Last Updated:March 16, 2025, 11:54 ISTविदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) लगातार भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे हैं. मार्च के पहले दो हफ्तों में 30,000 करोड़ रुपये की निकासी हुई है. ग्लोबल ट्रेड टेंशन, अमेरिकी बॉन्ड पर बढ़ती ब्याज दरें, और रुपये …और पढ़ेंImage – AIहाइलाइट्सविदेशी निवेशकों ने मार्च में 30,000 करोड़ रुपये निकाले.ग्लोबल ट्रेड टेंशन और अमेरिकी बॉन्ड दरें मुख्य कारण.निवेशक सोना और डॉलर जैसी सुरक्षित संपत्ति की ओर जा रहे हैं.फरवरी में 34,574 करोड़ रुपये और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये की निकासी के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) मार्च के पहले दो हफ्तों में भारतीय शेयर बाजार से लगभग 30,000 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं. यह निकासी ग्लोबल ट्रेड वॉर और अन्य आर्थिक कारणों की वजह से हुई है. इन मुनाफाखोरों ने इस साल अब तक कुल 1.42 लाख करोड़ रुपये (16.5 बिलियन डॉलर) निकाले हैं. यह लगातार 14वें सप्ताह की निकासी है.
विशेषज्ञों के अनुसार, इस निकासी के पीछे कुछ ग्लोबल तो कुछ घरेलू कारण हैं. अमेरिका की व्यापार नीतियों में अनिश्चितता, अमेरिकी बॉन्ड पर बढ़ती ब्याज दरें, और डॉलर का मजबूत होना विदेशी निवेशकों को भारत जैसे उभरते बाजारों से दूर ले जा रहा है. इसके अलावा, भारतीय रुपये की कमजोरी ने भी विदेशी निवेशकों के लिए रिटर्न कम कर दिया है.
FPI निकालकर कहां लगा रहे हैं अपना पैसा?जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश सलाहकार वी.के. विजयकुमार ने बताया कि विदेशी निवेशकों का पैसा चीन के शेयर बाजार में जा रहा है. चीन का बाजार दरअसल 2025 में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और अन्य देशों के बीच ट्रेड वॉर की वजह से निवेशक सुरक्षित संपत्ति जैसे सोना और डॉलर की ओर जा रहे हैं.
2024 में निवेश 500 करोड़ से भी कमदूसरी ओर, विदेशी निवेशकों ने भारतीय डेट मार्केट (Debt Market) में 7,355 करोड़ रुपये का निवेश किया है, लेकिन डेट वॉलंटरी रिटेंशन रूट से 325 करोड़ रुपये निकाले हैं. यह दिखाता है कि विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में सतर्कता बरत रहे हैं. 2024 में उनका निवेश केवल 427 करोड़ रुपये था, जो 2023 के 1.71 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले बहुत कम है. 2022 में 1.21 लाख करोड़ रुपये की निकासी हुई थी, जो ग्लोबली ब्याज दरों में वृद्धि के कारण हुई थी.
भारत बनाम चीन का बाजारइस साल की बात करें तो 16 मार्च 2025 तक चीनी शेयर बाजार ने सकारात्मक प्रदर्शन दिखाया है, जबकि भारतीय बाजार में ऐसा नहीं दिखा. शंघाई कम्पोजिट इंडेक्स 2025 में अब तक 4.81% बढ़ा है, जो साल की शुरुआत (2 जनवरी को) में 3,262 अंक से अब तक करीब 157 अंक ऊपर है. CSI 300 में भी 4.87% की बढ़त हुई, जो सरकारी प्रोत्साहन और निर्यात से प्रेरित है.
दूसरी ओर, भारत का BSE सेंसेक्स में नए साल से लेकर अब तक 5.96% की गिरावट आई है. गुरुवार को 73,828.91 पर बंद हुआ है, जबकि 1 जनवरी 2025 के दिन 78,507.41 पर था. पिछले 6 महीने में यह गिरावट 9,159.87 अंकों अथवा 11.04 फीसदी की रही है. निफ्टी 50 की बात करें तो यह भी 2025 में गिरा ही है. 1 जनवरी से लेकर अब तक -1,345.70 अंकों (5.67 फीसदी) की गिरावट आ चुकी है. गुरुवार को निफ्टी 50 ने 22,397.20 पर क्लोजिंग दी है. पिछले 6 महीनों में यह 2,986.55 अंक या 11.77 फीसदी तक लुढ़क चुकी है.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :March 16, 2025, 11:54 ISThomebusinessभारत से डोला विदेशी निवेशकों का भरोसा! 3 कारणों से मार्च में भी निकाला पैसा
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