Last Updated:April 10, 2025, 07:25 ISTTrump Tariff : डोनाल्ड ट्रंप ने 75 देशों के लिए टैरिफ पर 90 दिन की रोक लगाई है. बॉन्ड बाजार में गिरावट और आर्थिक संकट की आशंका के चलते ट्रंप ने यह निर्णय लिया.ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने दावा किया कि यह रोक किसी तरह की हार नहीं बल्कि राष्ट्रपति की रणनीति का हिस्सा है.हाइलाइट्सट्रंप ने 75 देशों के लिए टैरिफ पर 90 दिन की रोक लगाई.बॉन्ड बाजार में गिरावट और आर्थिक संकट की आशंका से ट्रंप ने निर्णय लिया.ट्रंप पर राजनीतिक और आर्थिक दबाव के चलते टैरिफ रोकने का फैसला.नई दिल्ली. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी टैरिफ नीति पर बड़ा यू-टर्न लेते हुए बुधवार को 75 देशों के लिए रेसिप्रोकल टैरिफ पर 90 दिन तक रोक लगा दी है. बीते हफ्ते तक ट्रंप ने कहा था कि “मेरी नीतियां कभी नहीं बदलेंगी”, लेकिन केवल एक सप्ताह में ही राजनीतिक और आर्थिक दबाव के चलते उन्होंने इस योजना पर विराम लगाने का निर्णय लिया. अमेरिकी बॉन्ड बाजार में मची हलचल ने डोनाल्ड ट्रंप को टैरिफ पर अपने कदम पीछे खींचने पर मजबूर कर दिया. बॉन्ड बाजार में आई तेज गिरावट और आर्थिक संकट की आशंका से अमेरिकी प्रशासन में खलबली मच गई. कारोबारी जगत की तीखी प्रतिक्रिया और ट्रंप समर्थकों द्वारा ही राष्ट्रपति पर हमला बोलने से वे चौतरफा घिर गए और उन्हें टैरिफ को 90 दिनों के लिए रोकने का ऐलान करना पड़ा.
सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी ट्रेजरी विभाग में बॉन्ड बाजार की स्थिति को लेकर बढ़ती चिंता ट्रंप के फैसले की प्रमुख वजह बनी. ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने बुधवार सुबह ट्रंप से मुलाकात की और उन्हें बाजार की गिरावट और उसकी संभावित आर्थिक तबाही के बारे में जानकारी दी. अमेरिकी सरकारी बॉन्ड को सुरक्षित निवेश माना जाता है, लेकिन अचानक मांग में गिरावट और बॉन्ड यील्ड में तेज उछाल ने प्रशासन को चौंका दिया. ट्रंप ने भी प्रेस से बातचीत में कहा, “बॉन्ड बाजार काफी पेचीदा है. मैं इसे देख रहा था. कल रात मैंने देखा कि लोग थोड़ा घबरा रहे थे.” एक हफ्ते पहले ग्लोबल ट्रेड सिस्टम को हिला देने वाली घोषणा करने के बाद अब ट्रंप ने कहा, “आपको लचीला होना पड़ता है. वित्तीय बाजार तेजी से बदलते हैं. देखिए आज आपने कितना कुछ बदला.”
ट्रंप के करीबी भी कर रहे थे दबावसीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप के करीबी कारोबारी मित्रों, रिपब्लिकन नेताओं और व्हाइट हाउस सलाहकारों ने भी उन्हें लगातार समझाने की कोशिश की कि टैरिफ नीति से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता है. इसके बावजूद ट्रंप ने अंतिम समय तक सोशल मीडिया पर टैरिफ के समर्थन में पोस्ट करते रहे. यहां तक कि जब ट्रंप के व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीयर कांग्रेस में टैरिफ के फायदे गिना रहे थे, तभी ट्रंप ने सोशल मीडिया पर तीन महीने की रोक की घोषणा कर दी. इसका मतलब यह निकाला जा रहा है कि ग्रीयर को भी टैरिफ पर रोक लगाने के बारे में पहले नहीं बताया गया था.
ये तो योजना का हिस्सा थाट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने दावा किया कि यह रोक किसी तरह की हार नहीं बल्कि राष्ट्रपति की रणनीति का हिस्सा है. उन्होंने कहा, “यह राष्ट्रपति की रणनीति थी. हमने रविवार को लंबी बातचीत की थी. अब यह अन्य देशों को बातचीत की मेज पर लाने की दिशा में एक कदम है.”
व्हाइट हाउस में बुधवार को रही खूब हलचलबुधवार को व्हाइट हाउस में अफरातफरी का माहौल रहा. राष्ट्रपति जहां एक तरफ बाजार की गिरावट को संभालने की कोशिश कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर उन्होंने कहा, “यह शेयर बाजार के इतिहास की सबसे बड़ी बढ़ोतरी है. अगर ऐसे ही चलता रहा तो हम चार हफ्ते पहले की स्थिति में लौट आएंगे.” ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि वे कुछ अमेरिकी कंपनियों को टैरिफ से छूट देने पर विचार कर सकते हैं और ऐसा वे “अपने इंस्टिंक्ट” से तय करेंगे.
कारोबारी जगत की चिंताप्रेसिडेंट ट्रंप के चीफ ऑफ स्टाफ सूसी वाइल्स, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट को लगातार व्यापारिक संगठनों और उद्योगपतियों के फोन आ रहे थे. ये सभी राष्ट्रपति से अपील कर रहे थे कि वे टैरिफ नीति पर पुनर्विचार करें. बताया जा रहा है कि वाइल्स ने ट्रंप को यह समझाने में बड़ी भूमिका निभाई कि बाजार की गिरावट से उनका राजनीतिक नुकसान हो रहा है.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :April 10, 2025, 07:25 ISThomebusinessटैरिफ पर यूं ही नरम नहीं पड़े ट्रंप, इस खतरे ने किया पीछे हटने को मजबूर
stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news
English News