बस 3 हफ्ते में खत्म हो गया भारत की पूरी इकोनॉमी से ज्यादा पैसा! मंदी अब तय है?

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Last Updated:March 15, 2025, 23:25 ISTअमेरिकी शेयर बाजार में 5.28 ट्रिलियन डॉलर की गिरावट से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है. विशेषज्ञ व्यापारिक तनाव, अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सुस्ती और AI-ड्रिवन ट्रेडिंग को कारण मानते हैं. मंदी की आशंका बढ़ रही है, …और पढ़ेंभारतीय बाजार में भी बिकवाली का दबाव बना हुआ है. हाइलाइट्सअमेरिकी शेयर बाजार में 5.28 ट्रिलियन डॉलर की गिरावटव्यापारिक तनाव और AI-ड्रिवन ट्रेडिंग को गिरावट का कारणमंदी की आशंका, फेडरल रिजर्व की नीति महत्वपूर्णनई दिल्ली. अमेरिकी शेयर बाजार में हाल ही में बड़ी गिरावट देखने को मिली है, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है. बीते तीन हफ्तों में बाजार से 5.28 ट्रिलियन डॉलर (5.28 लाख करोड़ डॉलर) की संपत्ति साफ हो गई है. प्रमुख इंडेक्स S&P 500 समेत कई अन्य बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे वॉल स्ट्रीट में चिंता का माहौल है. आपको बता दें कि भारत की कुल जीडीपी ही 4 ट्रिलियन डॉलर से कुछ अधिक है. विशेषज्ञों के मुताबिक, इस ऐतिहासिक गिरावट की तीन प्रमुख वजहें सामने आई हैं. पहली, अमेरिका और अन्य देशों के बीच व्यापारिक तनाव (Trade War) बढ़ रहा है, जिससे बाजार पर नकारात्मक असर पड़ा है. दूसरी, अमेरिकी अर्थव्यवस्था के सुस्त होने के संकेत मिल रहे हैं, जिससे निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ गई है. तीसरी, टेक कंपनियों में AI-ड्रिवन ट्रेडिंग के चलते बड़े पैमाने पर बिकवाली (Sell-off) देखी गई, जिससे बाजार में गिरावट और तेज हो गई.

ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह गिरावट 19 फरवरी 2025 को शुरू हुई, जब S&P 500 इंडेक्स 52.06 ट्रिलियन डॉलर के बाजार मूल्य पर था. लेकिन महज तीन हफ्तों में, 14 मार्च 2025 तक, इसका मूल्य गिरकर 46.78 ट्रिलियन डॉलर हो गया. इस दौरान बाजार में 5.28 ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति डूब गई. निवेशकों के लिए यह बड़ा झटका है क्योंकि यह हाल के वर्षों की सबसे तेज गिरावटों में से एक मानी जा रही है.

क्या मंदी (Recession) का खतरा बढ़ रहा है?बाजार में गिरावट के साथ ही अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी (Recession) की आशंका भी बढ़ती जा रही है. उपभोक्ता विश्वास सूचकांक (Consumer Sentiment) लगातार गिर रहा है, जिससे लोगों की खरीदारी कम हो सकती है. प्रमुख रिटेल कंपनियां जैसे Walmart आने वाले महीनों में कमजोर बिक्री की आशंका जता रही हैं. यदि यह ट्रेंड जारी रहता है, तो आर्थिक मंदी का खतरा और गहरा सकता है.

बाजार को क्या स्थिर कर सकता है?विशेषज्ञों का मानना है कि फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) की अगली नीति बाजार को स्थिर करने में अहम भूमिका निभा सकती है. यदि गिरावट जारी रही, तो फेड ब्याज दरों में कटौती करने पर विचार कर सकता है, जिससे बाजार में कुछ स्थिरता आ सकती है. इसके अलावा, अमेरिकी सरकार पर भी दबाव बढ़ रहा है कि वह अपनी व्यापार नीतियों में बदलाव करे और निवेशकों को राहत देने के लिए ठोस कदम उठाए.

क्या यह मंदी की शुरुआत है?अभी तक यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है कि यह मंदी की शुरुआत है या सिर्फ एक बाजार सुधार (Correction). लेकिन अगर कंपनियों के तिमाही नतीजे कमजोर आते हैं और उपभोक्ता खर्च और घटता है, तो हालात और बिगड़ सकते हैं. विशेषज्ञ आने वाले हफ्तों को बेहद महत्वपूर्ण मान रहे हैं, क्योंकि वे तय करेंगे कि यह सिर्फ एक अस्थायी गिरावट है या फिर किसी बड़े आर्थिक संकट की आहट.

भारत की स्थितिभारत में भी शेयर मार्केट की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. एफआईआई द्वारा पैसा निकाले जाने के कारण बाजार पर बड़े स्तर पर बिकवाली का दबाव बढ़ता जा रहा है. पिछले कुछ सत्रों में जरूर शेयर मार्केट में थोड़ी स्थिरता दिखी है लेकिन 10 मार्च तक के आंकड़ों के अनुसार, इस साल अब तक भारतीय बाजार से 1.3 लाख करोड़ रुपये डूब चुके हैं. शेयर मार्केट के आखिरी सत्र में सेंसेक्स 200 अंक गिरकर 73,828.91 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 73 अंक टूटकर 22,397.20 के स्तर पर बंद हुआ.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :March 15, 2025, 23:25 ISThomebusinessबस 3 हफ्ते में खत्म हो गया भारत की पूरी इकोनॉमी से ज्यादा पैसा! मंदी अब तय है?

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