वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) इस समय एक मुश्किल दौर से गुजर रही है. AGR का बोझ और लगातार बढ़ती आर्थिक दिक्कतों ने उसके अस्तित्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं. 30 मई को कंपनी के बोर्ड की एक बैठक होने जा रही है. यह बैठक कंपनी के लिए एक बड़ा मोड़ साबित हो सकती है. अगर पैसा जुटाने का अच्छा प्लान सामने आता है तो Vi के लिए बड़ी राहत की बात होगी, वरना उसके लिए स्थिति और मुश्किल हो सकती है.
वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) यानी Vi एक बार फिर से पैसे जुटाने की तैयारी कर रही है. कंपनी ने बताया है कि 30 मई 2025 को उसकी एक बड़ी बैठक होने वाली है, जिसमें यह तय किया जाएगा कि नया पैसा किस तरीके से जुटाया जाए. यह फैसला ऐसे समय पर लिया जा रहा है जब कंपनी को सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ा झटका मिला है. कोर्ट ने AGR यानी एडेजेस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (Adjusted Gross Revenue) के बकाया को माफ करने की मांग को खारिज कर दिया है. AGR बकाया को लेकर अब भी Vi पर 58,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बोझ बना हुआ है.
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पैसा जुटाने के लिए कंपनी कई तरीकों पर विचार कर रही है, जैसे कि राइट्स इश्यू, पब्लिक ऑफर, प्राइवेट प्लेसमेंट, प्रेफरेंशियल अलॉटमेंट, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP), बॉन्ड्स, वॉरंट्स और डिबेंचर्स. ये डिबेंचर्स विदेशी या घरेलू हो सकते हैं और ये लिस्टेड या अनलिस्टेड भी हो सकते हैं. मतलब कंपनी के पास पैसा जुटाने के लिए कई विकल्प खुले हैं और वह इनमें से एक या ज्यादा का इस्तेमाल कर सकती है.
कंपनी की कमाई और नुकसान पर होगी बात
इस बैठक में कंपनी के पिछले साल यानी Q4 FY25 और पूरे FY25 के नतीजों पर भी बात होगी. इसमें देखा जाएगा कि कंपनी ने कितनी कमाई की, कितना नुकसान हुआ और नेटवर्क में कितना निवेश किया गया. यह भी समझा जाएगा कि कंपनी की मौजूदा आर्थिक स्थिति क्या है.
पिछले हफ्ते की बात करें तो सुप्रीम कोर्ट ने सभी टेलिकॉम कंपनियों की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने AGR बकाया को माफ करने की गुजारिश की थी. कोर्ट ने साफ कहा कि यह मांग गलतफहमी पर आधारित है. इससे वोडा आइडिया की मुश्किलें और बढ़ गई हैं, क्योंकि उसके ऊपर अब भी भारी कर्ज और देनदारियां हैं.
क्यों जरूरी है पैसा जुटाना?
पैसा जुटाना इसलिए जरूरी हो गया है, क्योंकि कंपनी को अपने नेटवर्क का विस्तार करना है और 5G सर्विस को शुरू करना है. इसके लिए बड़ी पूंजी की जरूरत है. साथ ही कंपनी को अपने निवेशकों का भरोसा भी बनाए रखना है और इसके लिए उसकी बैलेंस शीट मजबूत दिखनी चाहिए. जियो और एयरटेल जैसे बड़े प्रतियोगियों से मुकाबले में टिके रहना भी तभी मुमकिन होगा जब Vi निवेश बढ़ाए.
अब सभी निवेशकों की नजर 30 मई की बोर्ड बैठक पर टिकी हुई है. अगर कंपनी फंड जुटाने का कोई मजबूत प्लान पेश करती है तो शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. अगर पैसा राइट्स इश्यू या प्रेफरेंशियल अलॉटमेंट जैसे तरीके से जुटाया जाता है तो इससे शेयरधारकों को फायदा या नुकसान दोनों हो सकते हैं.
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