नई दिल्ली. अक्टूबर के महीने में घर पर बनी शाकाहारी और मांसाहारी थाली दोनों की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई, लेकिन शाकाहारी थाली की कीमत मांसाहारी थाली की तुलना में अब भी अधिक रही. क्रिसिल के मासिक ‘रोटी राइस रेट’ रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर में शाकाहारी थाली की कीमत में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. मांसाहारी थाली की कीमत, जो पिछले 12 महीनों से कम हो रही थी, 5 प्रतिशत बढ़ गई. जिन लोगों को दाल और सब्जियों की बजाय चिकन पसंद है, उन्हें बीते महीने कम कीमत चुकानी पड़ी.
यह बढ़ोतरी मुख्यतः प्याज, टमाटर और आलू की बढ़ी हुई कीमतों के कारण हुई है. क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि सब्जियों की कीमत में उछाल के कारण शाकाहारी थाली महंगी हुई है. वहीं, मांसाहारी थाली में चिकन का हिस्सा होने के कारण इस पर असर कम पड़ा है. शाकाहारी थाली में रोटी, सब्जियां (प्याज, टमाटर, आलू), चावल, दाल, दही और सलाद शामिल होते हैं, जबकि मांसाहारी थाली में दाल की जगह चिकन शामिल होता है.
सब्जियों के दाम में उछाल का कारणअक्टूबर में शाकाहारी थाली की कीमत में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि मांसाहारी थाली की कीमत में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. शाकाहारी थाली की बढ़ी कीमतों के पीछे प्याज, टमाटर और आलू जैसे सब्जियों की कीमतों में हुई बढ़ोतरी मुख्य कारण है. प्याज की कीमत में 46 प्रतिशत और आलू की कीमत में 51 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जिसका कारण सितंबर में हुई भारी बारिश है. महाराष्ट्र और कर्नाटक में बारिश के चलते प्याज की फसल देर से आ रही है, और रबी आलू के स्टॉक में भी कमी आई है. वहीं, नए आलू की आवक दिसंबर-जनवरी से शुरू होने की उम्मीद है.
टमाटर के दाम में तेजीअक्टूबर 2023 में 29 रुपये प्रति किलोग्राम बिकने वाला टमाटर अक्टूबर 2024 में 64 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया, जो कि 120 प्रतिशत का उछाल है. महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में सितंबर में हुई बारिश से फसल को नुकसान हुआ और मांग के मुकाबले आवक कम रही. हालांकि, मध्य प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश से टमाटर की नई आपूर्ति आने से नवंबर में कीमतों के स्थिर होने की संभावना है. टमाटर की कीमत का शाकाहारी थाली की कुल लागत में 14 प्रतिशत हिस्सा है.
दाल और ईंधन की कीमतों का प्रभावदाल, जो शाकाहारी थाली की लागत का 9 प्रतिशत है, उसकी कीमत में भी 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई. यह बढ़ोतरी स्टॉक की कमी और त्योहारी मांग के चलते हुई है. हालांकि, दिसंबर में नई फसल की आवक से दाल की कीमत में गिरावट की उम्मीद है. वहीं, ईंधन की कीमत में पिछले साल के मुकाबले 11 प्रतिशत की कमी ने थाली की कुल लागत को और बढ़ने से रोका है.
मासिक आधार पर थाली के दाम में वृद्धिमासिक आधार पर अक्टूबर में शाकाहारी थाली की कीमत में 6 प्रतिशत और मांसाहारी थाली की कीमत में 4 प्रतिशत का इजाफा हुआ. इसमें मुख्य कारण टमाटर की कीमत में 39 प्रतिशत की वृद्धि और प्याज की कीमत में 6 प्रतिशत की वृद्धि रही. साथ ही, अक्टूबर में सब्जी तेल की कीमत में भी 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. मांसाहारी थाली में चिकन की स्थिर कीमतों के कारण इसमें और अधिक वृद्धि से बचा जा सका.
Tags: Business newsFIRST PUBLISHED : November 13, 2024, 17:04 IST
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