चवन्नी-अट्ठनी से पहले आया था 10000 रुपये का नोट, कब हुआ बंद, जानिए

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Rs 10000 Indian Currency Note: क्या आप जानते हैं भारत में किसी जमाने में 10000 रुपये का नोट आया था. हैरान करने वाली बात है कि यह वक्त एक आने या दो आने का जमाना था. दरअसल, देश की आजादी से पहले, साल 1938 में आरबीआई ने दस 10000 रुपये का नोट जारी किया था. यह भारत के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा बैंक नोट है. आइये आपको बताते हैं आखिर यह नोट किन परिस्थितियों में आया और इसे फिर क्यों बंद किया गया.

क्यों लाया गया था 10000 रुपये का बैंक नोट

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, साल 1938 में भारतीय रिजर्व बैंक ने 10000 रुपये का नोट जारी किया था. हैरानी की बात है इतना बड़ा नोट आज से करीब 80 साल पहले लाया गया था. ऐसे में यह जानना लाजिमी है कि आखिर ऐसी क्या जरूरत थी जो इतने बड़े नोट को पेश किया गया. दरअसल, इस नोट को मुख्य रूप से बिजनेस और व्यापारियों के लिए हाई-वैल्यू ट्रांजेक्शन के चलते लाया गया था. क्योंकि उस वक्त आम नागरिक इतनी बड़ी रकम छोटे नोटों में नहीं संभालते पाते थे. खास बात है कि यह नोट चवन्नी-अट्ठनी के सिक्कों से पहले आ गया था, क्योंकि 25 पैसे और 50 पैसे के सिक्के साल 1957 में जारी किए गए थे.

लेकिन, 12 साल बाद जनवरी 1946 में, ब्रिटिश सरकार ने 10,000 रुपये के नोट को बंद करने का फैसला किया. उस समय यह दलील दी गई कि इस नोट को बंद करने का उद्देश्य जमाखोरी से निपटना और काले-बाज़ार की गतिविधि पर अंकुश लगाना था, जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बढ़ गई थी.

दोबारा कब शुरू हुआ ये नोट

हालांकि, इसके बावजूद 1954 में 10,000 रुपये का नोट फिर से शुरू किया गया और 5,000 रुपये के नोट जैसे अन्य बड़े मूल्यवर्ग के साथ इसका प्रचलन जारी रहा. 1978 में एक बार फिर आजादी के बाद 5,000 रुपये के नोट के साथ 10000 रुपये के नोट को फिर से बंद करने का फैसला किया था.

दरअसल, इन हाई-वैल्यू वाले नोट का आम जनता द्वारा व्यापक रूप से उपयोग नहीं किया जाता था. इनका इस्तेमाल ज्यादातर व्यापार में बड़े लेनदेन के लिए होता था. इससे कालाबाजारी से जुड़ी चिंता बढ़ गई थी. हालांकि, इस नोटबंदी का ज्यादा असर नहीं हुआ. आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 31 मार्च 1976 तक प्रचलन में इन नोटों की कुल रकम 7,144 करोड़ रुपये थी.

खास बात है कि 5,000 रुपये और 10,000 रुपये के नोटों को फिर से शुरू करने पर विचार हुआ था. यह सुझाव आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने दिया था, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया.
Tags: Fake Notes, Indian currency, Note banFIRST PUBLISHED : December 2, 2024, 15:59 IST

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