ट्रंप के आने से ठीक 3 दिन पहले क्‍यों भागे एंडरसन? किस बात से लग रहा था डर

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Last Updated:January 16, 2025, 11:51 ISTHindenburg vs Donald Trump : अपनी रिपोर्ट से दुनियाभर में तहलका मचाने वाले हिंडरनबर्ग कंपनी के फाउंडर नाथन एंडरसन ने कंपनी बंद करने का फैसला किया है. सवाल ये है कि उन्‍होंने डोनाल्‍ड ट्रंप के सत्‍ता संभालने के ठीक पहले ही क्‍यों यह कदम उठाया….और पढ़ेंहिंडनबर्ग कंपनी को ट्रंप के आने से ठीक पहले बंद कर दिया गया है. नई दिल्‍ली. अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप 20 जनवरी को पद की शपथ लेने वाले हैं. लेकिन, उनके व्‍हाइट हाउस पहुंचने के ठीक 3 दिन पहले ही ऐसी खबर आई है जिसने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया तो कुछ लोग काफी खुश हो गए. अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग के फाउंडर नाथन एंडरसन ने इस रिसर्च फर्म को बंद करने का ऐलान कर दिया है. वैसे तो हिंडनबर्ग पिछले 7 साल से काम कर रही थी, लेकिन भारत में इसकी लोकप्रियता अडानी ग्रुप पर आरोप लगाने के बाद बढ़ी. लेकिन, ऐसा क्‍यों हुआ कि डोनाल्‍ड ट्रंप के सत्‍ता में आने से ठीक 3 दिन पहले ही हिंडनबर्ग ने अपना बोरिया-बिस्‍तरा बांध लिया.

अगर आप हिंडनबर्ग के काम करने के तरीके और डोनाल्‍ड ट्रंप के तेवर पर निगाह डालें तो तस्‍वीर बिलकुल साफ हो जाती है. ट्रंप न सिर्फ अमेरिका के राष्‍ट्रपति हैं, बल्कि वे एक कारोबारी भी हैं. लिहाजा उनकी नीतियों में कारोबार को बढ़ावा देना और कंपनियों के लिए माहौल बनाना प्राथमिकता पर आता है. दुनिया के सबसे अमीर व्‍यक्ति एलन मस्‍क उनके करीबी और सहयोगी भी हैं. दूसरी तरफ, नाथन एंडरसन जिनकी कंपनी हिंडनबर्ग दुनियाभर के कारोबारियों को ही निशाने पर लेती है. हिंडनबर्ग की तमाम रिपोर्ट के चलते 100 से अधिक लोगों को आपराधिक या दीवानी मामलों का सामना करना पड़ रहा है.

क्‍यों दुकान बंद कर भागे एंडरसनऊपर दिए तथ्‍यों से साफ हो जाता है कि अमेरिका के नए राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप को एंडरसन का काम पसंद नहीं आता. भले ही हिंडनबर्ग की स्‍थापना ट्रंप के पहले कार्यकाल में हुई थी, लेकिन उसकी लोकप्रियता जो बाइडन के समय में ही खूब बढ़ी. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने न सिर्फ भारतीय कारोबारी गौतम अडानी को परेशान किया, बल्कि भारतीय शेयर बाजार नियामक सेबी की प्रमुख बुच के खिलाफ भी खूब जहर उगला. इससे भारत की छवि खराब होने लगी और यह बात तो पूरी दुनिया जानती है कि ट्रंप और भारत का करीबी नाता है. इन सभी कडि़यों को जोड़ा जाए तो यह समझते देर नहीं लगेगी कि आखिर हिंडनबर्ग ने कंपनी क्‍यों बंद की.

एंडरसन ने क्‍या वजह बताईहिंडनबर्ग के फाउंडर नाथन एंडरसन ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्‍स पर ट्वीट किया कि वे व्‍यक्तिगत कारणों से कंपनी बंद कर रहे हैं. लेकिन, उन्‍होंने यह भी लिखा कि जिस काम के लिए इस कंपनी की स्‍थापना हुई थी, वह पूरा हो गया है. अगर एंडरसन की बात पर गौर किया जाए तो स्‍पष्‍ट दिखाई देता है कि उन्‍होंने दुनियाभर में धांधली को उजागर करने के लिए ही कंपनी बनाई थी और जैसा कि वह कह रहे हैं कि उनका मकसद पूरा हुआ तो क्‍या ये मान लिया जाए कि उन्‍होंने सारी धांधली को उजागर कर दिया है.

इसका जवाब होगा नहीं. मतलब साफ है कि एंडरसन को वैसे तो अभी बहुत काम करने थे, लेकिन उनके रास्‍ते में स्‍पष्‍ट रूप से डोनाल्‍ड ट्रंप खड़े दिखाई देने वाले हैं. एंडरसन को समझ आ गया था कि ट्रंप के सत्‍ता संभालते ही उनकी दुकान पर ताला लगने वाला है या फिर उनके लिए आगे काम करना मुश्किल हो जाएगा. ऐसे में अमेरिकी एजेंसियों का सामना करने से बेहतर है कि खुद ही अपनी कंपनी को बंद कर दिया जाए.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :January 16, 2025, 11:51 ISThomebusinessट्रंप के आने से ठीक 3 दिन पहले क्‍यों भागे एंडरसन? किस बात से लग रहा था डर

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