जब 10 हजार पर लगा 1 आने का टैक्स और अब 12 लाख पर… टैक्स स्लैब की कहानी

Must Read

Last Updated:February 01, 2025, 17:59 ISTIncome Tax Slab: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि न्यू इनम टैक्स सिस्टम के तहत 12 लाख रुपए तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं देना होगा. वेतनभोगी टैक्सपेयर्स के लिए मानक कटौती को ध्यान में रखने…और पढ़ें12.75 लाख तक की इनकम पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा.हाइलाइट्स12.75 लाख तक की आय पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा.1949-50 में 10 हजार पर 1 आने का टैक्स था.2025-26 में नए टैक्स स्लैब का ऐलान किया गया.नई दिल्ली. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए टैक्स स्लैब की घोषणा करते हुए कहा कि अब 12.75 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा. आजाद भारत में मिडिल क्लास के लिए टैक्स स्लैब में कई बार बदलाव हुए हैं. बदलाव की यह कहानी 1949-50 से शुरू हुई, तब 10 हजार पर 1 आने का टैक्स लगाया गया था.

सबसे पहली बार 1949-50 में जॉन मथाई वित्त मंत्री थे. उनके ही कार्यकाल में टैक्स स्लैब को घटाया गया, तब 10,000 रुपए की सालाना आय पर 1 आना टैक्स लगाया गया. इस तरह इसमें एक चौथाई की कटौती की गई. इसके बाद 10,000 से अधिक की आय वाले दूसरे स्लैब पर टैक्स को 2 आना से घटाकर 1.9 आना किया गया.

फिर वर्षों बाद बदलाव किया गया. वित्तीय बजट 1974-75 में वित्त मंत्री यशवंतराव चव्हाण ने इनकम टैक्स की ऊपरी सीमा 97.75 प्रतिशत से घटाकर 75 प्रतिशत कर दी. 6,000 रुपये सालाना कमाने वालों को छूट मिली. सभी कैटेगरी के लिए सरचार्ज की सीमा घटाकर 10 प्रतिशत कर दी गई.

1985-86 में वी.पी. सिंह वित्त मंत्री बने. उन्होंने टैक्स स्लैब्स की संख्या, जो पहले 8 थी, उसे घटाकर 4 कर दी. 1 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 50 प्रतिशत टैक्स लागू किया. अधिकतम मार्जिनल टैक्स रेट 61.875 प्रतिशत से घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया.

1992-93 में मनमोहन सिंह ने टैक्स स्लैब को तीन हिस्सों में बांट दिया. 30-50 हजार पर 20 प्रतिशत, 50 हजार-1 लाख पर 30 प्रतिशत और 1 लाख से ऊपर 40 प्रतिशत टैक्स तय हुआ. वर्तमान टैक्स ढांचे की नींव इसी बजट में रखी गई.

वहीं, 1994-95 में पहले स्लैब को 35-60 हजार की आय के लिए 20 प्रतिशत पर रखा गया. 60 हजार-1.2 लाख पर 30 प्रतिशत और 1.2 लाख से ऊपर 40 प्रतिशत कर तय हुआ. दिलचस्प बात यह रही कि टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ, बस स्लैब सुधारा गया.

1997-98 में पी. चिदंबरम का ‘ड्रीम बजट’ टैक्स दरों में बड़ी कटौती लेकर आया. 40-60 हजार रुपये पर 10 प्रतिशत, 60 हजार-1.5 लाख पर 20 प्रतिशत और उससे ऊपर 30 प्रतिशत टैक्स लागू हुआ. इससे करदाताओं को राहत मिली. इसके बाद 2005-06 में 1 लाख रुपये तक की आय को पूरी तरह टैक्स फ्री कर दिया गया. 1-1.5 लाख पर 10 प्रतिशत, 1.5-2.5 लाख पर 20 प्रतिशत और उससे अधिक पर 30 प्रतिशत टैक्स रखा गया. इसे नौकरीपेशा मिडिल क्लास के लिए बड़ी राहत माना गया.

2010-11 में प्रणब मुखर्जी ने 1.6 लाख तक की आय को टैक्स फ्री कर दिया. 1.6-5 लाख पर 10 प्रतिशत, 5-8 लाख पर 20 प्रतिशत और 8 लाख से ऊपर 30 प्रतिशत टैक्स तय हुआ. जानकारों ने इस नए ढांचे को अधिक व्यवस्थित बताया.

2012-13 में टैक्स छूट सीमा बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई. 2-5 लाख पर 10 प्रतिशत, 5-10 लाख पर 20 प्रतिशत और 10 लाख से ऊपर 30 प्रतिशत टैक्स तय हुआ.

2017-18 में एनडीए सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सेक्शन 87ए में बदलाव कर ढाई हजार रुपये तक की छूट साढ़े तीन लाख तक की आय वालों को दी. उन्होंने 2.5-5 लाख की आय पर टैक्स 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया.

2020-21 में देश के सामने ‘न्यू टैक्स रिजीम’ पेश किया गया. टैक्स स्लैब को आसान बनाया गया. कई छूटें खत्म कर 5 लाख तक की आय पर राहत दे दी गई. करदाताओं के लिए यह नई व्यवस्था अधिक सरल और स्पष्ट थी.

2025-26 के बजट में नए टैक्स स्लैब का ऐलान किया गया. कहा गया कि अब 12.75 लाख रुपए तक की कमाई को टैक्स फ्री कर दिया गया है. इसमें स्टैंडर्ड टैक्स डिडक्शन भी शामिल है. टैक्स स्लैब में हुए इस बड़े बदलाव के बाद 0 से 12 लाख तक जीरो टैक्स हो गया है, लेकिन अगर कमाई 13 लाख रुपये होती है, तो फिर 16 लाख रुपये तक की इनकम पर 15 फीसदी के टैक्स स्लैब में आ जाएंगे.

इसके मुताबिक 4-8 लाख रुपये तक पर 5 फीसदी, 8-10 लाख रुपये तक पर 10 फीसदी, 12-16 लाख पर 15 फीसदी, 16-20 लाख पर 20 फीसदी, 20-24 लाख पर 25 फीसदी और 24 लाख से अधिक कमाई पर 30 फीसदी तक का टैक्स भरना होगा.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 01, 2025, 17:59 ISThomebusinessजब 10 हजार पर लगा 1 आने का टैक्स और अब 12 लाख पर… टैक्स स्लैब की कहानी

stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news

English News

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -