Last Updated:May 25, 2025, 11:39 ISTभारत ने जापान को पछाड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर 4 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी हासिल की है. यह उपलब्धि भारत की वैश्विक भूमिका और आर्थिक नीतियों की सफलता को दर्शाती है.हाइलाइट्सभारत 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बना.भारत ने जापान को पछाड़ते हुए चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाई.इससे निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है.नई दिल्ली. नीति आयोग ने कहा है कि जापान को पछाड़ते हुए भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. भारत की जीडीपी 4 लाख करोड़ डॉलर (4 ट्रिलियन डॉलर) को पार कर गई है. जब हम कहते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन डॉलर की हो गई है, तो इसका सीधा मतलब यह है कि देश में एक साल में जितना उत्पादन, सेवाएं और कारोबार होता है, उन सभी की कुल कीमत अब 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुकी है. यह आंकड़ा ‘नॉमिनल जीडीपी’ कहलाता है और यह किसी भी देश की आर्थिक ताकत का सबसे सीधा माप होता है. इसे डॉलर में मापा जाता है ताकि सभी देशों की तुलना की जा सके.
लेकिन सिर्फ एक बड़ी संख्या होना इस खबर को खास नहीं बनाता. असल बात यह है कि यह आंकड़ा भारत की वैश्विक भूमिका, उसकी आर्थिक नीतियों और नागरिकों की सामूहिक मेहनत का नतीजा दिखाता है. इसका मतलब है कि भारत अब सिर्फ ‘उभरती हुई अर्थव्यवस्था’ नहीं, बल्कि एक ‘स्थापित वैश्विक आर्थिक शक्ति’ बन चुका है. इतिहास पर नजर डालें तो आजादी के बाद भारत को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में 60 साल लगे. फिर 2014 तक यह आंकड़ा 2 ट्रिलियन हुआ, 2021 में 3 ट्रिलियन और अब सिर्फ 4 साल में यह 4.3 ट्रिलियन तक पहुंच गया है. यानी भारत अब लगभग हर डेढ़ साल में एक ट्रिलियन डॉलर की बढ़त हासिल कर रहा है.
दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं धीमी हुईं
एक 4 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी होना दर्शाता है कि देश में उपभोग बढ़ा है, निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है. चाहे वह तकनीक हो, सेवा क्षेत्र, मैन्युफैक्चरिंग या इंफ्रास्ट्रक्चर हो हर सेक्टर अपनी भूमिका निभा रहा है. खास बात यह भी है कि यह ग्रोथ ऐसे समय पर हुई है जब दुनिया भर की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं धीमी गति से चल रही हैं. IMF की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की रियल GDP ग्रोथ 2025 में 6.2% रहेगी, जबकि जापान जैसे देश की सिर्फ 0.5%.
यह अहम क्यों?
यह आर्थिक छलांग भारत के लिए इतनी अहम क्यों है? इसका पहला कारण है वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति. जैसे ही भारत ने जापान को पीछे छोड़ा और चौथे नंबर पर आया, निवेशकों की नजरें और विश्वास दोनों बढ़े हैं. दूसरी बात, भारत की युवा आबादी, बढ़ता मध्यम वर्ग और टेक्नोलॉजी हब बनता इको-सिस्टम यह दिखाता है कि यह ग्रोथ सिर्फ तात्कालिक नहीं, बल्कि टिकाऊ है. इसका असर हर नागरिक पर भी पड़ता है—चाहे वह नौकरी के नए अवसर हों, निवेश के रास्ते हों या जीवन स्तर में सुधार. हालांकि चुनौतियां भी हैं, जैसे कि प्रति व्यक्ति आय अब भी कम है, और आयात पर निर्भरता बनी हुई है. लेकिन फिर भी, यह उपलब्धि बताती है कि भारत अब उस मोड़ पर पहुंच चुका है जहां से उसका अगला लक्ष्य—5 ट्रिलियन, फिर 10 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी—दूर नहीं रह गया है.
Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंभारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें OXBIG NEWS NETWORK India पर देखेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessक्या होती है 4 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी, आम लोगों को इससे क्या मिलेगा?
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