रहे हैं. उन्हें असली दुनिया में बिजनेस बनाने पर ध्यान देना चाहिए.”

देश की इकोनॉमी में योगदान कहांउन्होंने यह भी सवाल किया कि 35-40 साल के युवा कारोबारी देश की अर्थव्यवस्था में और योगदान क्यों नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि यह पीढ़ी मेहनत करे और नए बिजनेस बनाए, बजाय इसके कि वे जल्दी ही सिर्फ निवेश प्रबंधन करने लगें.”

भारतीय शेयर बाजार की ऊंची कीमतों और विदेशी पूंजी निकासी पर चिंताकोटक ने भारतीय शेयर बाजार के ऊंचे वैल्यूएशन (High Valuation) और विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार पैसा निकालने पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा, “भारतीय खुदरा निवेशक (Retail Investors) हर दिन शेयर बाजार में पैसा लगा रहे हैं, जिससे घरेलू बाजार को मजबूती मिल रही है. लेकिन दूसरी ओर, विदेशी निवेशक इसका फायदा उठाकर अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं और मुनाफा बुक कर रहे हैं.” उन्होंने कहा कि अमेरिकी डॉलर (US Dollar) की मजबूती भी विदेशी पूंजी को भारत से बाहर खींच रही है. कोटक ने कहा, “अमेरिकी डॉलर एक वैक्यूम की तरह काम कर रहा है, जो भारत जैसे उभरते बाजारों से पैसा निकाल रहा है.”

सरकार को ठोस नीति बनाने की जरूरतकोटक ने इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार से एक स्पष्ट रणनीति बनाने की अपील की. उन्होंने कहा, “हमें तय करना होगा कि घरेलू बाजार में पैसों की उपलब्धता कम करें या रुपये को गिरने दें. हमारी राष्ट्रीय रणनीति क्या होनी चाहिए? वित्त मंत्रालय, RBI और SEBI को मिलकर इसका समाधान निकालना होगा.” उन्होंने नीति निर्माताओं से भारत की अर्थव्यवस्था को लंबी अवधि को ध्यान में रखते हुए मजबूत करने और पूंजी निकासी को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 20, 2025, 17:58 ISThomebusinessम्यूचुअल फंड मैनेज करने में व्यस्त है युवा पीढ़ी, क्यों परेशान हैं इससे कोटक

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