Last Updated:February 26, 2025, 17:59 ISTवॉरेन बफेट ने 2024 में 134 अरब डॉलर के शेयर बेचे, जिससे बाजार में हलचल मच गई. यह संकेत हो सकता है कि बाजार ओवरवैल्यूड है. बफेट का संदेश है कि निवेशक सोच-समझकर निवेश करें और जल्दबाजी में फैसले न लें. लंबी अवधि क…और पढ़ेंवॉरेन बफे को दुनिया का फिलहाल सबसे सफल इन्वेस्टर माना जाता है. हाइलाइट्सवॉरेन बफेट ने 2024 में 134 अरब डॉलर के शेयर बेचे.बफेट की बिकवाली बाजार के ओवरवैल्यूड होने का संकेत.निवेशकों को सोच-समझकर और लंबी अवधि का नजरिया रखना चाहिए.नई दिल्ली. दुनिया के सबसे सफल निवेशकों के शिरोमणि माने जाने वॉरेन बफेट जब बाजार में कुछ करते हैं तो खबरें बनती हैं. इसलिए जब 2024 में 134 अरब डॉलर (11.67 लाख करोड़ रुपये) के शेयर बेचे तो बाजार में हलचल मच गई. जब भी बफेट बड़े पैमाने पर शेयर बेचते हैं, उसके पीछे कोई ठोस वजह होती है. इस बार क्या वजह हो सकती है? क्या यह 2025 के बाजार में मंदी (slowdown) का संकेत है या फिर उनकी दूरदृष्टि का हिस्सा? बफेट और उनकी कंपनी बर्कशायर हैथवे आमतौर पर तब खरीदारी करती है जब उन्हें शेयर सस्ते लगते हैं और तब बेचती है जब उन्हें लगता है कि बाजार बहुत महंगा हो चुका है. इस बार उन्होंने जो भारी बिकवाली की है, वह यह इशारा कर सकती है कि वर्तमान बाजार ओवरवैल्यूड (overvalued) है और इसमें ज्यादा ग्रोथ की संभावना नहीं बची.
इतना ही नहीं, बर्कशायर ने 2010 के बाद 8 बार नेट-सेलर (Net Seller) की भूमिका निभाई है, यानी इन वर्षों में उन्होंने ज्यादा शेयर बेचे और कम खरीदे. दिलचस्प बात यह है कि हर बार जब ऐसा हुआ, अगले साल बाजार का प्रदर्शन औसत से कमजोर रहा. ऐतिहासिक आंकड़ों पर नजर डालें तो जब-जब बर्कशायर ने ज्यादा बिकवाली की, उसके बाद अमेरिकी शेयर बाजार में सुस्ती देखी गई. उदाहरण के लिए, जब बफेट ने ज्यादा शेयर खरीदे, तब S&P 500 इंडेक्स ने 141% का रिटर्न दिया, लेकिन जब वे ज्यादा विक्रेता रहे, तब यह गिरकर 93% रह गया. बफेट की कंपनी ने अब भी करीब 272 अरब डॉलर के स्टॉक्स रखे हैं, लेकिन वे बड़े पैमाने पर नई खरीदारी से बच रहे हैं. यह संकेत देता है कि उन्हें 2025 के बाजार में ज्यादा आकर्षक निवेश मौके नहीं दिख रहे.
क्या अब बाजार से बाहर हो जाना चाहिए?इसका जवाब आसान नहीं है. बफेट ने 2010 के बाद हर साल कुछ न कुछ निवेश जरूर किया है, लेकिन इस बार का कदम यह दिखाता है कि वे सावधानी बरत रहे हैं. इसका मतलब यह नहीं कि बाजार पूरी तरह गिरने वाला है, लेकिन यह तय है कि बड़ा मुनाफा कमाने के लिए सही रणनीति अपनानी होगी.
बफेट का संदेश – सोच-समझकर निवेश करेंबफेट का यह कदम उन निवेशकों के लिए एक संकेत है, जो बिना सोचे-समझे बाजार में पैसा झोंक रहे हैं. इतिहास बताता है कि जब वे बाजार से पैसे निकालते हैं, तो जल्द ही अस्थिरता (volatility) बढ़ती है. हालांकि, शेयर बाजार हमेशा लंबे समय में फायदा देता है, लेकिन गलत समय पर एंट्री लेने से नुकसान भी हो सकता है.
निवेशकों को क्या करना चाहिए?जल्दबाजी में फैसले न लें – सिर्फ इसलिए शेयर न बेचें क्योंकि बफेट ने बेचे हैं.गहराई से रिसर्च करें – ऐसे स्टॉक्स चुनें जिनकी ग्रोथ पोटेंशियल मजबूत हो.लंबी अवधि का नजरिया रखें – बाजार में गिरावट का मतलब हमेशा मंदी नहीं होता.मार्केट ट्रेंड्स पर नजर रखें – अगर बाजार महंगा हो चुका है, तो बेहतर मौके का इंतजार करें.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 26, 2025, 17:59 ISThomebusiness’निवेशक के राजा’ ने बेच दिए 11 लाख करोड़ के शेयर, अब क्या करें इन्वेस्टर?
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