पराई औरत को किस करने वाले CEO की नौकरी गई, पत्नी भी जाएगी! भारत में बेवफाई पर क्या कहता है कानून?

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नई दिल्ली. कोल्डप्ले (Coldplay) के एक म्यूजिक कॉन्सर्ट में एक वायरल वीडियो सामने आया, जिसमें एस्ट्रोनॉमर (Astronomer) नाम की बडी टेक कंपनी के CEO एंडी बायरन और कंपनी की एच.आर. हेड क्रिस्टिन कैबॉट एक-दूसरे को “किस कैम” पर किस करते नजर आए. मुद्दा अभी ताजा ही है. इससे जुड़ा वीडियो इंटरनेट पर आग की तरह फैला और उनके बीच निजी रिश्तों को लेकर चर्चा शुरू हो गई. एंडी की पत्नी मेगन केरिगन ने अपने फेसबुक प्रोफाइल से ‘बायरन’ सरनेम हटा दिया. अंदाजा लगाया जा रहा है कि दोनों के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है, और शायद वे अलग हो सकते हैं. हालांकि, दोनों में से किसी ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.

भारत में क्या है गुजारे भत्ते का कानून?

भारत में तलाक और गुजारे भत्ते से जुड़ा मुख्य कानून हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के सेक्शन 24 और 25 में मिलता है. इसके अलावा स्पेशल मैरिज एक्ट, पारसी मैरिज एंड डिवोर्स एक्ट और 2023 में लागू हुए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 144 भी इस मुद्दे पर लागू होती है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में जोसेफ शाइन केस में व्यभिचार (Adultery) को अपराध की श्रेणी से हटा दिया, लेकिन ये अभी भी तलाक का एक वैध आधार माना जाता है और अदालतें गुजारे भत्ते तय करते समय इसे ध्यान में रखती हैं.

गुजारे भत्ते में कितनी रकम होगी?

अगर पति का अफेयर साबित हो जाता है तो आमतौर पर अदालतें पत्नी के पक्ष में फैसला करती हैं और उसे अच्छी-खासी रकम बतौर गुजारा भत्ता दिए जाने का आदेश सुनाती हैं. हालांकि कोई तय राशि नहीं होती, लेकिन आमतौर पर ये पति की कुल आमदनी का एक-तिहाई हिस्सा हो सकता है. यदि शादी लंबे समय से चल रही हो और बच्चों की जिम्मेदारी पत्नी पर हो, तो यह राशि और भी ज्यादा हो सकती है.

भारत में तलाक के समय संपत्ति का बंटवारा पश्चिमी देशों की तरह 50-50 के अनुपात में नहीं होता. यहां देखा जाता है कि किसने संपत्ति में कितना योगदान दिया और कानूनी रूप से मालिक कौन है. इसका मतलब ये कि यदि किसी के पास प्रॉपर्टी है, तो पत्नी या पति को उसमें हिस्सा केवल तभी मिलेगा, जब वो संपत्ति साझा हो या उसमें उनका योगदान साबित हो.

यदि पत्नी धोखा दे तो क्या?

यदि पत्नी धोखा देती है, तो क्या उसे गुजारा भत्ता नहीं मिलेगा? इसका जवाब है- हां, मिलना मुश्किल हो सकता है. यदि अदालत में यह साबित हो जाए कि पत्नी किसी और पुरुष के साथ संबंध में है, तो सेक्शन 25(3) के अनुसार, अदालत स्थायी गुजारे भत्ते को नकार सकती है. हालांकि, इसके लिए पति को ठोस और साफ-साफ सबूत देने होंगे. सिर्फ शक या अफवाह के आधार पर पत्नी का अधिकार छीना नहीं जा सकता. फिर भी अगर पत्नी कमाई नहीं कर पा रही है, तो उसे अस्थायी गुजारा भत्ता (Interim Maintenance) मिल सकता है.

कुल मिलाकर, भारत में बेवफाई एक गंभीर मुद्दा माना जाता है, जो तलाक और गुजारे भत्ते के फैसले को प्रभावित कर सकता है. लेकिन ये फैसला पूरी तरह सबूत और परिस्थितियों पर आधारित होता है, न कि सिर्फ नैतिक मूल्यों पर.

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