Last Updated:April 29, 2025, 16:52 ISTनेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 30 जून 2025 से यूपीआई ट्रांजैक्शन में बड़ा बदलाव किया है. अब पेमेंट से पहले बैंक-वेरिफाइड नाम ही दिखेगा, न कि अलियास या निकनेम. यह फ्रॉड रोकने, पारदर्शिता बढ़ाने और …और पढ़ेंहाइलाइट्स30 जून 2025 से UPI पेमेंट में बैंक-वेरिफाइड नाम दिखेगा.नया नियम फ्रॉड रोकने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए है.यूजर्स को अब असली नाम दिखेगा, जिससे गलत ट्रांसफर कम होगा.UPI new rule 2025: यूपीआई से पेमेंट करने वालों के लिए राहत की खबर है. अब इतना समझ लीजिए कि आपके साथ कोई फ्रॉड नहीं कर पाएगा. ऐसा इसलिए, क्योंकि अब पेमेंट करने से पहले आपको उसका असली नाम दिखेगा, जिसे आप पैसा भेज रहे हैं. अभी तक केवल अलियास या निकनेम ही दिखता था, जिसके चलते अक्सर भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती थी. मगर अब वही नाम दिखेगा, जो बैंक द्वारा वेरिफाइड होगा, मतलब असली नाम.
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक नया नियम लागू किया है, जो 30 जून 2025 से प्रभावी होगा. इसके तहत अब यूपीआई ऐप्स को पेमेंट कन्फर्म करने से पहले बैंक-वेरिफाइड नाम ही दिखाना होगा. यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने, धोखाधड़ी कम करने और यूजर्स को सुरक्षित डिजिटल ट्रांजैक्शन का विश्वास दिलाने के लिए उठाया गया है.
क्या है पूरा बदलाव और क्यों किया गया ऐसा?NPCI के 24 अप्रैल 2025 के निर्देश के मुताबिक, अब P2P (पर्सन-टू-पर्सन) और P2PM (पर्सन-टू-मर्चेंट) दोनों तरह के ट्रांजैक्शन में केवल बैंक द्वारा वेरिफाइड नाम (CBS के अनुसार) ही पेमेंट कन्फर्मेशन स्क्रीन पर दिखेगा. पहले यूपीआई ऐप्स में QR कोड से लिया गया नाम, यूजर-डिफाइंड अलियास (उपनाम), सेव्ड कॉन्टैक्ट्स या निकनेम दिखाए जाते थे. यह सुविधाजनक तो था, लेकिन इससे गलतियों और फ्रॉड की गुंजाइश रहती थी. धोखेबाज अक्सर नामों की नकल करके यूजर्स को गुमराह कर देते थे. अब CBS-आधारित नाम दिखने से यह समस्या खत्म हो जाएगी.
क्या होता है अल्टीमेट बेनिफिशियरीNPCI के अनुसार, अल्टीमेट बेनिफिशियरी वह व्यक्ति या संस्था है, जो सामान या सेवाओं के बदले पैसा प्राप्त कर रहा है. चूंकि CBS डेटा बैंकों द्वारा कंट्रोल किया जाता है और सिक्योर APIs के जरिए रिट्रीव किया जाता है, इसलिए इसे यूजर्स या ऐप्स द्वारा बदला नहीं जा सकता. इससे पेमेंट करने वाले को एक सटीक, वेरिफाइड आइडेंटिटी मिलेगी, जिससे गलत ट्रांजैक्शन का खतरा कम होगा.
क्या पेमेंट करने का तरीका बदलेगा?बिलकुल भी नहीं. यूजर्स अभी भी UPI ID, फोन नंबर या QR कोड के जरिए पेमेंट शुरू कर सकेंगे. लेकिन फाइनल कन्फर्मेशन स्टेप पर दिखने वाला नाम बदल जाएगा. अब किसी भी अलियास या सेव्ड कॉन्टैक्ट नाम की जगह बैंक-अप्रूव्ड नाम ही दिखेगा.
धोखाधड़ी पर लगाम, यूजर कॉन्फिडेंस बढ़ेगा?टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में NTT DATA पेमेंट सर्विसेज के राहुल जैन के हवाले से लिखा, “स्कैमर्स अक्सर ब्रांड्स जैसे नाम रखकर यूजर्स को बेवकूफ बना देते थे. अब CBS वेरिफिकेशन से ऐसा करना मुश्किल हो जाएगा.” एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे फर्जी नामों से होने वाली धोखाधड़ी पर काफी हद तक रोक लगेगी.इसके अलावा, यह सुधार यूजर कॉन्फिडेंस भी बढ़ाएगा. पेमेंट से पहले सही बेनिफिशियरी नाम देखकर यूजर्स रिसीवर को वेरिफाई कर सकेंगे, जिससे गलती से हुए ट्रांसफर का रिस्क कम होगा.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :April 29, 2025, 16:52 ISThomebusinessUPI पेमेंट में क्रांतिकारी बदलाव, अब धोखे से भी गलत शख्स को नहीं होगी पेमेंट
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