Last Updated:May 17, 2025, 16:54 ISTडोनाल्ड ट्रंप का अमेरिका कर्ज में डूबा है. मूडीज ने क्रेडिट रेटिंग AAA से घटाकर AA1 कर दी है. बढ़ते बजट घाटा और राजनीतिक असहमति आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा बन सकते हैं.मूडीज ने अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग डाउनग्रेड कर दी है. हाइलाइट्सअमेरिका की क्रेडिट रेटिंग AAA से घटकर AA1 हुई.बढ़ते बजट घाटा और राजनीतिक असहमति से आर्थिक स्थिरता खतरे में.रेटिंग में गिरावट से अमेरिका को कर्ज पर ज्यादा ब्याज देना होगा.नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आजकल अमेरिका को फिर से ‘महान’ बनाने के अभियान पर है. टैरिफ का डर दिखाकर वे दुनिया भर के देशों से मनमाफिक व्यापार करना चाहते हैं ताकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को गति दे सकें. लेकिन, अमेरिका का कर्ज कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. इसी का नतीजा है कि वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody’s) ने अमेरिका की टॉप क्रेडिट रेटिंग AAA से घटाकर AA1 कर दी है. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब अमेरिकी सरकार लगातार बढ़ते कर्ज को नियंत्रित करने में नाकाम साबित हो रही है.
मूडीज ने रेटिंग घटाते हुए कहा कि हालांकि अमेरिका की आर्थिक ताकत अब भी असाधारण बनी हुई है, लेकिन तेजी से बढ़ता बजट घाटा और राजनीतिक असहमति लंबे समय में आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा बन सकते हैं. मूडीज के मुताबिक अमेरिकी अर्थव्यवस्था का आकार, उसकी लचीलापन और डॉलर का ग्लोबल रिजर्व मुद्रा होना अब भी उसकी सबसे बड़ी ताकत है.
अमेरिका की रेटिंग में तीसरी बार कटौती
मूडीज से पहले स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (S&P) ने 2011 में और फिच (Fitch) ने 2023 में अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग में कटौती की थी. यानी मूडीज अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग में कटौती करने वाली तीसरी प्रमुख एजेंसी बन गई है. मूडीज ने चेतावनी दी है कि यदि हालात नहीं बदले तो 2035 तक अमेरिका का बजट घाटा बढ़कर 9% तक पहुंच सकता है, जो फिलहाल 6.4% के आसपास है. इसके पीछे तीन प्रमुख वजहें हैं –
कर्ज पर बढ़ता ब्याज बोझ.
सामाजिक कल्याण योजनाओं में भारी खर्च.
कम टैक्स कलेक्शन.
राजनीतिक असहमति बन रही बड़ी बाधा
मूडीज का मानना है कि 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा की गई टैक्स कटौती को अगर आगे बढ़ाया गया तो इससे अगले 10 सालों में केंद्रीय घाटे में 4 लाख करोड़ डॉलर और जुड़ जाएंगे. मूडीज ने रिपोर्ट में यह भी कहा है कि अमेरिका की दोनों प्रमुख पार्टियों – रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स – के बीच नीति को लेकर गहरी असहमति है. रिपब्लिकन टैक्स कम करने के पक्ष में हैं, जबकि डेमोक्रेट्स खर्चों में कटौती को लेकर सहमत नहीं हैं. ऐसे में किसी ठोस समाधान की उम्मीद नज़र नहीं आ रही है.
क्या होगा असर?
रेटिंग में गिरावट का मतलब है कि अमेरिका को कर्ज लेने में अब ज्यादा ब्याज देना होगा. इससे न केवल अमेरिकी सरकार पर आर्थिक दबाव बढ़ेगा, बल्कि इसका असर वैश्विक निवेश माहौल और बाजारों पर भी पड़ सकता है. अब देखना यह होगा कि दुनिया की सबसे ताकतवर अर्थव्यवस्था इस वित्तीय संकट के साये से खुद को कैसे निकालती है.
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