सिर्फ 2 देश बनाते हैं 74 फीसदी प्‍लास्टिक, 38% कचरा भी इनका ही, भारत में कितना?

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Last Updated:April 11, 2025, 13:05 ISTPlastic Garbage : क्‍या आपको पता है कि दुनिया में सबसे ज्‍यादा प्‍लास्टिक कचरा किस देश में पैदा होता है और कौन सा देश प्‍लास्टिक उत्‍पादन में नंबर एक है. इस मामले में भारत किस पायदान पर मौजूद है.अमेरिका प्‍लास्टिक उत्‍पादन में तो चीन कचरा पैदा करने में सबसे आगे. हाइलाइट्सदुनिया में 74% प्लास्टिक उत्पादन दो देशों का है.भारत का प्लास्टिक उत्पादन में 5% और उपयोग में 6% योगदान है.2022 में 26.8 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न हुआ.नई दिल्‍ली. समंदर हो या जमीन अथवा आसमान, हर तरफ प्‍लास्टिक कचरे के ढेर दिखाई देते हैं. यहां तक कि दुनिया की सबसे बड़ी चोटी एवरेस्‍ट पर भी हर तरफ प्‍लास्टिक कचरे का कूड़ा ही दिखाई देता है. आज जब दुनियाभर में प्‍लास्टिक का इस्‍तेमाल तेजी से बढ़ रहा तो सवाल उठता है कि कौन सा देश इसे बढ़ावा देता है और इन कचरों को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभा रहा है. इस बारे में नेचर पत्रिका ने हाल में एक शोध प्रकाशित किया जिसमें बताया कि प्‍लास्टिक उत्‍पादन में सिर्फ 2 देशों का योगदान ही 74 फीसदी है.

नेचर पत्रिका की रिपोर्ट में बताए गए आंकड़े हैरान करने वाले हैं. इस शोध पत्र के अनुसार, साल 2022 में दुनिया में लगभग 26.8 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न हुआ, जिसमें भारत की हिस्सेदारी महज 3.54 फीसदी ही रही है. जाहिर है कि भारत न तो प्‍लास्टिक के उत्‍पादन में बड़ी भ‍ूमिका निभाता है और न ही इसके इस्‍तेमाल में भारत का ज्‍यादा योगदान है. जाहिर है कि दुनिया में फैल रहे प्‍लास्टिक कचरे के पीछे भारत ज्‍यादा जिम्‍मेदार नहीं है.

किसने बनाया सबसे ज्‍यादा प्‍लास्टिक‘नेचर’ में प्रकाशित विश्लेषण में कहा गया है कि साल 2022 में लगभग 40 करोड़ टन प्लास्टिक का उत्पादन हुआ. इसमें भारत की हिस्सेदारी महज 5 फीसदी ही रही. इस दौरान दुनिया को पर्यावरण का पाठ पढ़ाने वाले अमेरिका का प्लास्टिक उत्पादन में सबसे ज्‍यादा योगदान रहा, जहां कुल 42 फीसदी उत्‍पादन हुआ. दूसरे पायदान पर चीन रहा, जिसका योगदान 32 फीसदी पहुंच गया है.

प्‍लास्टिक का सबसे बड़ा उपभोक्‍ता कौनप्‍लास्टिक का उत्‍पादन करने में भले ही अमेरिका सबसे आगे है, लेकिन इस्‍तेमाल में यह दूसरे पायदान पर चला जाता है. चीन प्लास्टिक का सबसे बड़ा उपभोक्ता है, जो दुनिया की कुल आपूर्ति का 20 फीसदी इस्‍तेमाल करता है. इस मामले में अमेरिका 18 फीसदी के साथ दूसरे पायदान पर तो यूरोपीय संघ (ईयू) 16 फीसदी के साथ तीसरे पायदान पर काबिज हैं. भारत भी इस मामले में चौथे पायदान पर है, जहां 6 फीसदी यूज होता है. जापान भी 4 फीसदी इस्‍तेमाल के साथ प्लास्टिक यूज करने में पांचवें पायदान पर है.

दुनिया में कितना कचरा निकलारिपोर्ट में कहा गया कि साल 2022 में प्रति व्‍यक्ति 216 किलोग्राम के हिसाब से सबसे ज्‍यादा प्‍लास्टिक की सबसे ज्‍यादा खपत अमेरिका में हुई. यह जापान में 129 किलोग्राम और यूरोपीय संघ में प्रति व्यक्ति 87 किलोग्राम प्लास्टिक की खपत से काफी ज्‍यादा रहा. इस दौरान दुनियाभर में लगभग 26.8 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न हुआ, जिसमें सबसे अधिक चीन (8.15 करोड़ टन) ने पैदा किया. उसके बाद अमेरिका (4.01 करोड़ टन), यूरोपीय संघ (तीन करोड़ टन) और भारत (95 लाख टन) का नंबर आता है.

कहां जाता है प्‍लास्टिक कचरारिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर 40 फीसदी प्लास्टिक कचरा भराव में जाता है, जबकि 34 फीसदी प्‍लास्टिक कचरे को जला दिया जाता है और केवल नौ फीसीद का ही रीसाइकिल किया जाता है. हालांकि, साल 2022 में भराव में भेजे गए कुल कचरे की हिस्‍सेदारी, साल 1950 से 2015 के बीच भराव में इस्‍तेमाल होने वाले प्‍लास्टिक कचरे के मुकाबले 79 फीसदी कम रही है.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :April 11, 2025, 13:05 ISThomebusinessसिर्फ 2 देश बनाते हैं 74 फीसदी प्‍लास्टिक, 38% कचरा भी इनका ही, भारत में कितना

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