यूपीआई करने वालों को सरकार ने क्‍यों दिए 1500 करोड़ रुपये, आपको क्‍या फायदा?

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Last Updated:March 19, 2025, 19:31 ISTWhat is MDR : केंद्रीय कैबिनेट ने एमडीआर के तौर पर लगने वाले शुल्‍क को खत्‍म करने का फैसला किया है. इसके लिए 1,500 करोड़ रुपये के आवंटन का भी फैसला किया है. इसका फायदा छोटे दुकानदारों और ग्राहकों को मिलेगी, जो …और पढ़ेंकेंद्रीय कैबिनेट ने एमडीआर शुल्‍क से छूट देने का फैसला किया है. हाइलाइट्ससरकार ने एमडीआर शुल्क को खत्म करने का फैसला किया.यूपीआई लेनदेन पर 1,500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना.छोटे व्यापारियों और ग्राहकों को होगा फायदा.नई दिल्‍ली. अगर आपका दुकानदार भी 2,000 रुपये से कम मूल्‍य के यूपीआई लेनदेन से इनकार करता है तो अब जरा इस खबर पर गौर फरमाइये. दुकानदार खुद पर लगने वाले मर्चेंट डिस्‍काउंट रेट (एमडीआर) की वजह से यूपीआई से लेनदेन करने से इनकार करते हैं, लेकिन अब सरकार ने लेनदेन पर लगने वाले इस शुल्‍क को खुद वहन करने का फैसला किया है. केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को ऐलान किया है कि एमडीआर पर लगने वाले शुल्‍क को अब केंद्र सरकार खुद वहन करेगी.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्तवर्ष 2024-25 के लिए 2,000 रुपये से कम मूल्य के यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए करीब 1,500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है. इस योजना के तहत सरकार किसी व्यक्ति द्वारा व्यापारी को किए गए 2,000 रुपये से कम के भुगतान पर एमडीआर (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) व्यय वहन करेगी.

क्‍या हैं इसके मायनेसरकार ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्तवर्ष 2024-25 के लिए ‘व्यक्ति से व्यापारी’ (पी2एम) तक कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है. कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन (पी2एम) को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना एक अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक 1,500 करोड़ रुपये के अनुमानित परिव्यय के साथ लागू की जाएगी.

व्‍यापारियों को कितना फायदाइस योजना के तहत केवल छोटे व्यापारियों के लिए 2,000 रुपये तक का यूपीआई (पी2एम) लेनदेन आएगा. छोटे व्यापारियों की श्रेणी से संबंधित 2,000 रुपये तक के लेनदेन के लिए प्रति लेनदेन मूल्य पर 0.15 फीसदी की दर से प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा. इससे व्‍यापारियों पर लगने वाला शुल्‍क का बोझ खत्‍म हो जाएगा. अभी इस तरह के शुल्‍क को व्‍यापारी खुद ही वहन करते हैं या फिर इसका बोझ ग्राहकों पर डालते हैं. लेकिन, अब सरकार के इस फैसले से दोनों को ही सहूलियत होगी और शुल्‍क का पूरा बोझ सरकार अपने कंधों पर लेगी.

क्‍या होता है एमडीआरमर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) एक ऐसा शुल्क है जो व्यापारी को अपने ग्राहकों से क्रेडिट या डेबिट कार्ड अथवा यूपीआई के जरिये भुगतान स्वीकार करने के लिए भुगतान प्रसंस्करण कंपनियों को देना पड़ता है, जो आमतौर पर ट्रांजैक्शन अमाउंट का 1 फीसदी होता है. जब कोई ग्राहक क्रेडिट या डेबिट कार्ड अथवा यूपीआई से भुगतान करता है, तो व्यापारी को यह शुल्क देना होता है. व्‍यापारी अपने इस बोझ को ग्राहकों पर डाल देते हैं और उनसे ही शुल्‍क वसूलते हैं. लेकिन, अब सरकार ने इस खर्च को वहन करने का फैसला किया है.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :March 19, 2025, 19:31 ISThomebusinessयूपीआई करने वालों को सरकार ने क्‍यों दिए 1500 करोड़ रुपये, आपको क्‍या फायदा?

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