क्‍या है एफएटीएफ की ग्रे लिस्‍ट, आ गया इसमें नाम तो बर्बाद हो जाएगा पाकिस्‍तान

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नई दिल्‍ली. भारत पाकिस्‍तान को हर मोर्चे पर अब घेर रहा है. युद्ध के मैदान से लेकर कूटनीति के मंच तक, हर जगह अब पाकिस्‍तान अब मुंह की खा रहा है. भारत का इरादा इस बार हर तरीके से पाकिस्‍तान को तोड़कर रख देने का है ताकि वह फिर से आतंकवाद की फैक्‍टरी न चल सके. पाकिस्‍तान को आर्थिक रूप से तोड़ने के लिए भारत ने अब फाइनेंशियल एक्‍शन टॉस्‍क फोर्स  से पाकिस्‍तान को दोबारा ग्रे लिस्‍ट (FATF Grey List) में डालने की मांग की है. भारत का तर्क है कि पाकिस्‍तान उसे मिलने वाली अंतराष्‍ट्रीय मदद का इस्‍तेमाल आतंकवाद को पालने-पोसने में करता है. अक्टूबर 2022 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाया गया था. FATF एक अंतर-सरकारी निकाय है जो 1989 में स्थापित किया गया था और वैश्विक वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा के लिए नीतियां और मानक निर्धारित करता है. FATF सूची मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी वित्तपोषण और अन्य वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए देशों की स्थिति को दर्शाती हैं.

FATF लगातार निगरानी करता है कि अपराधी और आतंकवादी किस तरह से धन जुटाते हैं, उसका इस्तेमाल करते हैं और उसे इधर-उधर ले जाते हैं. FATF नियमित रूप से ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित करता है जो नवीनतम मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी वित्तपोषण और प्रसार वित्तपोषण तकनीकों के बारे में जागरूकता बढ़ाती हैं ताकि देश और निजी क्षेत्र इन जोखिमों को कम करने के लिए आवश्यक कदम उठा सकें.

क्‍या है FATF की ग्रे लिस्‍ट?एफएटीएफ की दो सूचियां हैं- ब्‍लैक लिस्‍ट और ग्रे लिस्‍ट. ब्‍लैक लिस्‍ट में उन देशों को शामिल किया जाता है, जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण को रोकने के लिए FATF के नियमों का पालन ही नहीं करते. इस लिस्‍ट में शामिल देश पर बहुत कड़े अंतरराष्‍ट्रीय वित्‍तीय प्रतिबंध लगाए जाते हैं. ग्रे सूची में वे देश शामिल होते हैं जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण को रोकने में कुछ कमियां हैं, लेकिन वे सुधार के लिए FATF के साथ सहयोग कर रहे हैं. इन देशों को अपनी वित्तीय प्रणाली में सुधार करने के लिए समयबद्ध कार्ययोजना दी जाती है.

एफएटीएम की ग्रे सूची में फिलहाल अलजीरिया, अंगोला, बुल्गारिया, बुर्किना फासो, कैमरून, कोटे डी आइवर, क्रोएशिया,कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य,हैती, केन्या, लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, लेबनान, माली, मोनाको, मोज़ाम्बिक, नामिबिया, नेपाल, नाइजीरिया, दक्षिण अफ़्रीका, दक्षिण सूडान, सीरिया, तंजानिया, वेनेज़ुएला, वियतनाम और यमन शामिल हैं.

मुश्किल में फंस जाएगा पाकिस्‍तानअगर भारत फिर से पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में वापस शुमार करने में कामयाब हो जाता है तो उस पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक निगरानी और प्रतिबंध और बढ़ सकते हैं. इससे उसके लिए विदेशी निवेश और पूंजी प्रवाह पर असर पड़ेगा. अगर पाकिस्‍तान का नाम फिर से ग्रे सूची में शामिल हो जाता है तो इससे उसे बहुत नुकसान होगा. इसे पाकिस्‍तान पर आर्थिक संकट गहराएगा, अंतरराष्ट्रीय स्‍तर पर प्रतिष्‍ठा गिरेगी और वित्तीय लेनदेन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा.

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