भारत-रूस डिफेंस डील से फिर अमेरिका के सीने में उठा दर्द

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Last Updated:June 03, 2025, 10:20 ISTअमेरिका के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटकनिक ने भारत-रूस सैन्य संबंधों और डॉलर के खिलाफ रुख पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौता निकट भविष्य में हो सकता है.अमेरिका के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटकनिक ने कहा कि भारत के कुछ फैसलों ने यूएस को असहज किया है. हाइलाइट्सभारत-रूस सैन्य संबंधों पर अमेरिका चिंतित.भारत-अमेरिका व्यापार समझौता निकट भविष्य में संभव.भारत का डॉलर के खिलाफ रुख अमेरिका को असहज करता है.नई दिल्‍ली. अमेरिका को भारत और रूस के दोस्‍ताना संबंध हमेशा से ही चुभते आए हैं. भारत का रूस से सैन्‍य साज्‍जो-सामान खरीदने का वह हमेशा से ही आलोचक रहा है. अमेरिका चाहता है कि भारत रूस के बजाय उससे हथियार खरीदे. भारत-रूस के घनिष्‍ठ संबंधों से अमेरिका के सीने में उठ रहा दर्द एक बार फिर झलका है. अमेरिका के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटकनिक ने सोमवार को कहा कि भारत के कुछ रणनीतिक फैसलों ने अमेरिका के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को प्रभावित किया है. उन्‍होंने कहा कि रूस के साथ लंबे समय से चले आ रहे सैन्य संबंध और डॉलर के वर्चस्व के खिलाफ रुख  ने भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में चुनौतियां खड़ी की हैं. उन्होंने कहा, “अमेरिका में दोस्त बनाने का यह तरीका नहीं है.”

हॉवर्ड लटकनिक ने यह भी कहा कि अब दोनों देश “एक मजबूत और सकारात्मक स्थान” पर हैं. साथ ही यह भी संकेत दिया कि भारत और अमेरिका के बीच एक व्यापार समझौता निकट भविष्य में हो सकता है. वॉशिंगटन डीसी में आयोजित एक कार्यक्रम में लटकनिक ने कहा, “भारत सरकार ने कुछ ऐसे कदम उठाए थे, जिन्होंने अमेरिका को गलत तरीके से प्रभावित किया. उदाहरण के लिए, भारत का रूस से सैन्य उपकरण खरीदना एक ऐसा फैसला था जिससे अमेरिका असहज हुआ. अगर आप अपने हथियार रूस से खरीदते हैं, तो यह अमेरिका के लिए चुभने वाली बात होती है.”

डॉलर के खिलाफ भारत का रुख

लटकनिक ने आगे कहा कि भारत का ब्रिक्स समूह का हिस्सा बनना और डॉलर के वर्चस्व के खिलाफ रुख अपनाना भी अमेरिका के साथ दोस्ताना संबंधों को प्रभावित करने वाले फैसले रहे हैं. उन्होंने कहा, “अगर आप कहते हैं कि आप डॉलर और उसके वैश्विक प्रभाव का समर्थन नहीं करेंगे, तो यह अमेरिका में लोगों को प्रभावित करने और दोस्त बनाने का तरीका नहीं है.” उन्होंने यह भी साफ किया कि अब दोनों देशों ने इन विवादित मुद्दों पर सीधी बातचीत कर समाधान निकाला है. लटकनिक ने कहा, “जब आप मुद्दों को सामने रखते हैं, उनका समाधान सीधी बातचीत से करते हैं, तो रिश्ते मजबूत होते हैं. और मुझे लगता है कि हम अब बहुत अच्छी स्थिति में हैं.”

सैन्‍य खरीद पर बन रही है बात

लटकनिक ने कहा, “मुझे लगता है कि भारत अब अमेरिका से सैन्य उपकरण खरीदने की दिशा में बढ़ रहा है, जो रिश्तों को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.” भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर उन्‍होंने कहा, “दोनों देश अब ऐसे मुकाम पर पहुंच गए हैं, जहां उनके हित आपस में मेल खाते हैं. इसलिए भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता अब ज्यादा दूर नहीं है.”
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