Agency:News18HindiLast Updated:February 25, 2025, 16:08 ISTAdvantage Assam : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में आयोजित ‘एडवांटेज असम’ कार्यक्रम में शिरकत लेकर राज्य में निवेश को बढ़ावा देने का आहृवान किया. उनकी अपील पर देश के तमाम दिग्गज कारोबारियों ने हजारों करोड़…और पढ़ेंअसम में देश के तमाम दिग्गज कारोबारियों ने निवेश की प्रतिबद्धता जताई है. हाइलाइट्सप्रधानमंत्री मोदी ने ‘एडवांटेज असम’ कार्यक्रम में भाग लिया.टाटा, रिलायंस, अडानी ने असम में बड़े निवेश की घोषणा की.असम की भौगोलिक स्थिति इसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाती है.नई दिल्ली. असम वैसे तो देश के छोटे राज्यों में शुमार है, लेकिन उसका कद कितना बड़ा है, इसका अंदाजा राज्य में हो रहे ‘एडवांटेज असम’ कार्यक्रम से ही लग जाएगा. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही नहीं देश के तमाम दिग्गज कारोबारी भी जुटे हैं. रिलायंस, क्या टाटा देश की सभी बड़े कारोबारी समूहों ने प्रदेश में निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर असम भारत के लिए इतना जरूरी क्यों है कि इस पर सरकार और कारोबारी सभी की निगाहें टिकी हुई हैं.
असम को इतना महत्वपूर्ण क्यों माना जा रहा है, इसकी बानगी राज्य की भौगोलिक स्थिति खुद पेश करती है. हाल में पड़ोसी बांग्लादेश के साथ भारत की तकरार और दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच असम का महत्व और बढ़ गया है. मोदी सरकार जबसे सत्ता में आई है, पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर एक अभियान जैसा शुरू कर दिया है. इससे पहले किसी भी सरकार ने पूवोत्तर के राज्यों पर इतना फोकस नहीं किया था और इसका रणनीतिक रूप से बहुत ही बड़ा कारण भी है.
खास है राज्य की भौगोलिक स्थितिअसम को भारत के लिए इतना जरूरी क्यों माना जा रहा है, इसे आप राज्य की भौगोलिक स्थिति देखकर ही जान सकते हैं. बात चाहे कारोबारी लिहाज से हो या फिर रणनीतिक रूप से, असम ही देश के पूर्वी हिस्से का प्रवेश द्वार है. वैसे तो पूर्वोत्तर में 7 राज्य हैं, लेकिन इन सभी का प्रवेश द्वार असम से ही गुजरता है. इस लिहाज से देखा जाए तो असम ही पूरब में जाने का एकमात्र रास्ता है. जाहिर है इस रास्ते को मजबूत और सुगम बनाना पहली प्राथमिकता होगी और मोदी सरकार यही काम कर रह रही है.
2 देशों से जुड़ती हैं सीमाएंअसम को पूर्वोत्तर भारत का प्रहरी और प्रवेशद्वार ऐसे ही नहीं कहा जाता है. यह राज्य पूर्वोत्तर के सातों राज्यों में सबसे बड़ा भी है और इसकी सीमाएं 2 देशों को भी साझा करती हैं. असम के उत्तर में भूटान और अरुणाचल प्रदेश हैं तो पूर्व में मणिपुर, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश की सीमा जुड़ती है. दक्षिण दिशा में मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा राज्य जुड़ते हैं तो पड़ोसी बांग्लादेश की सीमाएं भी पश्चिम दिशा से साझा होती है और यहीं से पश्चिम बंगाल और मेघायल की सीमा भी जुड़ती है.
इसलिए असम जैसा कोई नहींअसम की तमाम खासियत में से एक यह भी है कि देश के 6 प्रमुख भौगोलिक विभाजनों में से 3 सिर्फ यहीं पर हैं और यही बात असम को भौगोलिक रूप से देश के अन्य किसी भी राज्य से ज्यादा महत्वपूर्ण बनाती है. ये 3 विभाजन हैं उत्तरी हिमालय, उत्तरी मैदान और डेक्कन का पठार. इस तरह, यह राज्य पूरब में भारत के प्रहरी के तौर पर काम करता है. यहां सबसे गहरी और चौड़ी नदी ब्रह्मपुत्र की वजह से मौसम ठंडा रहता है और सालभर अच्छी बारिश होती है. प्रचुर मात्रा में पानी होने से इस राज्य में जल विद्युत क्षमता भी काफी ज्यादा है, जिसका अभी तक इस्तेमाल नहीं हो सका है. यह राज्य ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों के बीच स्थित है.
खनिज की भरपूर मात्रादेश का सबसे ज्यादा खनिज तेल असम से ही प्राप्त होता है. जानकर हैरानी होगी कि इस छोटे से राज्य में 1,000 किलोमीटर की लंबी दूरी तक खनिज तेल पाया जाता है. यह राज्य की उत्तरी-पूर्वी सीमा से शुरू होकर खासी और जयंतिया की पहाडि़यों से होता हुआ कछार जिले तक फैला है. राज्य के मुख्य तेल क्षेत्र तिनसुकिया, डिब्रूगढ़ और शिवसागर जिले में पाए जाते हैं.
सुरक्षा के लिहाज से क्यों जरूरीअसम को देश की सुरक्षा के लिहाज से भी बहुत जरूरी माना जाता है. यह सिर्फ बांग्लादेश की सीमा से ही नहीं चीन की सीमा से भी देश के अन्य हिस्सों को जोड़ता है. यही वजह है कि मोदी सरकार ने डिब्रूगढ़ शहर के पास बोगीबील जगह पर ब्रह्मपुत्र नदी पर करीब 5 किलोमीटर लंबा पुल बनाया है. यह पुल ही असम सहित देश के अन्य हिस्सों को चीन सीमा से सटे अरुणाचल प्रदेश को जोड़ता है. इस पुल के जरिये ही भारतीय सेना पूर्वोत्तर राज्यों के आखिरी छोर तक पहुंच सकती है.
किसने कितना पैसा लगायाराज्य को इतना जरूरी समझते हुए तमाम दिग्गज कारोबारियों ने करोड़ों के निवेश का ऐलान किया है. टाटा समूह 27 हजार करोड़ से सेमीकंडक्टर यूनिट और एनर्जी यूनिट लगाने की बात कर रहा तो रिलायंस ने 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश एआई सहित तमाम क्षेत्रों में करने की बात कही है. अडानी समूह ने भी एयरपोर्ट, सड़क और सीमेंट फैक्ट्री लगाने सहित कई कारोबार में 50 हजार करोड़ रुपये निवेश की बात कही है. वेदांता प्रमुख अनिल अग्रवाल ने भी राज्य में 50 हजार करोड़ का निवेश करने और 1 लाख बैरल पेट्रोल के उत्पादन का ऐलान किया है. इसके अलावा और भी तमाम कंपनियों ने असम में निवेश की प्रतिबद्धता जताई है. पीएम मोदी के साथ इस कार्यक्रम में करीब 60 से ज्यादा देशों के राजदूत भी पहुंचे थे.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 25, 2025, 15:09 ISThomebusinessइतना जरूरी क्यों है असम? बांग्लादेश से तकरार के बीच भारत ने दिखाई ताकत
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